अभिनंदन ने पाकिस्तान से लौटने के बाद कोई भी राजनीतिक बयान नहीं दिया था। वायरल दावा फर्जी है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक बार फिर से एक अख़बार की कटिंग वायरल हो रही है, जिसके ज़रिये विंग कमांडर अभिनंदन के नाम पर पुलवामा अटैक को लेकर एक फर्जी मैसेज वायरल किया जा रहा है। विश्वास टीम की पड़ताल में यह मैसेज फर्जी साबित हुआ। हमने पाया कि दैनिक जागरण में छपे विश्वास न्यूज़ के एक फैक्ट चेक आर्टिकल के ही एक भाग को बड़ी चालाकी से काट कर गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। अभिनंदन ने पाकिस्तान से लौटने के बाद कोई भी राजनीतिक बयान नहीं दिया है। विश्वास न्यूज़ ने पहले भी इस क्लेम की पड़ताल की थी। इस पूरी पड़ताल को यहाँ क्लिक करके पढ़ा जा सकता है।
क्या हो रहा है वायरल?
सोशल मीडिया पर ‘ਹਾਸਿਆ ਖੇਡਿਆ.’ नाम के एक पेज ने अख़बार की एक कटिंग को शेयर किया, जिसमें विंग कमांडर अभिनंदन की तस्वीर के साथ पुलवामा के बहाने भाजपा और पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा गया है। पोस्ट के साथ लिखा है “ਕੀ ਹਾਲ ਹੈ ਭਗਤੋ, ਅਖਬਾਰ ਪੜ੍ਹਿਆ ਕਰੋ ਏਨਕ ਲਗਾ ਕੇ” जिसका हिंदी अनुवाद होता है “कैसे हो भक्तों, चश्मा पहन कर पढ़ो अखबार”
इस पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहाँ देखा जा सकता है।
पड़ताल
वायरल पोस्ट में इस्तेमाल अख़बार की इस क्लिप में ऊपर विश्वास न्यूज़ लिखा है। आपको बता दें कि विश्वास न्यूज़ की कई फैक्ट चेक खबरें दैनिक जगरण अख़बार में छपती हैं। विश्वास न्यूज़ ने अभिनंदन के नाम पर वायरल इस फर्जी बयान का फैक्ट चेक 16 मई 2019 को किया था। ढूंढ़ने पर हमें पता चला कि दैनिक जगरण के अख़बार ने 17 मई को इसे अपने अख़बार में छपा था। अखबार ने फैक्ट चेक को छापा और उस फर्ज़ी पोस्ट को एक अलग बॉक्स में फेक न्यूज़ का ठप्पा लगा कर डाल दिया। शरारती तत्वों ने उस बॉक्स वाले हिस्से को काट कर गलत दावे के साथ वायरल कर दिया। जागरण द्वारा छापी गयी पूरी खबर आप यहाँ नीचे देख सकते हैं।
विंग कमांडर अभिनंदन के फ़र्ज़ी बयान को लेकर हमने भारतीय एयरफोर्स के पीआरओ अनुपम बनर्जी से भी बात की थी। उन्होंने भी कन्फर्म किया था कि विंग कमांडर अभिनंदन ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है। वायरल मैसेज फर्जी है।
विश्वास न्यूज़ ने अभिनंदन के फ़र्ज़ी बयान को लेकर पहले भी फैक्ट चेक किया था। इस पूरी पड़ताल को आप यहाँ पढ़ सकते हैं।
निष्कर्ष: अभिनंदन ने पाकिस्तान से लौटने के बाद कोई भी राजनीतिक बयान नहीं दिया था। वायरल दावा फर्जी है।
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