Fact Check : चेन्नई में मगरमच्छ दिखने के नाम पर मध्य प्रदेश का पुराना वीडियो वायरल

Fact Check : चेन्नई में मगरमच्छ दिखने के नाम पर मध्य प्रदेश का पुराना वीडियो वायरल

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। चक्रवाती तूफान के कारण चेन्‍नई में भयंकर बारिश के बीच एक वीडियो और तस्‍वीर को वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि वहां मगरमच्‍छ देखा गया।

विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। वायरल दावा भ्रामक निकला। वायरल वीडियो और तस्‍वीर चेन्‍नई की नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश के शिवपुरी की है। यह वीडियो पहले भी अलग-अलग शहरों के नाम से वायरल हो चुका है।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

फेसबुक यूजर रवि मुनियास्‍वामी ने 4 दिसंबर को एक तस्‍वीर को चेन्‍नई का बताते हुए अपलोड किया। पोस्‍ट में अंग्रेजी में लिखा है, “Crocodile enjoying visiting chennai city.”

पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। इसे फेसबुक, ट्विटर और वॉट्सऐप पर भी वायरल किया जा रहा है। आकाईव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल की शुरुआत गूगल ओपन सर्च टूल से की। सबसे पहले हमें यह जानना था कि क्‍या वाकई में चेन्‍नई की सड़कों पर मगरमच्‍छ देखने को मिला है। गूगल सर्च से हमें कई ऐसी खबर मिली, जिसमें बताया गया कि चेन्‍नई में बारिश के बाद मगरमच्‍छ देखने को मिला। लेकिन वायरल वीडियो और खबर में इस्‍तेमाल वीडियो में अंतर था।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए वायरल वीडियो के कई कीफ्रेम्‍स निकाले गए। फिर इन्‍हें गूगल लेंस टूल के जरिए सर्च किया गया। हमें टाइम्स ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर 17 अगस्त 2022 को पब्लिश एक खबर मिली। इसमें इस्‍तेमाल फुटेज और चेन्‍नई के नाम पर वायरल पोस्‍ट में इस्‍तेमाल तस्‍वीर एक ही नजर आई। इस खबर में बताया गया कि यह वीडियो मध्य प्रदेश के शिवपुरी शहर का है। जहां यह मगरमच्‍छ देखने को मिला था। पूरी खबर यहां देखें।

इसी तरह 16 अगस्‍त 2022 को ईटीवी भारत के यूट्यूब चैनल पर वायरल वीडियो मिला। इसे भी मध्‍य प्रदेश के शिवपुरी का ही बताया गया।

यह वीडियो पहले भी एक बार गलत दावे के साथ वायरल हो चुका है। उसकी पड़ताल यहां पढ़ी जा सकती है।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट को लेकर नईदुनिया, शिवपुरी के ब्यूरो चीफ अभिषेक शर्मा से संपर्क किया। उन्‍होंने जानकारी देते हुए बताया कि वायरल वीडियो 14 अगस्‍त 2022 का है। उस वक्‍त शिवपुरी में एक मगरमच्‍छ देखने को मिला था।

जांच के अंत में फेसबुक यूजर की सोशल स्‍कैनिंग की गई। पता चला कि यूजर मुनियास्‍वामी के 766 फेसबुक फ्रेंड हैं। इससे ज्‍यादा जानकारी यहां नहीं मिली।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। मध्‍य प्रदेश के शिवपुरी के पुराने वीडियो को कुछ लोग चेन्‍नई का बताकर वायरल कर रहे हैं।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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