Fact Check : महिलाओं की सुरक्षा के नाम पर वायरल मैसेज में नहीं है सच्‍चाई

वर्ष 2014 में मुंबई में यह सर्विस शुरू की गई थी। बाद में इसे वर्ष 2017 में बंद कर दिया गया था। फिलहाल यह नंबर अस्तित्व में नहीं है।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफॉर्म पर एक मैसेज तेजी से शेयर किया जा रहा है। इसमें दावा किया जा रहा है कि रात में ऑटो या टैक्‍सी में अकेले यात्रा करते समय उसका नंबर 9969777888 पर भेजने पर संबंधित गाड़ी पर जीपीआरएस के माध्‍यम से नजर रखी जाएगी।

विश्‍वास न्‍यूज एक बार पहले भी वायरल पोस्‍ट की जांच कर चुकी है। यह फर्जी साबित हुआ। दरअसल वर्ष 2014 में मुंबई में यह सर्विस शुरू की गई थी। बाद में इसे वर्ष 2017 में बंद कर दिया गया था। फिलहाल यह नंबर अस्तित्व में नहीं है। पिछली पड़ताल को यहां पढ़ा जा सकता है।

क्‍या हो रहा है वायरल

एक सोशल मीडिया यूजर ने 30 सितंबर को एक पोस्‍ट करते हुए लिखा, “आप जब भी अकेले रात में ऑटो या टैक्सी में बैठें तो उस ऑटो या टैक्सी का नम्बर 9969777888 पर SMS कर दें। आपके फोन पर तत्‍काल मैसेज आएगा और आपके वाहन पर GPRS से नजर रखी जायेगी।”

पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों ही लिखा गया है। इसे सच मानकर कई यूजर्स शेयर कर रहे हैं। पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल मैसेज की सच्‍चाई पता लगाने के लिए सबसे पहले कीवर्ड सर्च किया। गूगल ओपन सर्च टूल का इस्‍तेमाल करने पर हमें इंडिया टुडे की वेबसाइट पर एक खबर मिली। 26 मार्च 2014 को पब्लिश इस खबर में बताया गया कि मुंबई पुलिस ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) के साथ मिलकर एक टोल फ्री नंबर जारी किया है। टोल-फ्री नंबर 9969777888 पर अपने स्थान, गंतव्य और गाड़ी नंबर के बारे में एक एसएमएस भेजकर पुलिस से संपर्क कर सकती हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें।

सर्च के दौरान हमें मार्च 2017 को पब्लिश एक खबर मिली। मिड डे की वेबसाइट पर पब्लिश इस खबर में बताया गया कि हेल्पलाइन नंबर 9969777888 को 2014 में महिला दिवस पर शुरू किया गया था। इसे खास रिस्पॉन्स नहीं मिलने के कारण बंद कर दिया गया। पूरी खबर को यहां पढ़ा जा सकता है।

पड़ताल के दौरान हमें बेंगलुरु पुलिस की एक एक्‍स पोस्‍ट मिली। इसे जून 2018 को पोस्‍ट करते हुए वायरल मैसेज को फर्जी बताया गया था।

विश्‍वास न्‍यूज ने पिछली पड़ताल के दौरान मुंबई के पत्रकार वरुण सिंह से संपर्क किया था। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि मुंबई पुलिस की ओर से वर्ष 2014 में वायरल नंबर जारी किया गया था,सही रिस्पॉन्स न मिलने के कारण बाद में इसे बंद कर दिया गया।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि मुंबई पुलिस की ओर से 2014 में महिलाओं की सुरक्षा के लिए वायरल नंबर को जारी किया गया था, लेकिन सही रिस्पॉन्स न मिलने के कारण 2017 में इसे बंद कर दिया गया। इसके बावजूद कुछ लोगों द्वारा देश के अलग-अलग हिस्‍सों में इस नंबर को वायरल करके भ्रम फैलाया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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