Fact Check : J&K पुलिस के बेड़े में पिछले साल शामिल हुईं थी वायरल तस्‍वीर वाली गाड़ियां, भ्रामक है वायरल पोस्‍ट

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। दावा भ्रामक साबित हुआ।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्‍लेटफॉर्म पर भारतीय सेना के नाम से एक तस्‍वीर वायरल हो रही है। इसमें कुछ गाड़ियों को देखा जा सकता है। इस तस्‍वीर के जरिए दावा किया जा रहा है कि जम्‍मू व कश्‍मीर में भारतीय सेना को 2500 बुलेटप्रूफ स्कॉर्पियो मिली है।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। दावा भ्रामक साबित हुआ। दरअसल पिछले साल जम्‍मू व कश्‍मीर पुलिस के बेड़े में नई गाड़ियां शामिल हुई थीं। उसी वक्‍त की तस्‍वीर को भारतीय सेना से जोड़ते हुए वायरल करके भ्रम फैलाया जा रहा है।

क्‍या हो रहा है वायरल

इंस्‍टाग्राम हैंडल the_great_india_vision ने एक सितंबर को एक तस्‍वीर को पोस्‍ट करते हुए साथ में लिखा कि जम्‍मू कश्‍मीर में भारतीय सेना को 2500 बुलेटप्रूफ स्कॉर्पियो मिलने पर बहुत बधाई।

वायरल पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों ही लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल दावे की जांच के लिए सबसे पहले गूगल ओपन सर्च टूल का इस्‍तेमाल किया। गूगल सर्च से हमें हाल-फिलहाल की ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिससे इस बात की पुष्टि हो सके कि भारतीय सेना को 2500 बुलेटप्रूफ स्कॉर्पियो मिली है। जांच को आगे बढ़ाते हुए गूगल लेंस टूल की मदद से वायरल पोस्‍ट में इस्‍तेमाल की गई तस्‍वीर के बारे में सर्च किया गया। यह तस्‍वीर हमें रिपब्लिक चैनल की अंग्रेजी वेबसाइट पर अपलोड एक खबर में मिली। 30 अक्‍टूबर 2023 को पब्लिश इस खबर में बताया गया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अपने बेड़े में हाईटेक वाहन ‘रक्षक’ और ‘शौर्य’ पेश किए। पूरी खबर यहां पढ़ी जा सकती है।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए जम्‍मू व कश्‍मीर पुलिस के मीडिया सेंटर के आधिकारिक फेसबुक पेज को स्‍कैन किया। यहां हमें 30 अक्‍टूबर 2023 की एक पोस्‍ट मिली। इसमें बताया गया कि एक फ्लैग ऑफ समारोह में डीजीपी ने जेके पुलिस को 160 वाहन समर्पित किए।

विश्‍वास न्‍यूज ने जब वायरल तस्‍वीर की स्‍कैनिंग की तो उसके ऊपर हमें साफ जम्‍मू व कश्‍मीर पुलिस लिखा हुआ नजर आया। इसके अलावा डायल 112 भी लिखा हुआ नजर आया। इससे यह स्‍पष्‍ट हो गया कि वायरल तस्‍वीर पुलिस से संबंधित है, ना कि भारतीय सेना से।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए भारतीय सेना के प्रवक्‍ता से संपर्क किया। उन्‍होंने हमें कन्‍फर्म करते हुए बताया कि वायरल तस्‍वीर भारतीय सेना के वाहन की नहीं है। वायरल दावा फर्जी है।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। पिछले साल जम्‍मू व कश्‍मीर पुलिस के बेड़े में नई गाडियां शामिल हुईं थीं। उसी तस्‍वीर को भारतीय सेना से जोड़ते हुए भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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