Quick Fact Check: कोरोना वायरस के कमजोर पड़ने का दावा करने वाली फर्जी पोस्ट फिर हुई वायरल

नई दिल्ली (विश्वास टीम): सोशल मीडिया पर एक पोस्ट फिर से वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि कोरोना वायरस कमजोर पड़ रहा है। इस पोस्ट के दावे के मुताबिक, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक स्टडी में यह बात सामने आई है। विश्वास न्यूज को अपने वॉट्सऐप चैटबॉट (+91 95992 99372) पर ये दावा फैक्ट चेक के लिए मिला है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा फर्जी निकला है। WHO ने ऐसी कोई स्टडी नहीं की है, उनके नाम का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है।

क्या हो रहा है वायरल

इस पोस्ट में एक ग्राफिक्स है और इसपर WHO का लोगो लगा हुआ है। विश्वास न्यूज को वॉट्सऐप चैटबॉट पर मिले इस पोस्ट में लिखा है, ‘कोविड-19 की क्षमता कम हो रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और दुनिया के बड़े हॉस्पिटलों की स्टडी में सामने आया है कि कोविड-19 कमजोर और कम खतरनाक हो गया है। जो लोग हाल ही में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं या लक्षण दिखाई दिए हैं, वो उतने जानलेवा नहीं हैं, जितने दो महीने पहले थे।’

पड़ताल

इस ग्राफिक्स पोस्ट को बारीकी से देखने पर विश्वास न्यूज को इसमें स्पेलिंग की कई गलतियां देखने को मिलीं। आगे की पड़ताल में हमें एक जून 2020 की रॉयटर्स एजेंसी की एक रिपोर्ट मिली। यह रिपोर्ट इटली के एक डॉक्टर के दावे पर थी। इटली के डॉक्टर ने दावा किया था कि कोरोना वायरस अब कम खतरनाक रह गया है।

हालांकि, दूसरी न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, WHO ने इस दावे को खारिज कर दिया है कि कोरोना वायरस कमजोर पड़ रहा है।

विश्वास न्यूज ने इस संबंध में WHO से संपर्क किया। WHO प्रवक्ता के मुताबिक, इस वायरस पोस्ट में WHO के नाम का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘यह फर्जी पोस्ट है। हमने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि वायरस कमजोर या मजबूत नहीं हो रहा। यह पहले जैसा ही रहने वाला है।’

विश्वास न्यूज पहले भी इस वायरल दावे की पड़ताल कर चुका है, जिसे यहां नीचे पढ़ा जा सकता है।

निष्कर्ष: WHO ने ऐसा नहीं कहा है कि कोरोना वायरस कमजोर पड़ रहा है। वायरल पोस्ट में WHO के नाम का गलत इस्तेमाल किया गया है और इसे फिर से सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है।

Disclaimer: विश्वास न्यूज की कोरोना वायरस (COVID-19) से जुड़ी फैक्ट चेक स्टोरी को पढ़ते या उसे शेयर करते वक्त आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि जिन आंकड़ों या रिसर्च संबंधी डेटा का इस्तेमाल किया गया है, वह परिवर्तनीय है। परिवर्तनीय इसलिए ,क्योंकि इस महामारी से जुड़े आंकड़ें (संक्रमित और ठीक होने वाले मरीजों की संख्या, इससे होने वाली मौतों की संख्या ) में लगातार बदलाव हो रहा है। इसके साथ ही इस बीमारी का वैक्सीन खोजे जाने की दिशा में चल रहे रिसर्च के ठोस परिणाम आने बाकी हैं और इस वजह से इलाज और बचाव को लेकर उपलब्ध आंकड़ों में भी बदलाव हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि स्टोरी में इस्तेमाल किए गए डेटा को उसकी तारीख के संदर्भ में देखा जाए।

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