Fact Check : जर्मनी में स्‍थ‍ित फील्‍ड स्‍टेशन की पुरानी तस्‍वीर को तुर्की की मस्‍जिद बताकर किया गया वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में तुर्की की मस्जिद के नाम पर वायरल पोस्‍ट फर्जी न‍िकली। यह बर्लिन के एक फील्‍ड स्‍टेशन की तस्‍वीर है। इसे कोल्‍ड वार के वक्‍त अमेरिका ने बनाया था।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया में एक इमारत की तस्‍वीर वायरल हो रही है, यूजर्स इसे तुर्की की मस्जिद बताते हुए समुदाय विशेष पर निशाना साध रहे हैं।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। हमें पता चला कि जर्मनी के बर्लिन में स्थित अमेरिका के एक पुराने फील्‍ड स्‍टेशन की तस्‍वीर को कुछ लोग मस्‍जिद की तस्‍वीर बताकर वायरल कर रहे हैं।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर दीपक स‍िंह ने 6 जनवरी को एक तस्‍वीर को अपलोड करते हुए दावा किया : ‘ये है टर्की की मस्जिद, बाकी डिज़ाईन से अंदाजा लगा सकते हैं इनकी औकात का कोई भी इस गलतफहमी में ना रहे कि लालकिला, ताजमहल, कुतुबमीनार ,इन्हीं महान जादूगरों ने बनाया होगा!’

इस तस्‍वीर को दूसरे यूजर्स भी फेसबुक, ट्विटर और वॉट्सऐप पर फर्जी दावों के साथ वायरल कर रहे हैं। फेसबुक पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड वर्जन देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल तस्‍वीर को गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड करके सर्च किया। हमें यह तस्‍वीर रायटर्स की वेबसाइट पर एक खबर में मिली। फोटो के कैप्‍शन में लिखा गया कि राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NSA) के पूर्व लिसनिंग स्टेशन के एंटीना बर्लिन में तुफेल्सबर्ग पहाड़ी या डेविल्स माउंटेन पर दिखे हैं। स्‍वरी को 5 नवंबर 2013 को रॉयटर्स के फोटोग्राफर फैब्रिजिओ बेंसच ने क्लिक की थी।

पड़ताल के दौरान हमें पता चला कि जर्मनी में मौजूद तुफेल्‍सबर्ग ह‍िल की ऊंचाई पर अमेरिका की नेशनल स‍िक्‍युरिटी एजेंसी ने कोल्‍ड वार के वक्‍त यह फील्‍ड स्‍टेशन बनाया था।

विश्‍वास न्‍यूज ने गूगल मैप के जरिए तुफेल्‍सबर्ग हिल पर मौजूद अमेरिका के पुराने फील्‍ड स्‍टेशन को खोजा। फ‍िलहाल यह स्‍टेशन बंद पड़ा है। इसे मैप में यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज रॉयटर्स के फैब्रिजिओ बेंसच को ईमेल किया, ताकि हम तस्‍वीर की सच्‍चाई पर मुहर लगा सकें। रॉयटर्स के न्‍यूज फीचर्स जर्मनी के सीनियर एडिटर इन चार्ज Joachim Herrmann ने हमें विकीपीडिया पर मौजूद तस्‍वीर के बारे में ड‍िटेल जानकारी का लिंक भेजते हुए सच बताया। तस्‍वीर तुर्की की मस्जिद की नहीं, बल्कि बर्लिन में बने सेंटर की है।

पड़ताल के अंत में हमने फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की। हमें पता चला कि फेसबुक यूजर दीपक स‍िंह ने अपने अकाउंट को लॉक्‍ड किया हुआ है। फ‍िर भी हमें कुछ जानकारियां मिलीं। यूजर दादर एंड नागर हवेली में रहता है। इस अकाउंट को जनवरी 2012 को बनाया गया था।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की जांच में तुर्की की मस्जिद के नाम पर वायरल पोस्‍ट फर्जी न‍िकली। यह बर्लिन के एक फील्‍ड स्‍टेशन की तस्‍वीर है। इसे कोल्‍ड वार के वक्‍त अमेरिका ने बनाया था।

False
Symbols that define nature of fake news
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