Fact Check : विशेष ट्रेन के वीडियो को फर्जी दावे के साथ किया गया वायरल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच। पता चला कि दावा गलत है।

नई दिल्ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्‍लेटफॉर्म पर ट्रेन का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो के इंजन पर एक धार्मिक स्‍थल का कटआउट देखा जा सकता है। वीडियो को वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि गार्ड के मना करने पर भी हैदराबाद से चलने वाली एक ट्रेन को जबरदस्ती मुस्लिम एक्सप्रेस बना दिया गया।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच। पता चला कि दावा गलत है। दरअसल वीडियो में दिख रही ट्रेन एक विशेष ट्रेन है। यह ट्रेन अगस्‍त 2023 में वाडी, कर्नाटक और हैदराबाद के बीच चलाई गई थी। यह कोई रूटीन पैसेंजर ट्रेन नहीं थी। विश्‍वास न्‍यूज ने पिछले साल भी वायरल वीडियो की जांच की थी।

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर ‘रवि यज्ञसैनी’ ने 12 मई को एक ग्रुप में वायरल वीडियो को अपलोड करते हुए दावा किया, “हैदराबाद से चलने वाली एक ट्रेन को जबरदस्ती मुस्लिम एक्सप्रेस बना दिया गार्ड के मना करने पर भी। ये आखिर क्या है?”

पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। इसके आर्काइव लिंक को https://perma.cc/T3QX-P72Qयहां पर देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो के बारे में पता लगाने के लिए सबसे पहले इसके कई कीफ्रेम्‍स निकाले। फिर इन्‍हें गूगल लेंस के जरिए सर्च किया। हमें इससे मिलता-जुलता एक वीडियो gohash नाम के एक यूट्यूब चैनल पर मिला। इसे 2 अगस्‍त 2023 को अपलोड किया गया था। इस वीडियो में दिख रहा इंजन का नंबर और वायरल वीडियो में दिख रहा इंजन का नंबर सेम हैं।

वीडियो के साथ डिस्क्रिप्शन में लिखा है, “46 URS-E-QUADEER HAZRAT KHWAJA SYED MOHAMMED BADSHAH QUADRI CHISHTI YAMANI QUADEER HALKATTA SHAREEF” (46 उर्स-ए-कादिर हजरत ख्वाजा सैयद मोहम्मद बादशाह कुलारी चिश्ती यमनी कादिर हलकत्ता शरीफ)

इस वीडियो के आधार पर हमने गूगल ओपन सर्च टूल का इस्‍तेमाल किया। संबंधित कीवर्ड से सर्च करने पर हमें पता चला, ‘हलकट्टा शरीफ‘ सैयद मोहम्मद बादशाह कादरी-उल-चिश्ती यमनी रायचुरी की दरगाह है, जिसे बादशाह कादरी के नाम से भी जाना जाता है और यह कर्नाटक के गुलबर्गा जिले के वाडी में स्थित है। लोग हर साल बदेशा क़ादरी की बरसी या ‘उर्स’ के लिए हलकट्टा शरीफ की यात्रा करते हैं। इन यात्राओं के दौरान ट्रेनों को सजाया जाता है।

सर्च करने पर हमें रेलवे का एक प्रेस नोट मिला। इसमें बताया गया कि 1 अगस्त, 2023 को वाडी जंक्शन के पास हलकट्टा शरीफ में महान संत हजरत ख्वाजा सैयद मोहम्मद बदेशा कादरी चिश्ती यमनी के उर्स-ए-शरीफ की 46वीं वर्षगांठ समारोह में भाग लेने वाले तीर्थयात्रियों की अतिरिक्त भीड़ को कम करने के लिए चार विशेष ट्रेनें नीचे बताए अनुसार चलाई जाएंगी।

दक्षिण मध्य रेलवे हर साल उर्स उत्सव के दौरान तीर्थयात्रियों के लिए कर्नाटक में हलकट्टा शरीफ जाने के लिए इन विशेष ट्रेनों का आयोजन करता रहा है। हमें 2017 और 2018 के समान यात्रा सूचनाओं वाले ट्वीट भी मिले।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल के अगले चरण में साउथ सेंट्रल रेलवे के पीआरओ सीएच राकेश से भी बात की थी। उन्होंने कन्फर्म करते हुए बताया था कि यह एक विशेष ट्रेन है, जो हैदराबाद और वाडी के बीच संचालित की गई थी। हर साल, हजरत ख्वाजा सैयद मोहम्मद बादेशा क़ादरी चिश्ती यामिनी के उर्स-ए-शरीफ के वार्षिक समारोह में आने वाले तीर्थ यात्रियों की अतिरिक्त भीड़ को कम करने के लिए विशेष ट्रेनें संचालित की जाती हैं। 1-3 अगस्त 2023 के बीच विशेष ट्रेनों की दो राउंड यात्राएं संचालित की गईं थीं।

पिछली पड़ताल को विस्‍तार से यहां पढ़ा जा सकता है।

जांच के अंत में फेसबुक यूजर की जांच की गई। पता चला कि फेसबुक यूजर रवि यज्ञसैनी को आठ हजार से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं। यूजर लखनऊ का रहने वाला है।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फ‍र्जी और सांप्रदायिक साबित हुई। धार्मिक यात्रा से जुड़े वीडियो को झूठे दावे के साथ वायरल किया गया है।

False
Symbols that define nature of fake news
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