FACT CHECK: इटालियन आर्टिस्ट की कला को कुरुक्षेत्र का कंकाल बताकर किया जा रहा है वायरल

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें एक बड़ा-सा कंकाल देखा जा सकता है। तस्वीर में कंकाल के साथ कुछ लोगों को खड़ा देखा जा सकता है। पोस्ट में दावा किया गया है कि यह कंकाल हरियाणा के कुरुक्षेत्र में हुई खुदाई में निकला है। हमारी पड़ताल में हमने पाया कि यह दावा गलत है। असल में यह कंकाल असली नहीं है, बल्कि इसे एक इटालियन आर्टिस्ट गीनो डी डोमिनिक ने बनाया था। इस कंकाल का कुरुक्षेत्र से कोई लेना-देना नहीं है।

CLAIM

वायरल फोटो में एक बड़ा-सा कंकाल देखा जा सकता है। तस्वीर में कंकाल के साथ कुछ लोग भी खड़े हैं। पोस्ट में दावा किया गया है कि यह कंकाल हरियाणा के कुरुक्षेत्र में हुई खुदाई में निकला है। पोस्ट के साथ डिस्क्रिप्शन लिखा है “कुरूक्षेत्र के पास खुदाई करते समय विदेशी पुरातत्व विशेषज्ञों को एक 80 फुट की लम्बाई के मानव कंकाल के अवशेष मिले जो महाभारत के भीम के पुत्र घटोत्कच के वर्णन के समान है और हम भारतवासियों को महाभारत ही काल्पनिक लगती है इसे डिस्कवरी चैनल और नेशनल ज्योग्राफिक चैनल ने प्रसारित किया है!”

FACT CHECK

इस पोस्ट की पड़ताल करने के लिए हमने सबसे पहले इस फोटो को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। इस सर्च में हमारे हाथ theinspirationgrid.com नाम की वेबसाइट पर पोस्ट हुई एक फोटो लगी। इस वेबसाइट के अनुसार, यह कंकाल असल में एक मूर्ति है जिसे इटली के एक आर्टिस्ट गीनो डी डोमिनिकिस ने बनाया था।

इस विषय में पुष्टि के लिए हमने हरियाणा पुरातत्व और संग्रहालय विभाग से संपर्क किया जहाँ हमें बताया गया कि यह तस्वीर कुरुक्षेत्र की नहीं है। मेल पर आया जवाब आप नीचे देख सकते हैं।

हमने इस विषय में इटली स्थित चर्च ऑफ द होली ट्रिनिटी में भी बात की जहाँ अभी इस मूर्ति कंकाल को रखा गया है। हमें बताया गया, “यह मूर्ति एक मूर्तिकार गीनो डी डोमिनिक की कला है। इसे कहीं से भी खोद के नहीं निकाला गया है। ‘कॉस्मिक मैगनेट’ गीनो डी डोमिनिकिस की एक समकालीन कलाकृति है। यह प्राचीन ट्रिनिटी ऑफ द होली ट्रिनिटी के अंदर इतालवी कला के समकालीन केंद्र में रखा गया है। यह एक मूर्तिकला है, जो एक स्मारक मानवविज्ञानी कंकाल का प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें नाक के स्थान पर एक पक्षी की चोंच है। यह मूर्ति 24 मीटर लम्बी, 9 मीटर चौड़ी और लगभग चार मीटर ऊँची है।”

इस पोस्ट को Kurukshetra-The Historical Place नाम के एक फेसबुक ने शेयर किया था जिसे अभी तक 6000 से ज़्यादा बार शेयर किया जा चुका है।

निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में हमने पाया कि यह दावा गलत है। असल में यह कंकाल असली नहीं है, बल्कि इसे एक इटालियन आर्टिस्ट गीनो डी डोमिनिक ने बनाया है। इस मूर्ति कंकाल का कुरुक्षेत्र से कोई लेना देना नहीं है।

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