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Fact Check: म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद गलत दावे के साथ वायरल की जा रहीं हैं KIA की पुरानी तस्वीरें

हमारी पड़ताल में हमने पाया कि ये दावा भ्रामक है। वायरल हो रही तस्वीरें पुरानी हैं और इनका हालिया म्यांमार संकट से कोई लेना-देना नहीं है।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया पर हथियारबंद लोगों की कुछ तस्वीरें इस दावे के साथ शेयर की जा रही हैं कि ये काचिन इंडिपेंडेंस आर्मी (केआईए) के सदस्य हैं, जिन्होंने म्यांमार के एक शहर पर कब्जा किया है। हमारी पड़ताल में हमने पाया कि ये दावा भ्रामक है। वायरल हो रही तस्वीरें पुरानी हैं, और इनका हालिया म्यांमार संकट से कोई लेना-देना नहीं है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर Nan LadyKo ने इन दो तस्वीरों को शेयर किया और उसके साथ लिखा “ၿမိဳ့သိမ္းတယ္ဆိုတာ ဒါကိုေခၚတယ္ေနာ္

ကားမိုင္းၿမိဳ ့ကို KIA စစ္သားမ်ား ဝင္ေရာက္ေနရာယူေနၿပီ” जिसका हिंदी अनुवाद होता है “इसे कहते हैं विजय। केआईए सैनिकों ने कामाइंगो पर कब्जा किया।”

पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की पड़ताल करने के लिए दोनों तस्वीरों को एक-एक करके जांचने का फैसला किया।

हमने सबसे पहले ऊपर वाली फोटो को रिवर्स इमेज सर्च किया। हमें यह तस्वीर invisiblephotographer.asia पर मिली। 26 मार्च 2014 को प्रकाशित खबर में लगी इस तस्वीर के साथ डिस्क्रिप्शन लिखा था, “Soldiers of Kachin Independence Army (KIA) patrol around the town in the evening. Recent fight between Myanmar government and KIA at the Mansi area awakes Laiza to stay alert.” जिसका हिंदी अनुवाद होता है, “काचिन इंडिपेंडेंस आर्मी (केआईए) के जवान शाम को शहर के चारों ओर गश्त करते हैं। मानसी इलाके में म्यांमार सरकार और केआईए के बीच हालिया लड़ाई ने लाइज़ा को सतर्क रहने पर मजबूर कर दिया है।” गैलरी के अनुसार, तस्वीर 2014 की है।

अब हमने पोस्ट में इस्तेमाल दूसरी तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज पर खोजा। हमें यह तस्वीर www2.irrawaddy.com/article. पर 17 अक्टूबर 2011 को प्रकाशित एक खबर में मिली। तस्वीर के साथ डिस्क्रिप्शन लिखा था, “KIA troops leave Laiza for the front line (Photo: Jinghpaw Kasa Blog)”

आपको बता दें कि काचिन इंडिपेंडेंस आर्मी (KIA) म्यांमार में सबसे शक्तिशाली जातीय विद्रोही समूहों में से एक है। ये बात सही है कि काचिन इंडिपेंडेंस आर्मी (केआईए) ने 1 फरवरी के तख्तापलट के बाद म्यांमार की सेना के साथ लड़ाई के बाद से सेना के कम से कम 10 सैन्य ठिकानों पर कब्जा कर लिया है। इस बारे में पूरी जानकारी इस खबर में पढ़ी जा सकती है। 

विश्वास न्यूज ने इन तस्वीरों के बारे में ज़्यादा जानकारी के लिए इनमें से एक तस्वीर को खींचने वाले फ्रीलांस फोटोजर्नलिस्ट हू ताई ज़ार से संपर्क किया। उन्होंने कन्फर्म किया कि उन्होंने यह तस्वीर 2014 में खींची थी। हू ताई ज़ार ने ये भी कहा कि भले ही उन्होंने नीचे वाली तस्वीर न खींची हो पर वो ये ज़रूर कह सकते हैं कि तस्वीर अभी की नहीं, बल्कि पुरानी है। उन्होंने कहा कि वे इस तस्वीर को कई सालों से देखते आ रहे हैं और ये अलग-अलग मौकों पर गलत दावों के साथ वायरल होती रही है।

अब बारी थी इस पोस्ट को साझा करने वाले यूजर Nan LadyKo के प्रोफाइल को स्कैन करने की। प्रोफाइल को स्कैन करने पर हमने पाया कि यूजर के फेसबुक पर 3046 फॉलोवर्स हैं।

निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में हमने पाया कि ये दावा भ्रामक है। वायरल हो रही तस्वीरें पुरानी हैं और इनका हालिया म्यांमार संकट से कोई लेना-देना नहीं है।

  • Claim Review : This is called saving town. KIA soldiers taking place in car mai city.
  • Claimed By : Nan LadyKo
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