Fact Check : पाकिस्‍तान की संसद का 2020 का वीडियो अब यूक्रेन-रूस जंग के बीच वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। जांच में पता चला कि फ्रांस में ईशनिंदा के एक कार्टून के बाद पाकिस्‍तान की संसद में हंगामा हुआ था। इस दौरान वोटिंग-वोटिंग के नारे लगे, लेकिन सोशल मीडिया पर कुछ लोग इस वीडियो को यूक्रेन से जोड़ते हुए फर्जी दावे के साथ वायरल कर रहे हैं।

Fact Check : पाकिस्‍तान की संसद का 2020 का वीडियो अब यूक्रेन-रूस जंग के बीच वायरल

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। यूक्रेन व रूस की जंग के बीच इस वीडियो को वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि यूक्रेन में पाकिस्‍तानी छात्र तिरंगा लगाकर अपनी जान बचाकर भागे तो पाकिस्‍तान की संसद में इमरान खान मुर्दाबाद और मोदी जिंदाबाद के नारे लगे। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। दावा फर्जी निकला। दरअसल वायरल वीडियो अक्‍टूबर 2020 का है। फ्रांस में एक ईशनिंदा करने वाले कार्टून बनाने के बाद पाकिस्‍तान की संसद में हंगामा हुआ था। वहां वोटिंग – वोट‍िंग के नारे लगे। जिसे लोग मोदी-मोदी समझकर कर वायरल कर रहे हैं।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक पेज ‘हमारे प्रधानमंत्री के विचार’ ने 5 मार्च को एक वीडियो को अपलोड करते हुए दावा किया : ‘विशेष = ज्योंहि यह समाचार पाकिस्तान पहुंचा कि यूक्रेण में पाकिस्तान के छात्रों ने भारत का तिरंगा अपने वाहनों पर लगाकर वहां से जान बचा कर निकलने में सफलता पाई–पाकिस्तान की संसद में अभूतपूर्व हंगामा बरपना शुरु हो गया। सांसदों ने इमरान मुर्दाबाद व मोदी जिंदाबाद के नारों से हाल गुंजा दिया। रक्षा मंत्री को बोलने तक ना दिया।बल्ले बल्ले विदेशनीति मोदी की–सदके जांवां। प्रेम से बोलो- भारत माता की जय ।सुनिए ज़रा।’

फेसबुक पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। इसके आकाईव्‍ड वर्जन को यहां देखें। सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स ने इसे समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने InVID टूल के माध्‍यम से वीडियो को सर्च किया। इसके लिए सबसे पहले वायरल वीडियो को इस टूल में अपलोड करके कई स्‍क्रीनशॉट निकाले। फिर इन्‍हें गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड करके सर्च किया। ओरिजनल वीडियो 26 अक्‍टूबर 2020 को अपलोड मिला।

असली वीडियो में पाकिस्‍तान के नेता शाह महमूद कुरैशी जैसे ही बोलने के लिए उठते हैं तो पीछे से वोटिंग-वोटिंग की आवाज सुनाई देने लगती है। ओरिजनल वीडियो के 13:26 मिनट पर वोटिंग-वोटिंग साफ सुना जा सकता है। वोटिंग-वोटिंग के नारे के बाद स्‍पीकर को भी यह साफ कहते हुए सुना देखा जा सकता है कि वोटिंग..सबकुछ होगा। वीडियो में आगे शाह महमूद को यह कहते हुए सुना देखा जा सकता है कि फ्रांस में जो गुस्‍ताखी की गई है, वह काबिले कबूल नहीं है। पूरा वीडियो यहां देखें।

इससे जुड़ी खबर हमें पाकिस्‍तानी अखबार डॉन की वेबसाइट पर भी मिली। इसे यहां पढ़ा जा सकता है।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने पाकिस्‍तान 92 के पत्रकार आरिफ महमूद से संपर्क किया। उन्‍होंने बताया कि वायरल वीडियो अक्‍टूबर 2020 का है। इसका यूक्रेन से कोई संबंध नहीं है।

पड़ताल के दौरान पता चला कि अक्‍टूबर 2020 में फ्रांस में ईशनिंदा वाले कार्टून के खिलाफ पाकिस्‍तान की संसद में हंगामा हुआ था। वायरल वीडियो उसी दौरान का है।

पड़ताल के अंतिम दौर में हमने फर्जी पोस्‍ट करने वाले पेज की जांच की। फेसबुक पेज ‘हमारे प्रधानमंत्री के विचार’ की सोशल स्‍कैनिंग में पता चला कि यूजर को एक लाख लोग फॉलो करते हैं। यह पेज 29 जून 2017 को बनाया गया था।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। जांच में पता चला कि फ्रांस में ईशनिंदा के एक कार्टून के बाद पाकिस्‍तान की संसद में हंगामा हुआ था। इस दौरान वोटिंग-वोटिंग के नारे लगे, लेकिन सोशल मीडिया पर कुछ लोग इस वीडियो को यूक्रेन से जोड़ते हुए फर्जी दावे के साथ वायरल कर रहे हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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