विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि बिल गेट्स ने ‘डेथ पैनल’ शब्द का इस्तेमाल 2010 में एक टॉक शो के दौरान विशेष संदर्भ में किया था, जिसका मतलब किसी मरीज के जीवन और मृत्यु के किसी आयोग के निर्माण से सम्बंधित नहीं था। वायरल दावा पूरी तरह गलत है कि उन्होंने ‘जल्द ही डेथ पैनल’ को लागू करने जैसा कोई बयान दिया है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। सोशल मीडिया पर माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर बिल गेट्स के नाम पर एक बयान वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि जी-20 समिट में बिल गेट्स ने कहा कि ‘जल्द ही डेथ पैनल’ की जरूरत पड़ने वाली है।
विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि बिल गेट्स ने ‘डेथ पैनल’ शब्द का इस्तेमाल 2010 में एक टॉक शो के दौरान विशेष संदर्भ में किया था, जिसका मतलब किसी मरीज के जीवन और मृत्यु के किसी आयोग के निर्माण से सम्बंधित नहीं था। वायरल दावा पूरी तरह गलत है कि उन्होंने ‘जल्द ही डेथ पैनल’ को लागू करने जैसा कोई बयान दिया है। विश्वास न्यूज़ से बात करते हुए गेट्स फाउंडेशन ने भी वायरल दावे को फर्जी बताया है।
फेसबुक यूजर ने वायरल पोस्ट को शेयर हुए लिखा, ‘Bill Gates Tells G20 World Leaders That ‘Death Panels’ will Soon be Required’.
पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहाँ देखें।
अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले हमने न्यूज़ सर्च किया। सर्च में हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली। हालांकि, अगर ऐसा कोई भी बयान बिल गेट्स ने दिया होता तो यह खबरों में होता।
सर्च में हमें एक ट्विटर यूजर के जरिये 18 नवंबर 2022 को ट्वीट किया हुआ बिल गेट्स का एक वीडियो मिला। यहाँ ट्वीट में दिए गए कैप्शन में लिखा है, “बाली के G20 शिखर सम्मेलन में, बिल गेट्स ने ‘डेथ पैनल’ का प्रस्ताव रखा है, एक आयोग जो गंभीर रूप से बीमार लोगों को उच्च चिकित्सा लागतों के कारण इच्छामृत्यु के लिए भेजेगा।”
इस वीडियो में हमें FORA Tv लिखा हुआ नजर आया और हमें इसी नाम का एक यूट्यूब चैनल मिला, जिसमें वायरल वीडियो को देखा जा सकता है। यहाँ वीडियो को 11 सितम्बर 2010 को अपलोड किया गया है। बिल गेट्स वीडियो में कहते हुए नजर आ रहे हैं, ”And a lack of willingness to say is spending million dollars on that last three months of life on that patient, would it be better not to lay off those 10 teacher and make that up in medical costs? That is called the ‘death panel’ and you are not supposed to have that discussion”. हिंदी अनुवाद: “यह कहने की जरूरत नहीं है कि उस मरीज पर जीवन के आखिरी तीन महीनों में मिलियन डॉलर खर्च कर रहे हैं, क्या यह बेहतर होगा कि उन 10 शिक्षकों की छंटनी न की जाए और चिकित्सा लागतों में इसे पूरा किया जाए? इसे ‘डेथ पैनल’ कहा जाता है और आपको वह चर्चा नहीं करनी चाहिए।” यहाँ वीडियो के साथ दिए गए कैप्शन के मुताबिक, ‘माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन बिल गेट्स ने शिक्षा के क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र पर किए जाने वाले गलत आवंटन के प्रभाव का जिक्र किया था। उन्होंने एंड ऑफ लाइफ केयर पर किए जाने वाले अत्यधिक खर्च को लेकर दुख जताते हुए कहा था कि क्या तीन महीनों की अतिरिक्त जिंदगी से बेहतर फैसला तीन शिक्षकों की छंटनी का हो सकता है?’
2010 में बिल गेट्स ने एक चर्चा के दौरान जीडीपी के मुकाबले स्वास्थ्य सेवा को किये जाने वाले आवंटन पर एक विशेष संदर्भ में ‘डेथ पैनल’ का जिक्र किया था। जिसका सन्दर्भ किसी व्यक्ति की जान लेने से सम्बंधित आयोग बनाने से जुड़ा नहीं था, बल्कि उसका मतलब यह था कि अगर किसी मरीज के अंतिम समय में इलाज के दौरान अत्यधिक खर्च किया जा रहा है तो क्यों ना उस रकम का इस्तेमाल नौकरी बचाने में किया जाए।
15 और 16 नवंबर 2022 को जी20 समिट इंडोनेशिया में हुआ था। हालांकि, बिल गेट्स ने 17 नवंबर 2022 को ट्वीट करके जानकारी दी थी कि वह केन्या में एक हफ्ते के लिए हैं। बिल गेट्स जी20 समिट इंडोनेशिया में शामिल हुए इससे जुड़ी कोई खबर नहीं मिली।
वायरल की जा रही पोस्ट से जुड़ी पुष्टि के लिए हमने गेट्स फाउंडेशन की मीडिया टीम से ईमेल के जरिये संपर्क किया। मेल का जवाब देते हुए हमें बताया गया, ‘वायरल किया जा रहा दावा फर्जी है।’
वायरल पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की सोशल स्कैनिंग में हमने पाया कि यूजर टेक्सास की रहने वाली है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि बिल गेट्स ने ‘डेथ पैनल’ शब्द का इस्तेमाल 2010 में एक टॉक शो के दौरान विशेष संदर्भ में किया था, जिसका मतलब किसी मरीज के जीवन और मृत्यु के किसी आयोग के निर्माण से सम्बंधित नहीं था। वायरल दावा पूरी तरह गलत है कि उन्होंने ‘जल्द ही डेथ पैनल’ को लागू करने जैसा कोई बयान दिया है।
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