हमारी जांच में वायरल पोस्ट का दावा भ्रामक साबित हुआ। कर्नाटक की पुरानी घटना की तस्वीर को भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
नई दिल्ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया में एक बार फिर से तीन तस्वीरों का एक कोलाज वायरल हो रहा है। इसमें एक युवक को किसी इंसान के कटे हुए सिर को पकड़े हुए देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि बहन के साथ बलात्कार के बाद यह युवक बलात्कारी का सिर काटकर पुलिस स्टेशन पहुंच गया।
विश्वास न्यूज ने पहले भी एक बार इस पोस्ट की पड़ताल की थी। जांच के बाद हमें पता चला कि वायरल पोस्ट भ्रामक है। 2018 की एक घटना को बार-बार वायरल किया जा रहा है। दरअसल एक आदमी ने आरोपी की मां के साथ बदसलूकी की थी। जिसके कुछ समय बाद यानि 2018 में युवक ने उस व्यक्ति की हत्या करके सिर काट दिया था। उसी घटना की तस्वीर को अब फिर से वायरल किया जा रहा है।
फेसबुक पेज ‘Gabbar Classes’ ने 1 नवंबर को एक पोस्ट को अपलोड करते हुए दावा किया कि भारत का यह लड़का जिसकी बहन के साथ बलात्कार हुआ था और उसने बलात्कारी के सिर को काट दिया और उसे पुलिस स्टेशन ले आया। शायद हमें उसके जैसे और पुरुषों की जरूरत है।
फेसबुक पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन देखें।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की पहले भी जांच की थी। गूगल रिवर्स इमेज टूल की मदद से हमें पता चला कि 2018 की 29 सितंबर की घटना की तस्वीरों को अब वायरल किया जा रहा है। thenewsminute.com की खबर के अनुसार, कर्नाटक के मंडया जिले का पशुपति अपने दोस्त गिरीश की हत्या करके उसका सिर काटकर पुलिस स्टेशन पहुंच गया। आरोपी के अनुसार, गिरीश ने उसकी मां को लेकर कुछ अपशब्द कहे थे। पूरी खबर यहां पढ़ें।
विश्वास न्यूज से बातचीत में मांड्या सब डिवीजन के डीएसपी एल. नवीन ने बताया कि घटना 2018 की है। आरोपी और पीड़ित दोनों बचपन के दोस्त थे। दोनों की कुछ समय से बातचीत बंद थी। दोनों की घटना के दिन किसी बात पर बहस हुई, जिसके बाद पशुपति ने गिरीश का गला काट दिया था। आरोपी की बहन के साथ कोई रेप नहीं हुआ था। हां, स्टेटमेंट के अनुसार, बहस के दौरान गिरीश ने पशुपति की मां के लिए अपशब्द ज़रूर कहे थे और कुछ साल पहले उसकी मां से छेड़छाड़ भी की थी। केस अभी चल रहा है।
पूरी पड़ताल को आप विस्तार से यहां पढ़ें।
अंत में हमने ‘Gabbar Classes’ फेसबुक पेज की जांच की। हमें पता चला कि इस पेज को चालीस हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। पेज पर हमें वायरल कंटेंट काफी मिला।
निष्कर्ष: हमारी जांच में वायरल पोस्ट का दावा भ्रामक साबित हुआ। कर्नाटक की पुरानी घटना की तस्वीर को भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
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