जिन भी लोगों को कैंसर होता है उनका पीएच एसिडिक होता है, ऐसा दावा करने वाली पोस्ट है फर्जी।
नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट फिर से वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि जिस भी व्यक्ति को कैंसर होता है उसका पीएच लेवल काफी एसिडिक होता है। विश्वास न्यूज ने जब इस दावे की पड़ताल की तो इसे फर्जी पाया। वायरल पोस्ट में नोबेल पुरस्कार विजेता ओटो वारबर्ग के काम को गलत संदर्भ के साथ दिखा कर इस दावे को सही बताने की कोशिश की गई है।
क्या है वायरल पोस्ट में?
फेसबुक पर यह पोस्ट Mega Montega नामक यूजर ने शेयर की है, जिसमें अंग्रेजी में लिखे गए टेक्स्ट का हिंदी अनुवाद है: हर वह व्यक्ति जिसे कैंसर है उसका पीएच काफी एसिडिक है।
पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है।
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने सबसे पहले इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल में ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. मनीष सिंघल से बात की। उन्होंने बताया कि लॉजिक की बात करें तो आमतौर पर इंसानी खून का पीएच हल्का-सा अल्कलाइन होता है। यह 7.35 से 7.45 के बीच होता है। अगर यह पीएच बैलेंस 7 से नीचे आ जाए तो व्यक्ति जिंदा नहीं रह सकता। कैंसर पेशेंट का पीएच भी नॉर्मल रेंज में ही होता है। लो पीएच लेवल में न तो कैंसर सेल सर्वाइव कर सकते हैं और न ही नॉर्मल सेल। वहीं, अगर अल्कलाइन पीएच की अपर लिमिट से ज्यादा पीएच हो जाए तो यह भी घातक होता है।
विश्वास टीम ने आगे पड़ताल में पाया डॉ. ओटो वारबर्ग ने साल 1931 में पीएच और कैंसर संबंधी रिसर्च के लिए नोबेल पुरस्कार नहीं जीता था। नोबेल प्राइज कमिशन के अनुसार, उन्हें नोबल प्राइज फिजियोलॉजी या रेस्पिरेटरी एंजाइम के नेचर व मोड ऑफ एक्शन की डिस्कवरी के लिए मिला था।
पूरा फैक्ट चेक यहां पढ़ें।
फेसबुक पर यह पोस्ट “Mega Montega” नामक यूजर ने साझा की थी। जब हमने इस यूजर की प्रोफाइल को स्कैन किया तो पाया कि यूजर न्यू जर्सी की रहने वाली है।
निष्कर्ष: जिन भी लोगों को कैंसर होता है उनका पीएच एसिडिक होता है, ऐसा दावा करने वाली पोस्ट है फर्जी।
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