Fact Check : झारखंड के मॉक ड्रिल का पुराना वीडियो अब MP के नाम पर किया जा रहा वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि झारखंड के खूंटी के मॉक ड्रिल के पुराने वीडियो को मध्‍य प्रदेश का बताकर भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

Fact Check : झारखंड के मॉक ड्रिल का पुराना वीडियो अब MP के नाम पर किया जा रहा वायरल

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। मध्‍य प्रदेश विधान सभा चुनाव की गतिविधियों के बीच सोशल मीडिया में 30 सेकंड का एक वीडियो वायरल किया जा रहा है । इसमें पुलिस के कुछ जवानों को भीड़ की ओर गोली चलाते हुए देखा जा सकता है। सोशल मीडिया पर भीड़ पर गोली चलाए जाने वाले इस वीडियो को मध्‍य प्रदेश का बताया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने मंदसौर में किसानों को ऐसे गोली मारी थी। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं।

विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। पता चला कि झारखंड की एक मॉक ड्रिल के पुराने वीडियो को मंदसौर का बताकर झूठ फैलाने की कोशिश की गई है। इस वीडियो का मध्‍य प्रदेश से कोई संबंध नहीं है। यह वीडियो पहले भी अलग-अलग दावों के साथ वायरल हो चुका है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर प्रभु यादव ने 11 नवंबर को 30 सेकंड का एक वीडियो पोस्‍ट करते हुए दावा किया, “किसान भाइयों भाजपा को वोट देने से पहले एक बार ये वीडियो जरूर देख लेना कैसे शिवराज मामा ने किसानों पर गोली चलवा कर किसानों को मरवाया था। मंदसौर गोली कांड।”

वायरल पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों ही लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो की सच्‍चाई जानने के लिए सबसे पहले इनविड टूल की मदद से इसके कई कीफ्रेम्‍स निकाले। फिर इन्‍हें गूगल लेंस की मदद से सर्च करना शुरू किया। वीडियो के कीफ्रेम्स से सर्च किए जाने पर यूट्यूब पर वायरल वीडियो मिला। स्‍टेनो गणेश जीएसके व्‍लॉग नामक चैनल पर इस वीडियो को एक नवंबर 2017 को अपलोड किया गया था। वीडियो को खूंटी पुलिस की मॉक ड्रिल बताया गया। खूंटी झारखंड का एक जिला है।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए मंदसौर गोलीकांड के बारे में जानकारी जुटाई । नईदुनिया की वेबसाइट पर पब्लिश एक रिपोर्ट के अनुसार, “मंदसौर में 6 जून 2017 को किसान आंदोलन के दौरान फायरिंग में पांच किसानों की मौत हो गई थी। इस घटना ने पूरे प्रदेश में हलचल मचा दी थी। आंदोलन के दौरान हुई हिंसा के बाद जिले के 13 थाना क्षेत्रों में उपद्रव, तोड़फोड़ व बलवे के मामले में लगभग 100 प्रकरण दर्ज हुए थे। इनमें 351 को नामजद आरोपी बनाकर 81 गिरफ्तारी की गई थी। इस मामले में करीब 3 हजार अज्ञात लोगों पर भी प्रकरण दर्ज हुए थे।” संबंधित रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो को लेकर नईदुनिया के पॉलिटिकल एडिटर धनंजय प्रताप सिंह से संपर्क किया। उनके साथ वायरल पोस्‍ट को साझा किया। उन्‍होंने जानकारी देते हुए बताया कि यह फर्जी वीडियो है। मंदसौर गोलीकांड के दौरान मध्य प्रदेश में ऐसा कोई वीडियो रिकॉर्ड नहीं किया गया था।

विश्‍वास न्‍यूज ने पहले भी इस वीडियो की पड़ताल की थी। उस पड़ताल को यहां पढ़ा जा सकता है।

अब बारी थी झारखंड के मॉक ड्रिल के पुराने वीडियो को मंदसौर का बताकर वायरल करने वाले यूजर की जांच करने की। प्रभु यादव नाम के इस यूजर से फेसबुक पर करीब पांच हजार लोग जुड़े हुए हैं। यूजर मध्‍य प्रदेश का रहने वाला है।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि झारखंड के खूंटी के मॉक ड्रिल के पुराने वीडियो को मध्‍य प्रदेश का बताकर भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

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