नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। अयोध्या में राम मंदिर में 22 जनवरी को भगवान राम की प्राण-प्रतिष्ठा होगी। इसी के साथ सोशल मीडिया पर अयोध्या और भगवान राम की मूर्ति को लेकर कई प्रकार के झूठ वायरल हो चुके हैं। अब कुछ सोशल मीडिया यूजर्स 11 सेकंड की एक वीडियो क्लिप को वायरल करते हुए इसे अयोध्या की बता रहे हैं। इसमें कई सारे कमोड को एक साथ देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। पता चला कि अयोध्या के नाम पर वायरल क्लिप का संबंध वाराणसी से है। दरअसल, वाराणसी के उमराहा में पीएम मोदी ने नवनिर्मित स्वर्वेद मंदिर का उद्घाटन किया था। उस कार्यक्रम के लिए बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ को देखते हुए अस्थायी निवास और शौचालय का निर्माण किया गया था। उसी वक्त के वीडियो को अब अयोध्या का बताकर भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है।
फेसबुक यूजर राजीव त्यागी ने 3 जनवरी 2024 को एक वीडियो क्लिप को अयोध्या की बताते हुए अंग्रेजी में दावा किया, “Arrangements for visitors to Ayodhya – two rows of open Indian toilets, directly splashing their contents into an open deep trench latrine…”
वायरल पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों ही लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी शेयर कर रहे हैं। पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।
अयोध्या के नाम पर वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले ऑनलाइन टूल इनविड का इस्तेमाल किया इसके माध्यम से कई कीफ्रेम्स निकाले । फिर इन्हें गूगल लेंस और गूगल रिवर्स इमेज के जरिए खोजना शुरू किया । यह वीडियो वाराणसी के नाम पर हमें कई यूट्यूब चैनलों पर अपलोड मिला। माया भाई नाम के एक यूट्यूब चैनल ने 1 जनवरी 2024 को इस वीडियो को अपलोड करते हुए वाराणसी के सर्ववेद मंदिर से जोड़ते हुए कैप्शन लिखा।
सर्च के दौरान अंकित प्रोमो नाम के एक यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो मिला। इसमें वायरल वीडियो से मिलता-जुलता फुटेज देखा जा सकता है। वीडियो की 3:38 मिनट की टाइम लाइन के बाद यह विजुअल देखा जा सकता है। वीडियो के डिस्क्रिप्शन में इसे स्वर्वेद महामंदिर से जुड़ा हुआ बताया गया। इसमें बताया गया कि लोगों के रुकने के लिए कई सारे टेंट लगाए थे। यहां रुकने वाले लोगों के लिए अस्थायी शौचालय भी बनाए गए। यह वीडियो 13 दिसंबर 2023 को अपलोड किया गया था।
इसी तरह 11 दिसंबर 2023 एएमटी यूट्यूबर नाम के यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो को अपलोड करते हुए लिखा गया कि उद्घाटन के लिए तैयार स्वर्वेद महामंदिर धाम। इस वीडियो में 10:40 मिनट की टाइम लाइन के बाद शौचालय के उस हिस्से को देखा जा सकता है, जिसे अयोध्या के नाम पर वायरल किया जा रहा है।
पड़ताल के दौरान दैनिक जागरण के अयोध्या यूनिट के संपादकीय प्रभारी रमा शरण अवस्थी से संपर्क किया गया। उन्होंने भी वायरल वीडियो के बारे में बताया कि यह अयोध्या का नहीं है।
अब बारी थी वाराणसी के वीडियो को अयोध्या का बताकर वायरल करने वाले यूजर की जांच करने की। फेसबुक यूजर राजीव त्यागी को एक लाख से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई। वाराणसी के स्वर्वेद मंदिर के उद्घाटन पर वहां अस्थायी शौचालय बनाए गए थे। अब उसी वक्त के वीडियो को कुछ लोग अयोध्या का बताकर वायरल कर रहे हैं।
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