विशवस न्यूज ने जांच में वायरल दावे को फर्जी पाया है। इमरान खान और पाकिस्तान की सरकार के बीच सुलह के दावे से वायरल हो रहा समझौता पत्र फर्जी है। वायरल पत्र को एडिटिंग की मदद से तैयार किया गया है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के नाम से जारी समझौते का एक पत्र वायरल हो रहा है। दावा किया गया है कि इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने सरकार के साथ समझौते का फैसला लिया है। समझौते के मुताबिक, इमरान खान को जेल में सुरक्षित रखे जाने की बात तय की गई है।
विशवस न्यूज ने जांच में वायरल दावे को फर्जी पाया है। इमरान खान और पाकिस्तान की सरकार के बीच सुलह के दावे से वायरल हो रहा समझौता पत्र फर्जी है। वायरल पत्र को एडिटिंग की मदद से तैयार किया गया है।
विश्वास न्यूज के वॉट्सऐप टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर यूजर ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है- ”इमरान खान ने मध्यस्थता समझौते में 2 नंबर पर शर्त लिखवाई है कि उसका हिरासत में रेप न किया जाए क्योंकि उसे #@##@ है। मतलब वहां हिरासतमें ये सब भी होता है !? पाकिस्तान मे इमरान साहब की गिरफ्तारी के समय वकील को कोर्ट मे शर्त रखनी पडी कि, इमरान की उम्र ओर दैश का प्रधानमंत्री का ओहदा देखकर इमरान को पुलिस कस्टडी मे होने वाले बलात्कार से बक्शा जाये, साथ ही #@##@ की बिमारी का सर्टिफिकेट भी लगाया। हांय रे पठान हांय रे इस्लाम हांय रे पाकिस्तान।”
पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें।
वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने संबंधित कीवर्ड से सर्च किया। हमें दावे से जुड़ी कोई भी विश्वसनीय रिपोर्ट नहीं मिली। अगर पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और सरकार के बीच ऐसा कोई समझौता होता है, तो इससे जुड़ी न्यूज रिपोर्ट जरूर होती। हालांकि सर्च किये जाने पर हमें जियो फैक्ट चेक के एक्स हैंडल पर 10 मई 2023 को पब्लिश हुई पोस्ट मिली जिसमें इस समझौता पत्र को फर्जी बताया गया है।
अब हमने वायरल पत्र को ध्यान से देखा। इसमें तीन लोगों, इमरान अहमद खान नियाजी (चेयरमैन, पीटीआई), यूसुफ नसीम खोखर (गृह सचिव) और अमेरिकी राजदूत डोनाल्ड ब्लोम का नाम का लिखा है। हमने यूसुफ नसीम खोखर के बारे में सर्च किया तो एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान पर सात मार्च 2023 को प्रकाशित खबर से पता चला कि यूसुफ नसीम, गृह सचिव के पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। हालांकि, अगर इमरान खान का सरकार के साथ वायरल पत्र जैसा कोई भी समझौता होता तो उस पर गृह सचिव के तौर पर यूसुफ नसीम खोखर के दस्तखत नहीं होते।
पाकिस्तान की सरकार और इमरान खान के बीच सुलह होने के दावे के साथ वायरल किये जा रहे पत्र में कई अव्यावहारिक बातें लिखी गई हैं, जिन्हें सही मानकर भरोसा करना मुश्किल है।
1 “पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के चेयरमैन इमरान अहमद खान नियाजी को पूछताछ के दौरान नंगा नहीं किया जाएगा।”
2 “किसी को भी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के चेयरमैन इमरान अहमद खान नियाजी के साथ बलात्कार करने की इजाजत नहीं होगी, क्योंकि उन्हें बवासीर की बीमारी है।”
3 “पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के चेयरमैन इमरान अहमद खान नियाजी को लोहे की छड़ या बांस (छड़ी) से प्रताड़ित नहीं किया जाएगा।”
इससे पहले भी हम इस फर्जी समझौता पत्र का फैक्ट चेक कर चुके हैं। फैक्ट चेक को यहां पढ़ा जा सकता है।
विशवस न्यूज ने जांच में वायरल दावे को फर्जी पाया है। इमरान खान और पाकिस्तान की सरकार के बीच सुलह के दावे से वायरल हो रहा समझौता पत्र फर्जी है। वायरल पत्र को एडिटिंग की मदद से तैयार किया गया है।
निष्कर्ष: विशवस न्यूज ने जांच में वायरल दावे को फर्जी पाया है। इमरान खान और पाकिस्तान की सरकार के बीच सुलह के दावे से वायरल हो रहा समझौता पत्र फर्जी है। वायरल पत्र को एडिटिंग की मदद से तैयार किया गया है।
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