विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल किया जा रहा वीडियो साल 2016 में अमेरिका में आए बर्फीले तूफान का है, जिसे भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। अमेरिका में जारी बर्फीले तूफ़ान से जुड़ा टाइम लैप्स का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक घर के बाहर बरामदे में रखी कुर्सी और लकड़ी को कुछ ही घंटों में टाइम लैप्स के साथ बर्फ से ढके हुए देखा जा सकता है। वीडियो को हाल का समझते हुए यूजर वायरल कर रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि अमेरिका में जो इस वक़्त बर्फीला तूफ़ान आया हुआ है, यह उसी का वीडियो है। जब हमने इस वीडियो की पड़ताल की तो पाया कि वायरल किया जा रहा वीडियो साल 2016 का है। पुराने वीडियो को भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
फेसबुक यूजर ने वायरल पोस्ट को 1 जनवरी 2023 को शेयर करते हुए लिखा, ‘ अमेरिका में घर के बाहर एक कमरे से 48 घंटों की रिकॉर्डिंग की गई एक वीडियो जिसमें देख सकते हैं कि किस तरह बर्फ बारी शुरू होती है और खौफनाक हद तक बढ़ जाती है। इस खौफनाक तूफ़ान के नतीजे में अब तक दर्जनों लोगों की मौत हो चुकी है।”
पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें।
इस वीडियो को हाल ही में एनडीटीवी और इंडिया टीवी समेत कुछ न्यूज़ वेबसाइट ने शेयर किया है।
अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले हमने वीडियो को इनविड टूल पर अपलोड किया और उसके कुछ कीफ्रेम्स निकाले और उन्हें गूगल लेंस के जरिये सर्च किया। सर्च में हमें यह वीडियो नेशनल जियोग्राफिक अरब के वेरिफाइड ट्विटर हैंडल पर 2018 में अपलोड हुआ मिला।
हमने अलग-अलग कीवर्ड्स के साथ टाइम टूल का इस्तेमाल कर न्यूज सर्च किया और पाया कि यह वीडियो 27 जनवरी 2016 को डेली मेल डॉट यूके की वेबसाइट पर अपलोड किया गया था। यहां वीडियो के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक, ‘यह टाइम-लैप्स फुटेज पिछले हफ्ते अमेरिका में रिकॉर्ड किया गया। इस खबर में हमें वीडियो पर ‘वर्स्ट दैन चिगर्स’ लिखा हुआ नजर आया।
पड़ताल को जारी रखते हुए हमने ओपन सर्च टूल के जरिए ‘वर्स्ट दैन चिगर्स’ को सर्च किया। सर्च करने पर हमें इसी नाम का एक यूट्यूब चैनल मिला। यहां इस वायरल वीडियो को 25 जून 2016 को अपलोड किया गया था और इसे 21 मिलियन बार देखा गया है। वीडियो के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक, ‘यह एक मिनट का टाइम लैप्स वीडियो है, जिसमें 22 जनवरी से 24 जनवरी के बीच 48 घंटे की अवधि में अमेरिका में आए बर्फीली तूफान को दिखाया गया है। अमेरिका के ईस्ट वर्जीनिया में मैंने अपने घर के पोर्च में इस सन को अपने कैमरा से रिकॉर्ड किया है।
पुष्टि के लिए हमने हमारे साथी दैनिक जागरण में इंटरनेशनल खबरों को कवर करने वाले पत्रकार जेपी रंजन से सम्पर्क किया हमें बताया कि यह वीडियो अभी का नहीं, बल्कि कुछ साल पुराना है और यह पहले भी वायरल हो चुका है।
भ्रामक पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक पेज की सोशल स्कैनिंग में हमने पाया कि इस पेज को 9 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल किया जा रहा वीडियो साल 2016 में अमेरिका में आए बर्फीले तूफान का है, जिसे भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
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