Quick Fact Check: इंडिया गेट पर स्वतंत्रता सेनानी नहीं पहले विश्व युद्ध में लड़ने वालों के नाम हैं दर्ज, झूठा दावा फिर हुआ वायरल

विश्वास न्यूज की पड़ताल में इंडिया गेट और स्वतंत्रता सेनानियों को लेकर वायरल किया जा रहा दावा झूठा निकला है। इंडिया गेट पर स्वतंत्रता सेनानियों के नाम नहीं, बल्कि प्रथम विश्व युद्ध और तीसरे एंग्लो अफगान युद्ध में जान गंवाने वाले सैनिकों के नाम शामिल हैं।

विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर इंडिया गेट और स्वतंत्रता सेनानियों को लेकर एक पोस्ट वायरल हो रही है। इस पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि इंडिया गेट पर कुल 95 हजार 300 स्वतंत्रता सेनानियों के नाम हैं। दावे के मुताबिक, इनमें 61395 मुसलमान, 8050 सिख, 14480 पिछले, 10777 दलित, 598 सवर्ण और 00 संघी हैं। विश्वास न्यूज की पड़ताल में इंडिया गेट और स्वतंत्रता सेनानियों को लेकर वायरल किया जा रहा दावा झूठा निकला है। इंडिया गेट पर स्वतंत्रता सेनानियों के नाम नहीं, बल्कि प्रथम विश्व युद्ध और तीसरे एंग्लो अफगान युद्ध में जान गंवाने वाले सैनिकों के नाम शामिल हैं।

क्या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर Mumtaz Aalam ने 28 जुलाई 2021 को वायरल दावा शेयर करते हुए लिखा है, ‘गौर से पढ़ो और पढ़ने के बाद बताओ क्या समझ में आया।’ इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज पहले भी इससे मिलते-जुलते दावे की पड़ताल कर चुका है। तब यह दावा एनडीटीवी के पत्रकार रवीश कुमार के नाम के साथ वायरल हो रहा था। विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि दिल्ली स्थित इंडिया गेट का निर्माण भारत की आजादी से पहले हुआ था। यह एक वॉर मेमोरियल है और ब्रिटिशकालीन भारत में यह 1931 में बनकर तैयार हुआ था।

हमारी पड़ताल के मुताबिक, इसपर उन 82 हजार भारतीय और ब्रिटिश सैनिकों के नाम लिखे हैं, जिन्होंने अंग्रेजों की ओर से प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) और तीसरा एंग्लो अफगान वॉर (1919) लड़ा था। यहां यह जानना जरूरी है कि स्वतंत्रता सेनानी उन्हें माना जाता है, जिन्होंने ब्रिटिश राज के खिलाफ भारत की आजादी की लड़ाई लड़ी।

विश्वास न्यूज की तरफ से तब किए गए फैक्ट चेक को विस्तार से यहां नीचे पढ़ा जा सकता है।

हमने इस वायरल दावे को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर Mumtaz Aalam की प्रोफाइल को स्कैन किया। यूजर नोएडा के रहने वाले हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में इंडिया गेट और स्वतंत्रता सेनानियों को लेकर वायरल किया जा रहा दावा झूठा निकला है। इंडिया गेट पर स्वतंत्रता सेनानियों के नाम नहीं, बल्कि प्रथम विश्व युद्ध और तीसरे एंग्लो अफगान युद्ध में जान गंवाने वाले सैनिकों के नाम शामिल हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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