विश्वास न्यूज ने वायरल वीडियो की जांच की। यह पाकिस्तान का पुराना वीडियो साबित हुआ।
नई दिल्ली (Vishvas News)। देश के कई हिस्सों में नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। कई जगहों पर नदियां उफान पर हैं। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें एक नदी को विकराल रूप में बहते हुए देखा जा सकता है। वीडियो को उत्तराखंड का बताते हुए दावा किया गया कि राज्य में पानी से तबाही मच गई है।
विश्वास न्यूज ने वायरल वीडियो की जांच की। यह पाकिस्तान का पुराना वीडियो साबित हुआ। जांच में वायरल पोस्ट गलत साबित हुई। वर्ष 2022 में स्वात इलाके में भयानक बाढ़ आई थी। जिसके कारण तबाही का मंजर देखने को मिला। अब उसी घटना से जुड़े वीडियो को कुछ लोग उत्तराखंड का बताकर भ्रम फैला रहे हैं।
इंस्टाग्राम हैंडल हरदीप सिंह ने 13 जुलाई को एक वीडियो को पोस्ट करते इसे उत्तराखंड का बताते हुए लिखा, “पानी से उत्तराखंड में तबाही।”
वायरल पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों ही लिखा गया है। इसका आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने वायरल क्लिप के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी जुटाने के लिए सबसे पहले ऑनलाइन टूल का इस्तेमाल किया। इसके कई स्क्रीनशॉट निकालकर गूगल लेंस के जरिए सर्च किया। हमें जियो टीवी की वेबसाइट पर मौजूद एक खबर में वायरल क्लिप का ग्रैब दिखा। इस खबर को 27 अगस्त 2022 को पब्लिश किया गया था। उर्दू में प्रकाशित इस खबर में बताया गया कि स्वात में बाढ़ और भूस्खलन से कई जानें गईं। घरों और होटलों को नुकसान हुआ। पूरी खबर को यहां देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज को वायरल क्लिप का सबसे पुराना वीडियो पाकिस्तान के अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून के फेसबुक पेज पर मिला। इसे 26 अगस्त 2022 को अपलोड करते हुए बताया गया कि खैबर-पख्तूनख्वा में बाढ़ के हालात। खासतौर से स्वात के क्षेत्रों में कहर बरपा।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए पाकिस्तान के पत्रकार काशिफ लतीफ से संपर्क किया। उन्होंने जानकारी देते हुए वायरल वीडियो को पाकिस्तान का बताया।
जांच के अंत में पाकिस्तान के पुराने वीडियो को भारत का बताकर पोस्ट करने वाले इंस्टाग्राम हैंडल हरदीप सिंह की जांच की गई। पता चला कि इनके अकाउंट को 89 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज की जांच में वायरल वीडियो पाकिस्तान का साबित हुआ। दो साल पहले पाकिस्तान के स्वात इलाके में आई बाढ़ से काफी ज्यादा तबाही हुई थी। उसी वक्त के वीडियो को अब भारत का बताकर भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है।
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