फरवरी 2021 में चमोली जिले में एक ग्लेशियर टूटने से इलाके में बाढ़ आ गई थी। उसी से जुड़े वीडियो को कुछ लोग वर्ष 2024 में वायरल करके झूठ फैला रहे हैं।
नई दिल्ली (Vishvas News)। उत्तराखंड में बारिश के कारण कई इलाकों का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है। कई जगह भूस्खलन भी देखने को मिला। नदियां उफान पर हैं। इन सबके बीच सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में पानी के भयावह रूप को देखा जा सकता है। इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि उत्तराखंड में एक बांध टूट गया है। जिसके कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। यह भ्रामक साबित हुई। दरअसल फरवरी 2021 में चमोली जिले में एक ग्लेशियर टूटने से इलाके में बाढ़ आ गई थी। उसी से जुड़े वीडियो को कुछ लोग वर्ष 2024 में वायरल करके झूठ फैला रहे हैं।
फेसबुक यूजर रोहित नंदन मिश्रा ने 6 जुलाई को एक वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया, “सावधान, ऋषि गंगा और tapovan का NTPC का dam टूट गया है। शाम तक पानी चमोली पार कर लेगा। इसलिए अभी कोई भी व्यक्ति हरिद्वार और ऋषिकेश का प्रोग्राम न बनाएं।”
पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी शेयर कर रहे हैं। पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।
विश्वास न्यूज ने वायरल वीडियो के बारे में जानकारी जुटाने के लिए सबसे पहले इसके कई कीफ्रेम्स निकाले। फिर इन्हें गूगल लेंस टूल के जरिए सर्च किया। हमें कई एक्स हैंडल पर यह वीडियो पुरानी तारीख में अपलोड मिला। संजय मिश्रा नाम के एक एक्स हैंडल ने इस वीडियो को 7 फरवरी 2021 को अपलोड करते हुए चमोली का बताया।
गूगल ओपन सर्च टूल के इस्तेमाल से हमें 7 फरवरी 2021 की तारीख की कई ऐसी खबरें मिलीं, जिसमें उस वक्त उत्तराखंड में हुए भीषण तबाही का जिक्र किया गया था। लाइव हिंदुस्तान ने 7 फरवरी 2021 को पब्लिश एक खबर में बताया था कि उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने से भारी तबाही हुई। पूरी खबर यहां पढ़ी जा सकती है।
विश्वास न्यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए दैनिक जागरण, गढ़वाल के संस्करण को खंगाला। हमें 7 जुलाई के ईपेपर में वायरल वीडियो से जुड़ी एक खबर मिली। इसमें बताया गया, “इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित किए गए तीन वर्ष पुराने रैणी आपदा के वीडियो ने लोगों की सांसें अटका दीं। वीडियो को इस सूचना के साथ प्रसारित किया गया कि ऋषिगंगा में उफान आने से तपोवन में बांध टूट गया है। इस बारे में पता चलते ही शासन-प्रशासन सक्रिय हुआ और आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने इंटरनेट मीडिया पर सच्चाई बताई। तब जाकर लोगों ने राहत की सांस ली।”
खबर में आगे बताया गया, “उत्तराखंड के चमोली जिले में सात फरवरी 2021 को ऋषिगंगा नदी में उफान आ गया था। इससे ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट को व्यापक नुकसान हुआ था। एनटीपीसी के निर्माणाधीन तपोवन विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना की टनल में भारी मात्रा में मलबा भर जाने से 206 लोग लापता हो गए थे। शनिवार को इस घटना का एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर तेजी से प्रसारित हुआ। वीडियो को इस वर्षाकाल का बताते हुए कहा गया कि ऋषिगंगा में उफान आ गया है, जिससे तपोवन में एनटीपीसी का बांध टूट गया है। इसलिए हरिद्वार और ऋषिकेश आने का प्लान न बनाएं। जिसने भी यह वीडियो देखा सकते में आ गया। कई लोगों ने हकीकत जानने के लिए शासन-प्रशासन और आपदा कंट्रोल रूम का फोन घनघना दिया। वीडियो की जानकारी संज्ञान में आते ही शासन सक्रिय हुआ और इंटरनेट मीडिया पर बताया कि वीडियो का इस मानसून सीजन से कोई संबंध नहीं है।”
विश्वास न्यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए चमोली पुलिस के एक्स हैंडल को स्कैन किया। वहां हमें 6 जुलाई की एक पोस्ट मिली। इसमें बताया गया कि आपदा प्रबंधन विभाग ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एनटीपीसी बांध टूटने और उससे ऋषिकेश हरिद्वार में बाढ़ की आशंका पैदा होने की खबरों का खंडन किया है।
इसके अलावा 6 जुलाई की एक पोस्ट में चमोली पुलिस ने पोस्ट करते हुए लिखा कि वर्ष 2021 में रैणी में आयी आपदा की वीडियो को कतिपय लोगों द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट कर वर्तमान परिदृश्य से जोड कर भ्रामक खबर के रूप में दिखाया जा रहा है, जो सत्य से एकदम परे है। कृपया ऐसी अफवाहों पर ध्यान न दें और ऐसी भ्रामक खबरों से सावधान रहें।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (प्रशासन) आनंद स्वरूप ने बताया कि इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित वीडियो रैणी गांव में वर्ष 2021 में आई आपदा का है।
पड़ताल के अंत में फर्जी पोस्ट करने वाले यूजर की जांच की गई। यूजर की सोशल स्कैनिंग में पता चला कि फेसबुक यूजर रोहित नंदन मिश्रा पेशे से पत्रकार है। इसे फेसबुक पर पांच सौ से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। यूजर वाराणसी का रहने वाला है।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज की जांच में वायरल वीडियो फरवरी 2021 का साबित हुआ। उस वक्त चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने से भारी तबाही हुई थी। उसी वक्त के वीडियो को अभी का बताकर झूठ फैलाया जा रहा है।
सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्यम से भी सूचना दे सकते हैं।