Fact Check : राम मंदिर का नहीं है दानपेटी से पैसे निकालते हुए शख्स का वायरल वीडियो
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। दावा फर्जी साबित हुआ।
- By: Ashish Maharishi
- Published: Feb 7, 2024 at 03:39 PM
- Updated: Feb 8, 2024 at 12:22 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर के नाम पर कई फर्जी और भ्रामक तस्वीरें और वीडियो वायरल हो चुके हैं। अब एक बार फिर से 15 सेकंड की एक वीडियो क्लिप को वायरल करते हुए इसे राम मंदिर की बताया जा रहा है। इसमें एक पुजारी को दानपेटी को खोलकर चढ़ावा इकट्ठा करते हुए देखा जा सकता है। सोशल मीडिया पर कई यूजर्स इसे राम मंदिर का वीडियो बताकर वायरल कर रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। दावा फर्जी साबित हुआ। वीडियो का राम मंदिर से कोई संबंध नहीं है। यह वीडियो सितंबर 2022 से सोशल मीडिया पर मौजूद है, जबकि राम मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को हुई है। इसलिए हमारी पड़ताल में यह साबित हुआ कि वायरल वीडियो का राम मंदिर से किसी प्रकार का कोई संबंध नहीं है।
क्या हो रहा है वायरल
फेसबुक यूजर Shyam Dusane ने 4 फरवरी को एक वीडियो क्लिप को अपलोड करते हुए लिखा कि अयोध्या राम मंदिर में.. राम मंदिर में दान किया रूपया..।
पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों ही लिखा गया है। वायरल वीडियो को राम मंदिर का समझकर कई सोशल मीडिया यूजर्स इसे वायरल कर रहे हैं। इसका आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने राम मंदिर के नाम पर वायरल वीडियो की सच्चाई का पता लगाने के लिए सबसे पहले इनविड टूल की मदद से इसके कई कीफ्रेम्स निकाले। फिर इन्हें सर्च करने के लिए गूगल रिवर्स इमेज टूल का इस्तेमाल किया। हमें पता चला कि यूट्यूब पर भी यह वीडियो अयोध्या के राम मंदिर के नाम पर काफी वायरल है।
सर्च करने पर हमें असली वीडियो एक फेसबुक पेज पर मिला। 29 सितंबर 2022 को Kalayanthanikazhchakal नाम के फेसबुक पेज पर इस वीडियो को अपलोड करते हुए मलयालम में इसके बारे में बताया। इसका हिंदी अनुवाद करने पर पता चला कि मलायलम में लिखा गया कि एक दिन मैं गुरुवयूरमबाला नाता के पास जाऊंगा। भंडारे का द्वार खुलेगा, मैं तुम्हें सब कुछ दिखाऊंगा।
पड़ताल के दौरान बुखारा मीडिया नाम के एक यूट्यूब चैनल पर भी हमें असली वीडियो मिला। इसे 13 अक्टूबर 2022 को अपलोड करते हुए मलयालम में लिखा गया कि जब गुरुवायूर में खजाना खोला गया। गूगल ट्रांसलेशन टूल की मदद से हमें वीडियो के कैप्शन की भाषा और उसका हिंदी अनुवाद करने में मदद मिली।
जांच को आगे बढ़ाते हुए हमने गुरुवायुर मंदिर के बारे में सर्च किया । भास्कर डॉट कॉम की एक रिपोर्ट से पता चला, “गुरुवायुर केरल में त्रिशूर जिले का एक गांव है। जो कि त्रिशूर नगर से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर है। यह स्थान भगवान कृष्ण के मंदिर की वजह से बहुत खास माना जाता है। गुरुवायूर केरल के लोकप्रिय तीर्थ स्थलों में से एक है। इस मंदिर के देवता भगवान गुरुवायुरप्पन हैं, जो बालगोपाल (कृष्ण भगवान का बालरूप) के रूप में हैं। आमतौर पर इस जगह को दक्षिण की द्वारका के नाम से भी पुकारा जाता है।”
विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह साबित हो गया है कि राम मंदिर से जोड़ते हुए जिस वीडियो को वायरल किया जा रहा है, वह मंदिर के बनने से पहले का है। विश्वास न्यूज स्वतंत्र रूप से इस बात की पुष्टि नहीं करता है कि वायरल वीडियो कहां का है।
पड़ताल के अंतिम चरण में फेसबुक यूजर श्याम दुसाने की सोशल स्कैनिंग की गई। पता चला कि यह अकाउंट दिसंबर 2019 को बनाया गया था। इस अकाउंट को 379 लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज की पड़ताल में राममंदिर के नाम पर वायरल पोस्ट पोस्ट फर्जी साबित हुई। इंटरनेट पर सितंबर 2022 से मौजूद वीडियो को कुछ लोग राम मंदिर का बताकर भ्रम फैला रहे हैं, जबकि राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को हुई है।
- Claim Review : राममंदिर का वीडियो
- Claimed By : फेसबुक यूजर Shyam Dusane
- Fact Check : झूठ
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