वायरल तस्वीरों में से एक तस्वीर को छोड़कर बाकी सभी तस्वीरें अलग-अलग मौकों पर ली गई हैं। इनका बिजनौर रेड से कोई संबंध नहीं है।
By Vishvas News
नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें फिर से वायरल हो रही हैं। इनमें कुछ तस्वीरों में हथियार देखे जा सकते हैं, वहीं कुछ तस्वीरों में पुलिस के साथ कुछ लोग नजर आते हैं। वायरल पोस्ट के जरिए दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीरें उत्तर प्रदेश के बिजनौर में स्थित एक मदरसे में छापेमारी के दौरान की हैं। यहां से छह मौलवियों को गिरफ्तार किया गया है। विश्वास न्यूज पहले भी अलग-अलग मौकों पर इन तस्वीरों का फैक्ट चेक कर चुका है। हमने पाया था कि वायरल तस्वीरों में से एक तस्वीर को छोड़कर बाकी किसी तस्वीर का बिजनौर छापेमारी से संबंध नहीं है।
क्या है वायरल पोस्ट में?
विश्वास न्यूज को यह पोस्ट चैटबॉट नंबर 9599299372 पर फैक्ट चैक करने के लिए मिली। पोस्ट में मौजूद तस्वीरों के साथ लिखा गया है: उत्तर प्रदेश, बिजनौर में मदरसे पर मारे गये छापे में बरामद हथियारों का जखीरा! 6 मौलवी गिरफ्तार! चिन्ता वाली बात इसमें यह है कि Lmg मशीनगन का मिलना! एक मिनट में आठ हजार राउण्ड फायरिंग की क्षमता वाली मशीनगन! समझिए इन लोगों की तैयारी को! जागो हिन्दुओ जागो इन्होंने तुम्हारा भवष्यि तय कर दिया। बस मोदी के हटने की देर है। हर हिंदू भाई तक पहुंचाएं इस सच्चाई को आपके फोन में जितने भी Whatsapp नंबर है सभी को शेयर करें।
पड़ताल
सबसे पहले हमने इंटरनेट पर बिजनौर में मदरसे पर हुई रेड के बारे में सर्च किया। हमें इससे संबंधित कोई ताजा खबर नहीं मिली। हालांकि, जुलाई 2019 में बिजनौर में एक मदरसे पर छापेमारी जरूर की गई थी। इसके बाद हमने एक-एक कर तस्वीरों की पड़ताल शुरू की।
पहली तस्वीर:
जमीन पर पड़ी तलवारों की इस तस्वीर को सबसे पहले हमने गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद से ढूंढा। हमने पाया कि यह तस्वीर पटियाला स्थित कृपाण फैक्ट्री खालसा ककार भंडार में ली गई है। हमने खालसा ककार भंडार के मालिक बचन सिंह से संपर्क किया और उन्हें वॉट्सऐप पर यह तस्वीर भेजी। तस्वीर देखकर उन्होंने पुष्टि की कि यह तस्वीर उनकी ही फैक्ट्री में ली गई है, जहां यह तलवारें पैकिंग के लिए तैयार रखी थीं। बचन ने बताया कि किसी विजिटर ने यह तस्वीर लेकर सोशल मीडिया पर डाल दी थी, जिसके बाद यह तस्वीर कई बार अलग-अलग दावों के साथ वायरल हुई, लेकिन इस तस्वीर का किसी घटना से कोई संबंध नहीं है।
दूसरी व तीसरी तस्वीर:
टेबल पर रखे चाकुओं की तस्वीर व हथियारों और चार बदमाशों के साथ पुलिस की दोनों तस्वीरों को भी हमने गूगल रिसर्व इमेज सर्च की मदद से ढूंढा। हमने पाया कि साल 2016 में गुजरात के राजकोट में एक होटल में छापेमारी के दौरान मिले हथियारों की तस्वीर है। हमें इससे संबंधित खबर gujaratheadline.com पर भी मिली। इन तस्वीरों का पूरा फैक्ट चेक यहां पढ़ें।
चौथी तस्वीर:
सोफे पर रखी बंदूकों की तस्वीर 17 अप्रैल 2019 को इंस्टाग्राम पर एक यूजर ने अपलोड की थी। इस तस्वीर का भी 11 जुलाई 2019 को बिजनौर के मदरसे में डाली गई रेड से कोई संबंध नहीं है। इस तस्वीर से जुड़ा पूरा फैक्ट चेक यहां पढ़ा जा सकता है।
पांचवीं तस्वीर:
पुलिस के साथ मौजूद छह लोगों की यह तस्वीर 11 जुलाई 2019 को बिजनौर के मदरसे में हुई छापेमारी की है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिस ने इस रेड में एक पिस्तौल, दो मैग्जीन, चार तमंचे और 24 कारतूस बरामद किए थे। वहीं, मदरसा संचालक सहित छह लोगों को हिरासत में भी लिया गया था।
निष्कर्ष: वायरल तस्वीरों में से एक तस्वीर को छोड़कर बाकी सभी तस्वीरें अलग-अलग मौकों पर ली गई हैं। इनका बिजनौर रेड से कोई संबंध नहीं है।
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