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Quick Fact Check: बांग्लादेश की बच्ची की तस्वीर फिरसे भारत के नाम से वायरल

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। असल में यह तस्वीर जौनपुर की नहीं, बल्कि बांग्लादेश की है। खबर को कवर करने वाले पत्रकार से बात करने पर हमें पता लगा कि यह बच्ची पिछले साल ढाका की सड़कों पर भीख मांगती दिखी थी और अब इसे इसके माता-पिता तक सही सलामत पहुंचा दिया गया है।

  • By: Pallavi Mishra
  • Published: Apr 10, 2020 at 05:39 PM
  • Updated: Aug 30, 2020 at 08:17 PM

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। सोशल मीडिया फिरसे एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें एक छोटी-सी बच्ची को भीख मांगते देखा जा सकता है। पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि यह बच्ची जौनपुर में एक भिखारियों के समूह के साथ मिली और यह अपना नाम सोनल त्रिपाठी बता रही है।

पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि यह लड़की भिखारियों को मुंबई से आने वाली ट्रेन में मिली थी। विश्वास न्यूज़ ने इस दावे की पहले भी पड़ताल की थी और पाया था कि यह दावा गलत है। असल में यह तस्वीर बांग्लादेश की है। खबर को कवर करने वाले पत्रकार से बात करने पर हमें पता लगा था कि यह बच्ची पिछले साल ढाका की सड़कों पर भीख मांगती दिखी थी और इसे इसके माता-पिता तक सही-सलामत पहुंचा दिया गया था।

क्या हो रहा है वायरल?

Dadan Pandey नाम के फेसबुक यूजर ने वायरल पोस्ट को शेयर किया जिसमें दो तस्वीरें हैं, जिसमें एक बच्ची को भीख मांगते देखा जा सकता है। बच्ची के हाथ में एक प्लेट है जिसपर कुछ नोट और सिक्के रखे हुए हैं। Dadan Pandey बिहार के छपरा के रहने वाले हैं और फेसबुक पर इनके कुल 2,119 फ़ॉलोअर्स हैं।

पोस्ट के साथ डिस्क्रिप्शन में लिखा है, “इस छोटी सी खूबसूरत लड़की को जौनपुर में भिखारियों के एक समूह के साथ देखा गया। कृपया आगे बढ़ें जब तक कि वह सही माता-पिता तक न पहुंच जाए और उसकी पहचान हो जाए। वह उसका नाम जानती है और कहती है कि वह सोनल त्रिपाठी है। कृपया इस तस्वीर को अपने सभी समूहों पर पोस्ट करें। भिखारियों का कहना है कि वह मुंबई से आने वाली एक ट्रेन में मिली थी। हो सकता है कि वह बेहतर जीवन वापस पा सके। 🙏”

इस पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहाँ देखा जा सकता है।

पड़ताल

इस पोस्ट की पड़ताल के समय हमें दिखा था कि में बच्ची के हाथ में रखी प्लेट में जो नोट थे उनपे एक तस्वीर थी। तस्वीर ठीक से देखने पर पता चला कि ये तस्वीर शेख मुजीबुर रहमान की थी। शेख मुजीबुर रहमान बांग्लादेश के संस्थापक राजनेता थे, जिनकी तस्वीर बांग्लादेशी मुद्रा टका पर होती है। साफ़ था कि बच्ची के हाथ में रखी मुद्रा बांग्लादेशी है।

हमें ये खबर shadhinnews24.com पर भी मिली थी। इस खबर को लिखने वाले बांग्लादेशी पत्रकार इकबार कबीर ने हमें बताया था कि “एक व्यक्ति ने इस बच्ची की तस्वीर ढाका की सड़कों पर खींची थी। बच्ची की मदद के इरादे से उन्होंने इस पोस्ट को खबर के रूप में लिखा। बच्ची को अब ढूंढा जा चुका है और वो अब अपने माता-पिता के साथ है।”

हमने जौनपुर के एसपी अशोक कुमार से भी बात की थी। उन्होंने भी कन्फर्म किया था कि ये तस्वीर जौनपुर की नहीं है।

विश्वास न्यूज़ ने इस दावे की पहले भी पड़ताल की थी। इस पूरी पड़ताल को यहाँ पढ़ा जा सकता है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। असल में यह तस्वीर जौनपुर की नहीं, बल्कि बांग्लादेश की है। खबर को कवर करने वाले पत्रकार से बात करने पर हमें पता लगा कि यह बच्ची पिछले साल ढाका की सड़कों पर भीख मांगती दिखी थी और अब इसे इसके माता-पिता तक सही सलामत पहुंचा दिया गया है।

  • Claim Review : इस छोटी सी खूबसूरत लड़की को जौनपुर में भिखारियों के एक समूह के साथ देखा गया। कृपया आगे बढ़ें जब तक कि वह सही माता-पिता तक न पहुंच जाए और उसकी पहचान हो जाए।
  • Claimed By : Dadan Pandey
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