विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में दावा गलत साबित हुआ। यह 2014 में लंदन की सड़कों पर कुछ कुर्द एक्टिविस्ट्स और अभिनेताओं द्वारा किया गया प्ले था, कोई असली औरतों की नीलामी नहीं।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर आजकल एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक व्यक्ति को सड़क किनारे कुछ बुर्का पहने महिलाओं को बेचते हुए देखा जा सकता है। पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो अफगानिस्तान का है, जहाँ सड़क किनारे महिलाओं की बोली लगायी जा रही है। विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में दावा गलत साबित हुआ। यह 2014 में लंदन की सड़कों पर कुछ कुर्द एक्टिविस्ट्स और अभिनेताओं द्वारा किया गया प्ले था।
क्या है वायरल पोस्ट में
वायरल वीडियो के साथ कैप्शन लिखा है, “वक़्त बदलते देर नहीं लगती। जो लोग बोल रहे थे कि हिन्दुओ की बहन,बेटी और बहु 2-2 दीनार बेची थी।अब उन लोगो की खुद की उसी बाज़ार मे आज बिक रही हैं और वो खुद बेच रहे है उसी बाज़ार मे—–chamcho or des k gaddaro sudher jao namak harami vaten se matt karna”
विश्वास न्यूज़ को अपने फैक्ट चेकिंग वॉट्सऐप चैटबॉट (+91 95992 99372) पर भी ये दावा फैक्ट चेक के लिए मिला है।
पड़ताल
अपनी पड़ताल को शुरू करने के लिए हमने सबसे पहले इस वीडियो को InVID टूल पर डालकर उसके कीफ्रेम्स निकाले। इन इमेजेज को हमने गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। हमें यह वीडियो दुसरे एंगल से bbc.com की एक खबर में मिला। खबर के अनुसार, “कुर्द कार्यकर्ताओं द्वारा इस्लामिक स्टेट के खिलाफ सोशल मीडिया अभियान जारी है – लंदन के बीचोंबीच एक नकली “इस्लामिक स्टेट सेक्स स्लेव मार्केट” के वीडियो को YouTube पर एक मिलियन से अधिक बार देखा गया।”
हमें इस बारे में एक खबर newsweek.com/ पर भी मिली। इस खबर के अनुसार भी यह विज़ुअल्स लंदन में 2014 में हुए एक मॉक ड्रिल की हैं।
हमें इस स्ट्रीटप्ले की कुछ तस्वीरें huffingtonpost.co.uk पर भी मिलीं।
हमने इस विषय में 2014 में हफिंगटन पोस्ट के लिए इस खबर को लिखने वाली शार्लोट मेरेडिथ से संपर्क साधा। फिलहाल शार्लोट एसबीएस न्यूज से जुड़ी हुई हैं। उन्होंने हमें बताया कि यह वीडियो 2014 लंदन का है। वीडियो असल में एक मॉक ड्रिल था।
इस वीडियो को Hitendra Patel Nilkanth नाम के एक फेसबुक यूजर ने गलत दावे के साथ शेयर किया था। यूजर के अकाउंट को स्कैन करने पर हमने पाया कि यूजर ने अपनी जानकारी हाइड कर रखी है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में दावा गलत साबित हुआ। यह 2014 में लंदन की सड़कों पर कुछ कुर्द एक्टिविस्ट्स और अभिनेताओं द्वारा किया गया प्ले था, कोई असली औरतों की नीलामी नहीं।
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