विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। यह फर्जी साबित हुई।
नई दिल्ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया में एक वीडियो क्लिप वायरल हो रही है। इसमें महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को उस औरंगजेब की तारीफ करते हुए सुना जा सकता है, जिसने भारत माता के लिए अपनी जान दे दी। सोशल मीडिया यूजर्स इस क्लिप को इस दावे के साथ वायरल कर रहे हैं कि उद्धव ठाकरे ने मुगल बादशाह औरंगजेब को अपना भाई बताया है।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। यह फर्जी साबित हुई। जांच में पता चला कि उद्धव ठाकरे के पूरे भाषण में से एक हिस्सा एडिट करके झूठे दावे के साथ वायरल कर रहे हैं। पड़ताल में पता चला कि वायरल क्लिप पुरानी है। उद्धव ठाकरे कश्मीर में शहीद हुए भारतीय सैनिक औरंगजेब के बारे में बात कर रहे थे। जांव में वायरल पोस्ट झूठी साबित हुई।
फेसबुक यूजर राकेश पाठक ने 18 सितंबर को 30 सेकंड की वीडियो क्लिप अपने अकाउंट से अपलोड करते हुए दावा किया, “औरंगजेब कसाई नहीं इनका भाई था। सत्ता के लिए उद्धव साहेब कुछ भी।”
वायरल पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों लिखा गया है। इसे सच समझकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।
उद्धव ठाकरे की वायरल क्लिप की जांच के लिए कई टूल्स का इस्तेमाल किया गया। सबसे पहले वायरल क्लिप में से कीफ्रेम्स निकालने के लिए इनविड टूल का इस्तेमाल किया गया। इस टूल के माध्यम से वायरल वीडियो क्लिप के कई कीफ्रेम्स निकाले गए। इसके बाद इन्हें गूगल लेंस के माध्यम से सर्च करना शुरू किया गया। सर्च के दौरान असली वीडियो उद्धव ठाकरे के फेसबुक पेज पर मिला।
उद्धव ठाकरे के फेसबुक पेज पर एक कार्यक्रम के दौरान यह वीडियो लाइव किया गया था। 19 फरवरी के इस वीडियो को पूरा देखने में समझ में आया कि वायरल क्लिप इस वीडियो का एक छोटा-सा अंश है। इस क्लिप को गलत दावे के साथ वायरल किया गया है।
असली वीडियो में उद्धव ठाकरे को 32 मिनट के बाद बोलते हुए सुना जा सकता है, “एक अपना फौजी था, कश्मीर में। वह छुट्टी लेकर घर जा रहा था परिवार को मिलने को। जब आतंकवादियों को पता चला कि यह अभी छुट्टी लेकर अकेला जा रहा है तो बीच में उसे किडनैप किया गया हलाल के लिए। कुछ दिनों बाद उसका क्षत-विक्षत शरीर कहीं मिल गया। वह अपना था या नहीं था। जिसने देश के लिए कुर्बानी दी है। अभी मैं कहूं कि वह मेरा भाई था। आप कहेंगे कि… लेकिन आपको नाम पता है क्या है?’ उसका नाम औरगंजेब था। होगा ना, मजहब से मुसलमान होगा, था ही। लेकिन उसने अपने देश के लिए कुर्बानी दी। भारत माता जिसको कहते हैं, उसके लिए अपनी जान तक दे दी। क्या वह अपना भाई नहीं था? वह अपना भाई ही था।”
मुंबई के अंधेरी में उत्तर भारतीय समाज के लोगों के साथ चर्चा के एक कार्यक्रम में उद्धव ठाकरे प्रमुख अतिथि के तौर पर यह बात बोल रहे थे।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए गूगल सर्च किया गया। संबंधित कीवर्ड से सर्च करने पर कई न्यूज वेबसाइट पर संबंधित कार्यक्रम की खबरें मिलीं। एबीपी लाइव की वेबसाइट पर 19 फरवरी 2023 को पब्लिश एक खबर में बताया गया, “महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे पिछले हफ्ते उत्तर भारतीय समाज के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। ठाकरे अपने राजनीतिक नुकसान के बाद से लगातार मुंबई में उत्तर भारतीय समाज के दिग्गजों के साथ सम्पर्क साध रहे हैं और उनके कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं।” पूरी खबर यहां पढ़ी जा सकती है।
विश्वास न्यूज एक बार पहले भी वायरल वीडियो की विस्तार से जांच कर चुका है। उस पड़ताल को यहां क्लिक करके पढ़ा जा सकता है। उस वक्त विश्वास न्यूज ने राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी से बात की थी। उन्होंने वायरल वीडियो को लेकर झूठा बताते हुए कहा था कि उद्धव ठाकरे भारतीय सेना के शहीद जवान औरंगजेब के लिए बोल रहे थे, लेकिन कुछ लोगों ने वीडियो को एडिट कर झूठे दावे के साथ वायरल कर दिया।
जांच के अंतिम चरण में उद्धव ठाकरे के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाने के लिए फर्जी वीडियो को पोस्ट करने वाले यूजर की जांच की गई। सोशल स्कैनिंग में पता चला कि फेसबुक यूजर राकेश पाठक ने यह अकाउंट मार्च 2018 में बनाया था।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज की पड़ताल में उद्धव ठाकरे से जुड़ी वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। उन्होंने मुगल शासक औरंगजेब की तारीफ करते हुए उसे अपना भाई नहीं बताया था, बल्कि कश्मीर में दुश्मनों से लड़ते हुए शहीद हुए सैनिक औरंगजेब को अपना भाई बताया था। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स वीडियो को एडिट करके झूठ फैला रहे हैं।
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