Fact Check : संत प्रह्लाद जानी का वर्ष 2020 में ही हो चुका है निधन, भ्रामक है वायरल पोस्ट

संत प्रह्लाद जानी के निधन से जुड़ी पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। उनका निधन हाल-फिलहाल में नहीं, बल्कि 2020 में ही हो चुका है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफार्म पर संत प्रह्लाद जानी से जुड़ी एक भ्रामक पोस्‍ट वायरल हो रही है। इस पोस्‍ट के माध्‍यम से यह फैलाया जा रहा है कि गुजरात के संत प्रह्लाद जानी का हाल- फिलहाल में ही निधन हुआ है। यह झूठ फैलाने के लिए उनकी तस्‍वीर का भी इस्‍तेमाल किया जा रहा है। विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि प्रह्लाद जानी का निधन वर्ष 2020 में हो चुका है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर धमेंद्र पांडेय ने 13 सितंबर को एक तस्‍वीर को पोस्‍ट करते हुए दावा किया, “80 वर्षों से बिना भोजन और बिना एक बूंद पानी पीये ही जीवित रहने वाले। संत प्रहलाद जानी ब्रह्मलीन हो गए।”

वायरल पोस्‍ट के क्‍लेम को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। इसका आर्काइव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

संत प्रह्लाद जानी के निधन से जुड़ी वायरल पोस्‍ट की जांच की शुरुआत गूगल ओपन सर्च टूल के जरिए की। सबसे पहले गूगल में संत प्रह्लाद जानी का नाम टाइप करके सर्च करना शुरू किया । हमें कई ऐसी खबरें मिली, जिससे पता चला कि उनका निधन 2020 में ही हो चुका है। जागरण डॉट कॉम पर 26 मई 2020 को एक खबर पब्लिश करते हुए लिखा गया कि संत प्रह्लाद जानी का 25 मई 2020 को निधन हो गया था। खबर में जानकारी देते हुए बताया गया कि गुजरात के इस संत का जन्म 13 अगस्त 1929 को हुआ था। उनके 5 भाई और एक बहन थी। महज 10 वर्ष की आयु में ही उन्होंने आध्यात्मिक जीवन के लिए अपना घर छोड़ दिया था। उन्‍होंने माउंट आबू समेत महाबलेश्‍वर में तपस्‍या की। एक साल तक वह माता अंबे की भक्ति में डूबे रहे, जिसके बाद वह साड़ी, सिंदूर और नाक में नथ पहनने लगे। वह पूरी तरह से महिलाओं की तरह श्रृंगार करते थे। पूरी खबर को यहां पढ़ें।

बीबीसी हिंदी की वेबसाइट पर एक खबर में बताया गया कि चुंडीवाले माताजी के नाम से प्रसिद्ध गुजरात के अंबाजी में रहने वाले प्रह्लाद भाई जानी का निधन 91 वर्ष की आयु में हुआ। 79 सालों से उन्होंने खाना पीना त्याग रखा था। यह खबर 27 मई 2020 को प्रकाशित की गई थी। पूरी खबर यहां पढ़ें।

अब हमें यह जानना था कि वायरल पोस्‍ट में इस्‍तेमाल की गई तस्‍वीर कितनी पुराना है। इसके लिए गूगल लेंस टूल का इस्‍तेमाल किया गया। सर्च करने पर हमें यह तस्‍वीर एक फेसबुक पोस्‍ट में मिली। 7 जून 2020 को एक यूजर ने इसे पोस्‍ट करते हुए बताया कि संत प्रह्लाद जानी का निधन हो गया है। इस पोस्‍ट को यहां क्लिक करके देखा जा सकता है।

विश्वास न्यूज ने इस संबंध में दैनिक जागरण के गुजरात के स्‍टेट ब्‍यूरो शत्रुघ्न शर्मा से संपर्क कर उनके साथ वायरल दावे को साझा किया। उन्होंने बताया कि संत प्रह्लाद जानी का वर्ष 2020 में ही निधन हो चुका है।

पड़ताल के अंत में फेसबुक यूजर धमेंद्र पांडेय की सोशल स्‍कैनिंग की गई। यूजर को पांच हजार से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं। यूजर सिकंदरपुर में रहता है।

निष्‍कर्ष : संत प्रह्लाद जानी के निधन से जुड़ी पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। उनका निधन हाल-फिलहाल में नहीं, बल्कि 2020 में ही हो चुका है।

Misleading
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