Quick Fact Check : बिहार की पुरानी तस्‍वीर को अब कोरोना से जोड़कर किया जा रहा है वायरल, फेक है पोस्‍ट

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। मुजफ्फरपुर के अस्‍पताल की पुरानी तस्‍वीर को अब कोरोना से जोड़कर वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया में एक अस्‍पताल की तस्‍वीर वायरल हो रही है। तस्‍वीर में मरीजों के लिए लगाए गए बेड पर कुत्‍ते लेटे हुए हैं। यूजर्स दावा कर रहे हैं कि तस्‍वीर कोरोना के वक्‍त की है।

विश्‍वास न्‍यूज ने पहले भी इस वायरल पोस्‍ट की जांच थी। हमें पता चला कि बिहार के मुजफ्फरपुर के सरकारी अस्‍पताल की 2017 की तस्‍वीर को अब झूठे दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर राष्ट्रवादी स्नेहा किरण ने 9 अगस्‍त को एक तस्‍वीर को अपलोड की। साथ में दावा किया : ‘कोरोना काल की एक यादगार तस्वीर।’

फेसबुक पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड वर्जन देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने एक बार पहले भी इस तस्‍वीर की जांच की थी। तब हमें पता चला कि वायरल तस्‍वीर बिहार के मुजफ्फरपुर की है। यह तस्‍वीर 5 सितंबर 2017 को पब्लिश एक खबर में इस्‍तेमाल की गई थी। तस्‍वीर को लेकर बताया गया था कि मुजफ्फरपुर के सदर अस्‍पताल के सर्जिकल वार्ड में मरीजों के बेड पर आवारा कुत्तों का आतंक हो जाता है।

पूरी पड़ताल विस्‍तार से आप यहां पढ़ सकते हैं।

पुरानी तस्‍वीर को अब कोरोना से जोड़कर वायरल करने वाली यूजर की हमने जांच की। हमें पता चला कि यूजर राष्‍ट्रवादी स्‍नेहा किरण बिहार की रहने वाली हैं। सामाजिक रूप से सक्रिय ये यूजर वायरल कंटेंट को काफी शेयर करती हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। मुजफ्फरपुर के अस्‍पताल की पुरानी तस्‍वीर को अब कोरोना से जोड़कर वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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