Fact Check: साल 2009 की यूएस कैपिटल की तस्वीर को भ्रामक दावे के साथ किया जा रहा है वायरल

विश्वास न्यूज ने पड़ताल में पाया कि वायरल तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा गलत है। यह तस्वीर साल 2009 की है।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। जो बाइडेन के यूएस राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें यूएस कैपिटल बिल्डिंग के बहार बड़ी संख्या में लोगों को नमाज़ पढ़ते देखा जा सकता है। वायरल तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि यह जो बाइडेन के अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद की तस्वीर है।

विश्वास न्यूज ने पड़ताल में पाया कि वायरल तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा गलत है। यह तस्वीर साल 2009 की है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर रवींद्र भारतीय ने यह तस्वीर पोस्ट की और इसके साथ लिखा “जो बाइडेन का नया अमेरिका कैपिटल हिल के सामने जुम्मे के दिन।”

पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने पड़ताल शुरू करते हुए सबसे पहले वायरल तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद से ढूंढा। हमें gettyimages.in की वेबसाइट पर यह तस्वीर मिल गई। तस्वीर के साथ डिस्क्रिप्शन लिखा था, “WASHINGTON – SEPTEMBER 25: Muslims say prayer during the “Islam on Capitol Hill 2009” event at the West Front Lawn of the U.S. Capitol September 25, 2009 in Washington, DC. Thousands of Muslims gathered for the event to promote the diversity of Islam. (Photo by Alex Wong/Getty Images) जिसका हिंदी अनुवाद होता है “वॉशिंगटन – 25 सितंबर: अमेरिका के वाशिंगटन, डीसी में 25 सितंबर 2009 को वेस्ट कैप लॉन में “इस्लाम ऑन कैपिटल हिल” कार्यक्रम के दौरान मुस्लिमों ने प्रार्थना की।इस्लाम की विविधता को बढ़ावा देने के लिए हजारों मुसलमान इस आयोजन में शामिल हुए। (फोटो एलेक्स वोंग / गेटी इमेज द्वारा)”

Screenshot from Getty Images

हमें यह तस्वीर ibtimes.com की एक खबर में भी मिली। खबर में इस्तेमाल इस तस्वीर के कैप्शन के अनुसार भी यह तस्वीर 2009 की ही है।

विश्वास न्यूज ने ईमेल के जरिए वायरल तस्वीर क्लिक करने वाले फोटो जर्नलिस्ट एलेक्स वोंग से संपर्क किया। एलेक्स वोंग ने हमारे ईमेल के जवाब में कहा कि यह तस्वीर उन्होंने साल 2009 में खींची थी।

फेसबुक पर वायरल पोस्ट ‘रवींद्र भारतीय’ नामक यूजर ने शेयर की है। प्रोफाइल को स्कैन करने पर हमने पाया कि यूजर लखनऊ का रहने वाला है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने पड़ताल में पाया कि वायरल तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा गलत है। यह तस्वीर साल 2009 की है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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