Fact Check : कासगंज में महिला वकीलों के बीच हुई लड़ाई का वीडियो महाराष्ट्र के नाम से वायरल

यूपी के कासगंज में दो महिला वकीलों के बीच हुई मारपीट के वीडियो को कुछ लोग महाराष्‍ट्र के नाम पर गलत दावे के साथ वायरल कर रहे हैं।

नई दिल्‍ली (Vishvas News) सोशल मीडिया के अलग-अलग प्‍लेटफॉर्म पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में दो महिलाओं को झगड़ते हुए देखा जा सकता है। इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि महाराष्‍ट्र की एक अदालत में महिला जज और महिला वकील के बीच लड़ाई हो गई है।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। दावा भ्रामक साबित हुआ। यूपी के कासगंज में दो महिला वकीलों के बीच हुई मारपीट के वीडियो को कुछ लोग महाराष्‍ट्र के नाम पर गलत दावे के साथ वायरल कर रहे हैं।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर पंकज सिंह ने 5 अगस्‍त को एक वीडियो अपलोड करते हुए दावा किया, “भारत में पहली बार एक महिला जज और एक महिला वकील के बीच खुलेआम हाथापाई हुई और वो भी महाराष्ट्र की एक अदालत में। आखिरकार एक महिला पुलिस अधिकारी ने उन्हें अलग किया। कारण यह था कि जज ने महिला को ऐसा करने से मना कर दिया था आजकल झगड़े इसी तरह निपट जाते हैं, ऐसा लगता है।”

वायरल पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों ही लिखा गया है। इसका आर्काइव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की तहकीकात करने के लिए सबसे पहले वायरल वीडियो के कई कीफ्रेम्‍स निकाले। फिर इन्‍हें गूगल लेंस टूल के जरिए सर्च किया। हमें जागरण डॉट कॉम पर प्रकाशित एक खबर मिली। 28 अक्‍टूबर 2022 की इस खबर में बताया गया, “कासगंज जिला सत्र एवं न्यायालय परिसर में एक मुकदमे की पैरवी को लेकर दो महिला वकीलों की आपस में भिड़ंत हो गईं। दोनों के बीच जमकर गुत्थमगुत्था हुई। इस दौरान न्यायालय परिसर अखाड़ा नजर आया। बाद में महिला पुलिसकर्मियों और अन्य अधिवक्ताओं के हस्तक्षेप से मामला शांत हुआ। एक पक्ष की ओर से दो अधिवक्ताओं सहित सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।” खबर में वायरल वीडियो के कीफ्रेम्‍स को भी देखा जा सकता है। पूरी खबर यहां पढ़ सकते हैं।

सर्च के दौरान घटना से जुड़ी खबरें दूसरी वेबसाइट पर भी मिलीं। द प्रिंट ने 29 अक्‍टूबर 2022 की खबर में बताया गया कि कासगंज की रहने वाली एडवोकेट योग्याता सक्सेना (Yogyata Saxena) ने शिकायत दर्ज कराई थी कि अभियोजन पक्ष के वकील ने मतभेद के बाद उनकी पिटाई की थी। पूरी खबर यहां पढ़ें।

अब तक की पड़ताल में यह साफ हो गया कि यूपी के कासगंज की पुरानी घटना को महाराष्‍ट्र का बताकर वायरल किया गया है। विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल के दौरान दैनिक जागरण, कासगंज के संवाददाता अरुण पांडेय से भी संपर्क किया था। उन्‍होंने हमें जानकारी देते हुए बताया था कि वायरल वीडियो में दिख रहीं दोनों महिलाएं वकील हैं। घटना कासगंज में ही वर्ष 2022 में हुई थी।

विश्‍वास न्‍यूज एक बार पहले भी वायरल वीडियो की जांच कर चुका है। उस पड़ताल को विस्‍तार से यहां पढ़ सकते हैं।

जांच के अंत में भ्रामक पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की। पंकज सिंह नाम के इस यूजर को पांच हजार से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं। यूजर बिहार का रहने वाला है।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की जांच में पता चला कि यूपी के कासगंज के पुराने वीडियो को गलत दावे के साथ महाराष्‍ट्र का बताकर वायरल किया जा रहा है। दरअसल वर्ष 2022 में कासगंज में दो महिला वकील आपस में ही भिड़ गईं थीं। उसी वीडियो को अब इस दावे के साथ वायरल किया जा रहा है कि महाराष्‍ट्र में एक महिला वकील और महिला जज की आपस में लड़ाई हो गई।

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