Fact Check : उत्तराखंड में तेंदुए के वीडियो को राजस्थान का बताकर किया गया वायरल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की तो यह भ्रामक साबित हुई। कोटपूतली और विराटनगर राजस्‍थान में हैं, जबकि वायरल वीडियो उत्तराखंड के हल्द्वानी का है।

Fact Check : उत्तराखंड में तेंदुए के वीडियो को राजस्थान का बताकर किया गया वायरल

नई दिल्ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें एक तेंदुए को रहवासी इलाके में लोगों के बीच इधर-उधर भागते हुए देखा जा सकता है। वीडियो में वन विभाग के लोगों को भी देखा जा सकता है। कुछ सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि कोटपूतली और विराटनगर के बीच में यह शेर देखा गया है।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की तो यह भ्रामक साबित हुई। कोटपूतली और विराटनगर राजस्‍थान में हैं, जबकि वायरल वीडियो उत्तराखंड के हल्द्वानी का है। पिछले दिनों यहां एक तेंदुए को देखा गया था। जिसे बड़ी मुश्किल से काबू में किया गया था। उसी वक्‍त के वीडियो को कुछ लोग राजस्‍थान का बताकर भ्रम फैला रहे हैं।

क्‍या हो रहा है वायरल

इंस्‍टाग्राम इंद्रा गुर्जर ने 13 फरवरी को एक वीडियो को पोस्‍ट करते हुए इसके ऊपर लिखा कि कोटपूतली या विराटनगर के बीच में है। थोड़ा बचकर रहना।

वीडियो में एक तेंदुए को इधर-उधर भागते हुए देखा जा सकता है।

पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों ही लिखा गया है। इसे राजस्‍थान का समझकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो की सच्‍चाई पता लगाने के लिए सबसे पहले गूगल ओपन सर्च टूल में संबंधित कीवर्ड से खोज शुरू किया । हमें एक भी ऐसी खबर नहीं मिली, जो इस बात की पुष्टि कर सके कि हाल-फिलहाल में कोटपूतली या विराटनगर में तेंदुए और इंसान के बीच ऐसा टकराव हुआ हो, जैसा कि वीडियो में दिख रहा है।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने वायरल पोस्‍ट पर की गई लोगों की प्रतिक्रिया को स्‍कैन करना आरंभ किया । कुछ यूजर्स ने इस वीडियो को उत्तराखंड का बताया। इस क्‍लू के आधार पर हमने फिर से गूगल ओपन सर्च टूल में खोज को शुरू की । हमें कई न्‍यूज वेबसाइट पर इससे जुड़ी खबर मिली। 11 फरवरी को पब्लिश एक खबर में एबीपी न्‍यूज की ओर से बताया गया कि हल्द्वानी के रिहायशी इलाके में एक तेंदुए को देख हड़कंप मच गया। जिसके बाद वन विभाग को सूचित किया गया। सर्च ऑपरेशन के दौरान तेंदुए ने वन विभाग की टीम पर हमला कर दिया। पूरी खबर यहां पढ़ी जा सकती है।

इस खबर के अंदर पत्रकार दानिश खान के एक्‍स हैंडल पर मौजूद असली वीडियो का भी इस्‍तेमाल किया गया था। दानिश ने 11 फरवरी को वीडियो को अपलोड करते हुए लिखा कि हल्द्वानी में लेपर्ड पकड़ने पहुंची वन विभाग की टीम को खुद लेपर्ड ने पकड़ लिया। बड़ी मुश्किल से जान बची।

जांच को आगे बढ़ाते हुए हमने दैनिक जागरण के हलद्वानी के संस्‍करण को स्‍कैन किया । 11 फरवरी के ईपेपर में हमें एक खबर मिली। इसमें बताया गया कि शहर की कॉलोनी राजा रानी विहार में तेंदुआ पहुंचने से हड़कंप मच गया। तेंदुए के हमले से दो वनकर्मी भी घायल हो गए। करीब छह घंटे तक रेस्‍क्‍यू अभियान चला। इसके बाद तेंदुए को ट्रैंकुलाइज किया जा सका। फिर उसे घने जंगल में छोड़ दिया गया।

विश्‍वास न्‍यूज ने जांच के अंतिम चरण में दैनिक जागरण, हल्द्वानी के वरिष्‍ठ संवाददाता गणेश जोशी से संपर्क किया। उनके साथ वायरल वीडियो को शेयर किया। उन्‍होंने जानकारी देते हुए स्‍पष्‍ट किया कि यह वीडियो उत्तराखंड के नैनीताल जिले में हल्द्वानी शहर का है। तेंदुआ आबादी वाले क्षेत्र राजा रानी विहार में घुस आया था। वन विभाग ने ट्रेंकुलाइज करके काबू में किया था।

वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले इंट्राग्राम हैंडल की जांच की गई। इंद्रा गुर्जर नाम के इस हैंडल को 618 लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल वीडियो उत्तराखंड का साबित हुआ। इसे कुछ लोग राजस्‍थान का बताकर भ्रम फैला रहे हैं।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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