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Quick Fact Check: एमआर वैक्सीन को लेकर गलत दावे वाली पोस्ट फिर हुई वायरल

एमआर वैक्सीन से बांझपन होता है, ऐसा दावा करने वाली वायरल पोस्ट फर्जी है। विश्वास न्यूज पहले भी इस दावे की पड़ताल कर चुका है।

  • By: Urvashi Kapoor
  • Published: Nov 4, 2020 at 05:40 PM
  • Updated: Nov 5, 2020 at 03:36 PM

By Vishvas News
 

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट फिर से वायरल हो रही है, जिसके जरिए दावा किया जा रहा है कि केरल के एक स्कूल में मुस्लिम लड़कियों को जबरदस्ती वैक्सीन दिया जा रहा है, जिसके साइड इफेक्ट से उनमें बांझपन हो सकता है। वायरल पोस्ट के साथ एक तस्वीर में MR-VAC वैक्सीन की तस्वीर भी दिखती है। यह मीजल्स—रुबेला की कॉमन वैक्सीन है। विश्वास न्यूज ने पड़ताल में पाया कि वायरल पोस्ट फर्जी है।  

क्या है वायरल पोस्ट में?

विश्वास न्यूज को यह पोस्ट फैक्ट चेक के लिए उसके वॉट्सऐप चैटबॉट पर मिली थी। पोस्ट में दावा किया गया है कि केरल के एक स्कूल में मुस्लिम लड़कियों को जबरदस्ती इंजेक्शन लगाया जा रहा है, जिससे उनमें बांझपन हो सकता है। इस वैक्सीन की तस्वीर भी साझा की गई है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने सबसे पहले वायरल तस्वीर में नजर आ रही MR-VAC वैक्सीन के बारे में सर्च किया। इनविड मैग्नीफायर की मदद से देखने पर हमने पाया कि यह यह मीजल्स—रुबेला का वैक्सीन है। हमने इस दवा के बारे में इंटरनेट पर सर्च किया तो पाया कि इस दवाई को SERUM Institute of India मैन्युफैक्चर करता है।

मैन्युफैक्चरर की वेबसाइट पर मौजूद इन वैक्सीन के डिस्क्रिप्शन के अनुसार, यह वैक्सीन छोटे बच्चों, युवाओं और वयस्कों सभी को लगाया जाता है और यह सुरक्षित है।

पूरा फैक्टचेक यहां पढ़ा जा सकता है।

विश्वास न्यूज ने यूनिसेफ के डॉ. प्रफुल भारद्वाज से संपर्क किया। उन्होंने भी बताया कि वायरल पोस्ट में किया जा रहा दावा फर्जी है।

निष्कर्ष: एमआर वैक्सीन से बांझपन होता है, ऐसा दावा करने वाली वायरल पोस्ट फर्जी है। विश्वास न्यूज पहले भी इस दावे की पड़ताल कर चुका है।

  • Claim Review : एमआर वैक्सीन से बांझपन होता है।
  • Claimed By : Whatsapp user
  • Fact Check : झूठ
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