Quick Fact Check: ‘गुड मॉर्निंग’ संदेशों से निजी जानकारियां हैक होने का भ्रामक दावा फिर वायरल

‘गुड मॉर्निंग’ मैसेजों से निजी जानकारियों को हैक कर लेने का दावा भ्रामक है। साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट की तरफ से दिए गए सुझावों को अमल में लाकर आप फिशिंग या हैकिंग से बच सकते हैं।

नई दिल्ली (Vishvas News): सोशल मीडिया पर एक पोस्ट फिर से वायरल हो रही है। इस पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि गुड मॉर्निंग (Good Morning) या गुड नाइट (Good Night) मैसेज भेज कर लोगों की निजी जानकारियां चुराई जा सकती हैं। दावे के मुताबिक, चीन के हैकर्स ने ऐसे मैसेजों में फिशिंग कोड लगा दिए हैं। विश्वास न्यूज पहले भी इस वायरल दावे की पड़ताल कर चुका है। हमारी पड़ताल में ये वायरल दावा भ्रामक निकला है।

क्या हो रहा है वायरल

विश्वास न्यूज को अपने फैक्ट चेकिंग वॉट्सऐप चैटबॉट (+91 95992 99372) पर ये दावा फैक्ट चेक के लिए मिला है। वायरल मैसेज काफी लंबा है। इसमें किसी शंघाई इंटरनेशनल टुडे के हवाले से दावा किया जा रहा है कि गुड मॉर्निंग और गुड नाइट के मैसेज, किसी त्योहार से जुड़ी शुभकामनाएं, तस्वीर या मूवी वगैरह न भेजें। दावे के मुताबिक, चीन में हैकरों ने तस्वीरों और मूवी को कुशलता से डिजाइन कर उनमें फिशिंग कोड छिपा दिए हैं। आगे दावा किया गया है कि जब कोई इन्हें फॉरवर्ड करता है तो ये उसकी निजी सूचनाएं चुरा लेंगे। दावे की मानें तो 5 लाख लोगों के साथ अबतक फ्रॉड हो भी चुका है।

इस वायरल मैसेज के स्क्रीनशॉट को नीचे दो हिस्सों में देखा जा सकता है:

पड़ताल

विश्वास न्यूज को इस वायरल मैसेज में व्याकरण की ढेरों गलतियां मिलीं। मैसेज में शंघाई इंटरनेशनल न्यूज जैसे किसी मीडिया का दावा किया जा रहा है। विश्वास न्यूज को अपनी पड़ताल में ऐसा कोई मीडिया आउटलेट मिला ही नहीं। विश्वास न्यूज को इंडियन कंप्यूटेड इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-in) और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर भी ऐसी कोई सूचना नहीं मिली।

विश्वास न्यूज पहले भी इस वायरल दावे की पड़ताल कर चुका है। इस फैक्ट चेक स्टोरी को यहां नीचे देखा जा सकता है:

विश्वास न्यूज को इस संबंध में इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइबर सिक्योरिटी के साइबर सिक्योरिटी स्पेशलिस्ट जीतेंद्र नरुला ने भी अहम जानकारी दी थी। उनके मुताबिक, ‘कोई भी डाउनलोडेड तस्वीर या वीडियो एप्लिकेशन के बेसिक सिक्योरिटी चेक से होकर गुजरता है। हम जो कोई भी ग्रीटिंग मैसेज या पिक्चर डाउनलोड करते हैं तो वो वॉट्सऐप/जीमेल या दूसरे एप्लिकेशन के बेसिक सिक्योरिटी चेक्स से होकर जाता है। ऐसे में आम लोग ग्रीटिंग मैसेज, इमेज या वीडियो सुरक्षित तौर पर देख/डाउनलोड कर सकते हैं।’

उन्होंने यह भी कहा, ‘हाइप्रोफाइल हैकिंग के केस भी हैं। ऐसे मामलों में खास तरीके से बनाए गए तस्वीर/मैसेज मोबाइल फोन को हैक करने के लिए भेजे गए, लेकिन इस तरह के हमले जीरो-डे कमजोरियों (Zero-Day vulnerabilities) का इस्तेमाल करके अंजाम दिए जाते हैं। जैसा कि securitynewspaper.com की तरफ से बताया गया है कि ऐसी कमजोरी केवल एक पीएनजी तस्वीर के इस्तेमाल से एंड्रॉइड फोन हैक करने की अनुमति देती है। जीरो-डे कमजोरियां, किसी एप्लिकेशन/प्रोडक्ट की वो कमियां हैं, जिन्हें हैकर्स जानते हैं।’

साइबर सिक्योरिटी स्पेशलिस्ट ने वो उपाय भी बताए, जिनकी मदद से हैकिंग से बचा जा सकता है:

निष्कर्ष: ‘गुड मॉर्निंग’ मैसेजों से निजी जानकारियों को हैक कर लेने का दावा भ्रामक है। साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट की तरफ से दिए गए सुझावों को अमल में लाकर आप फिशिंग या हैकिंग से बच सकते हैं।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
पूरा सच जानें...

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

Related Posts
नवीनतम पोस्ट