Fact Check: नए भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर के डिजाइन की वायरल तस्वीर वास्तविक नहीं, AI क्रिएटेड है

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया। वायरल तस्वीर वास्तविक नहीं, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई टूल की मदद से तैयार की गई है। जिसे लोग असली समझ के गलत दावे से शेयर कर रहे हैं। 

Fact Check: नए भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर के डिजाइन  की वायरल तस्वीर वास्तविक नहीं, AI क्रिएटेड है

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें एक बिल्डिंग पर भगवन शिव की मूर्ति बनी हुई है। दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर नए भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर के डिजाइन की है। कई यूजर्स इसे असली समझ के शेयर कर रहे हैं। 

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया। वायरल तस्वीर वास्तविक नहीं, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई टूल की मदद से तैयार की गई है। जिसे लोग असली समझ के गलत दावे से शेयर कर रहे हैं। 

क्या है वायरल?

फेसबुक यूजर अनुज पोरवाल (Anuj Porwal) ने (आर्काइव लिंक) ने 25 मार्च को इस तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है, “नये भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर की डिजाईन

वामपंथियों के —–में आग लगने वाली है।”

सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को समान दावे के साथ शेयर किया है। 

https://twitter.com/edcjai/status/1770343855851774209

पड़ताल 

वायरल तस्वीर की पड़ताल के लिए हमने संबंधित कीवर्ड से न्यूज सर्च की। सर्च में हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिसमें नए भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर के डिजाइन  से जुड़ी जानकारी हो। 

जांच में आगे हमने भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर ( BARC ) की आधिकारिक वेबसाइट और सोशल मीडिया हैंडल को खंगाला। हमें वहां भी ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली।  

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने इस तस्वीर को एआई की मदद से बनी तस्वीरों को चेक करने वाले टूल की मदद से चेक किया। एआई डिटेक्टर टूल हाइव मॉडरेशन में इस तस्वीर के एआई से बने होने की संभावना करीब 99.9% फीसदी आई।



अतिरिक्त पुष्टि के लिए हमने एक अन्य टूल isitai से इस तस्वीर को फिर से चेक किया, जिसमें इसके एआई से बने होने की संभावना 98.74% निकली।


जांच को आगे बढ़ाते हुए एआई एक्सपर्ट और ALTRD की फाउंडर गायत्री अग्रवाल से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि यह तस्वीर एआई जेनरेटेड है। इसे आसानी से देखकर बताया जा सकता है कि यह तस्वीर वास्तविक नहीं है। जैसे इसकी समरूपता, प्रकाश और छाया और कुछ खामियां, जिससे साफ़ होता है कि फोटो असली नहीं है। इसमें दिख रही भगवान शिव की मूर्ति,बिल्डिंग और पेड़-पौधे नज़र आ रहे हैं उनसे भी इसके एआई से बने होने का संकेत मिलता है। 

अंत में हमने पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। प्रोफाइल पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, यूजर कानपुर  का रहने वाला है। 

विश्वास न्यूज के AI चेक सेक्शन में एआई से संबंधित अन्य फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को पढ़ा जा सकता है।

निष्कर्ष: नए भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर के डिजाइन  के दावे के साथ वायरल हो रही तस्वीर वास्तविक नहीं, बल्कि एआई टूल की मदद से बनाई गई तस्वीर है। जिसे लोग असली समझ के शेयर कर रहे हैं। विश्वास न्यूज ने जांच में दावे को फर्जी पाया है। 

False
Symbols that define nature of fake news
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