विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। यह फर्जी साबित हुई।
नई दिल्ली (Vishvas News)। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में राहुल गांधी मीडिया से बातचीत में अंग्रेजी में कहते हैं कि वो बच्चे हैं उन्हें इसकी ज्यादा जानकारी नहीं है। इसलिए हमें उन्हें माफ कर देने चाहिए। राहुल गांधी के बयान के बाद जी न्यूज की एक क्लिप में एंकर को यह बोलते हुए सुना जा सकता है कि देश का हर वर्ग इसे गलत कह रहा है। इस पर कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए, लेकिन राहुल गांधी उन आरोपियों को बच्चा कह रहे हैं तो सोचिए यह क्या संदेश लेकर आगे जाता है।
इस वीडियो को वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि राहुल गांधी ने यह बयान उदयपुर में मारे गए कन्हैया लाल के हत्यारों के समर्थन में दिया। विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। यह फर्जी साबित हुई। दरअसल राहुल गांधी का यह बयान वर्ष 2022 का है। उस वक्त केरल के वायनाड में कांग्रेस कार्यालय में कुछ लोगों ने तोड़फोड़ की थी। जिसके बाद राहुल गांधी ने तोड़फोड़ के आरोपियों को माफ करने की बात मीडिया से कही थी। उसी बयान को कुछ लोग कन्हैया लाल के हत्यारों के समर्थन के नाम से जोड़कर वायरल कर रहे हैं।
फेसबुक यूजर Dk Bhardwaj ने 8 जुलाई को एक वीडियो को अपलोड करते हुए लिखा, “देख लो सेक्युलर हिन्दुओं। कन्हैया लाल दर्जी का गला काटकर नृशंस हत्या करने वाले मुसलमान मासूम बच्चे हैं, उनको छोड़ देना चाहिए,, और तुम सारे हिन्दू हिंसक हो : राहुल गांधी। फिर भी आँखें नहीं खुल रही तो कोई नहीं बचा सकता तुम्हे।”
पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी शेयर कर रहे हैं। पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।
विश्वास न्यूज ने सबसे पहले वायरल वीडियो के बारे में जानकारी जुटाना शुरू किया। वायरल वीडियो के कई कीफ्रेम्स निकालने के बाद गूगल लेंस से सर्च करने पर हमें एक खबर न्यूज 18 केरल के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर मिली। इसे 2 जुलाई 2022 को अपलोड किया गया है। इस वीडियो को देखने से यह स्पष्ट हो गया कि वायरल वीडियो वायनाड में कांग्रेस कार्यालय में हुई तोड़फोड़ के बाद का है। कार्यालय में तोड़फोड़ के आरोपियों पर राहुल गांधी ने बच्चे वाली बात कही थी।
वीडियो में राहुल गांधी को एक पत्रकार के सवाल का जवाब देते हुए यह कहते हुए सुना जा सकता है कि यह मेरा कार्यालय है, लेकिन मेरा कार्यालय होने से पहले यह वायनाड के लोगों का है। यह वायनाड के लोगों की आवाज है। यह जो हुआ, वो काफी दुखद और गलत है। कुछ लोग कहते हैं कि हिंसा से परेशानी को सुलझाया जा सकता है। लेकिन ऐसा नहीं है, जिन्होंने यह काम किया है उन्होंने काफी गलत काम किया है। मगर वो भी बच्चे ही हैं। हमें उन्हें माफ कर देना चाहिए।”
राहुल गांधी का असली बयान हमें एएनआई भारत के यूट्यूब चैनल पर भी मिला। इसे एक जुलाई 2022 को अपलोड किया गया था।
जांच को आगे बढ़ाते हुए वायरल वीडियो के दूसरे भाग के बारे में पड़ताल की गई। हमें जांच के दौरान पता चला कि जुलाई 2022 में जी न्यूज ने अपने कार्यक्रम में राहुल गांधी के वायनाड़ से जुड़े बयान को गलत संदर्भ के साथ प्रसारित किया था। बाद में जी न्यूज की ओर से माफी मांग ली गई।
सर्च के दौरान हमें न्यूज एंकर रोहित रंजन के एक्स हैंडल पर एक वीडियो मिला। इसमें उनकी ओर से लिखा गया कि कल हमारे शो DNA में राहुल गांधी का बयान उदयपुर की घटना से जोड़कर ग़लत संदर्भ में चल गया था, ये एक मानवीय भूल थी, जिसके लिए हमारी टीम क्षमाप्रार्थी हैं, हम इसके लिए खेद जताते हैं।
विश्वास न्यूज ने एक बार पहले भी वायरल पोस्ट की जांच की थी। उस पड़ताल को यहां पढ़ा जा सकता है।
विश्वास न्यूज से बातचीत में उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अभिमन्यु त्यागी ने बताया कि राहुल गांधी की छवि खराब करने के लिए इस तरह का फेक वीडियो वायरल किया गया है।
जांच के अंतिम चरण में फर्जी पोस्ट करने वाले यूजर की जांच की गई। फेसबुक यूजर डीके भारद्वाज की सोशल स्कैनिंग में पता चला कि यूजर दिल्ली में रहता है। इस अकाउंट को पांच हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि राहुल गांधी का बयान गलत दावे के साथ वायरल हो रहा है। उन्होंने वायनाड कार्यालय में हुए हमले के आरोपियों के समर्थन में वायरल बयान दिया था। इस बयान का उदयपुर में मारे गए कन्हैया लाल के हत्यारे से कोई संबंध नहीं है। हमारी जांच में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई।
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