Fact Check: राहुल गांधी की 2014 की फोटो, लोकसभा चुनाव 2024 के हवाले से वायरल

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल पाया कि वायरल की जा रही तस्वीर साल 2014 की रमजान के दौरान की है। पुरानी फोटो को भ्रामक सन्दर्भ के साथ 2024 लोकसभा चुनाव के हवाले से अब शेयर किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। लोकसभा चुनाव 2024 के मतदान की गिनती की शुरुआत हो चुकी है और इसी बीच सोशल मीडिया पर राहुल गांधी की एक फोटो वायरल हो रही है, जिसमें उन्हें धार्मिक टोपी पहने हुए देखा जा सकता है। तस्वीर को लोकसभा चुनाव 2024 से जोड़कर शेयर किया जा रहा है।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल पाया कि वायरल की जा रही तस्वीर साल 2014 की रमजान के दौरान की है। पुरानी फोटो को भ्रामक सन्दर्भ के साथ 2024 लोकसभा चुनाव के हवाले से अब शेयर किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर ने वायरल पोस्ट में, ”मोदी की मेडिटेशन ड्रामा है,,, सच्चाई सिर्फ जाली टोपी लगा कर नमाज़ पढ़ने में है।”

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें।

पड़ताल

अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले हमने गूगल लेंस के जरिये वायरल फोटो को सर्च किया। सर्च में यह फोटो इंडियन एक्सप्रेस के फोटोज में मिली। 26 जुलाई 2014 की खबर (आर्काइव) के मुताबिक,कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को अपने संसदीय क्षेत्र के दौरे के दौरान सैलून में स्थानीय लोगों के साथ ‘रोजा इफ्तार’ में हिस्सा लिया। और उन्होंने लोकसभा चुनाव में समर्थन के लिए लोगों का शुक्रिया  अदा किया।

इंडियन नेशनल कांग्रेस के वेरिफाइड एक्स हैंडल की तरफ से भी 25 जुलाई 2014 को मिलती- जुलती तस्वीर शेयर की गई है।  

 वायरल पोस्ट से जुड़ी पुष्टि के लिए हमने उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अभिमन्यु त्यागी से संपर्क साधते हुए वायरल पोस्ट उनके साथ शेयर की। उन्होंने हमने बताया, ”बीजेपी आईटी सेल हमेशा राहुल गांधी के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलाने में लगा रहता है। वर्तमान में सोशल मीडिया के दौर में किसी से कुछ छुपा रहना संभव नहीं है। बीजेपी आईटी सेल द्वारा भ्रामक फोटो वायरल की जा रही है।”

भ्रामक पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की सोशल स्कैनिंग  में हमने पाया कि यूजर अयोध्या  के रहने वाले हैं और इस प्रोफाइल से विचारधारा  विशेष से जुड़ी पोस्ट शेयर की जाती हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल पाया कि वायरल की जा रही तस्वीर साल 2014 की रमजान के दौरान की है। पुरानी फोटो को भ्रामक सन्दर्भ के साथ 2024 लोकसभा चुनाव के हवाले से अब शेयर किया जा रहा है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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