Fact Check : नेपाल में भूकंप के नाम पर वायरल हुआ पुराना वीडियो

सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफार्म पर 35 सेकंड का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें लोगों को अचानक से दौड़ते-भागते हुए देखा जा सकता है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफार्म पर 35 सेकंड का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें लोगों को अचानक से दौड़ते-भागते हुए देखा जा सकता है। इसके अलावा एक शॉपिंग मॉल में से रैक पर लगे सामान को गिरते हुए देखा जा सकता है। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स इसे अभी का बताकर वायरल कर रहे हैं। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। यह भ्रामक साबित हुई। भूकंप के पुराने वीडियो को हालिया बताकर वायरल करने से भ्रम फैल रहा है।

क्‍या हो रहा है वायरल

ट्विटर हैंडल सोहिनी सरकार एफसी की ओर से 28 दिसंबर 2022 को एक वीडियो पोस्‍ट करते हुए लिखा गया कि नेपाल में शक्तिशाली भूकंप आया है। अंग्रेजी में दावा किया, ‘Powerful #Earthquake at #Nepal , I hope there is no damage to the people of Nepal, I pray for everyone’s recovery. Hindus.’

https://twitter.com/SohiniSarka3/status/1607956457131249669

एक फेसबुक यूजर ने वीडियो के साथ दावा किया, ‘नेशनल अर्थक्वेक मॉनिटरिंग एंड रिसर्च सेंटर (NEMRC) नेपाल के अनुसार, बुधवार तड़के नेपाल के बागलुंग जिले में 4.7 और 5.3 तीव्रता के दो भूकंप आए।’

पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। इसे फेसबुक, ट्विटर और वॉट्सऐप पर भी वायरल किया जा रहा है। इस पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट के क्‍लेम को दो हिस्‍सों में बांटकर पड़ताल करने का निश्‍चय किया। सबसे पहले हमें यह जानना था कि क्‍या नेपाल में हाल के दिनों में कोई भूकंप आया है? गूगल ओपन सर्च के जरिए हमें पता चला कि 28 दिसंबर को नेपाल और उत्तराखंड के कुछ हिस्‍सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। इसके बारे में कई न्‍यूज वेबसाइट ने खबरें भी प्रकाशित की। इंडियन एक्‍सप्रेस की वेबसाइट पर 28 दिसंबर को पब्लिश खबर में बताया गया कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बुधवार की सुबह भूकंप आया था। इसी तरह नेपाल में अलग-अलग वक्‍त पर उसी दिन दो भूकंप आए थे। दोनों भूकंप नेपाल के बागुलंग जिले में आए थे। इनसे जुड़ी खबर इंडियन एक्‍सप्रेस और हिंदुस्‍तान टाइम्‍स की वेबसाइट पर पढ़ी जा सकती हैं।

अब हमें वायरल पोस्‍ट के साथ इस्‍तेमाल किए गए वीडियो के बारे में जानना था। इसके लिए इनविड और गूगल रिवर्स इमेज टूल की मदद ली गई। सबसे पहले वायरल वीडियो को इनविड टूल में अपलोड करके कई ग्रैब्‍स निकाले गए। फिर इन्‍हें गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड करके सर्च किया गया। ओरिजिनल वीडियो हमें वाइल्‍ड फिल्‍म्‍स इंडिया के यूट्यूब चैनल पर मिला। 3:16 मिनट के इस वीडियो को लेकर कैप्‍शन में लिखा गया कि नेपाल के काठमांडू के दरबार मार्ग में 25 अप्रैल 2015 को आए भूकंप का सीसीटीवी फुटेज। इसे यूट्यूब पर 13 अप्रैल 2020 को अपलोड किया गया था।

विश्‍वास न्‍यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए गूगल मैप का इस्‍तेमाल किया। वहां जाकर काठमांडू के दरबार मार्ग की लोकेशन सर्च की। यहां दिख रही सड़क, डिवाइडर पर स्‍ट्रीट लाइट और सड़क किनारे लगे पेड़ वैसे ही नजर आए, जैसे वायरल वीडियो में दिख रहे हैं। इसे आप नीचे देख सकते हैं।

विश्‍वास न्‍यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए नेपाल के फैक्‍ट चेकर हिमाल पौडेल से संपर्क किया। उन्‍होंने बताया कि वायरल वीडियो पुराना है। इस स्‍तर का भूकंप हाल के दिनों में नेपाल में नहीं आया है।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि नेपाल में भूकंप के नाम पर वायरल वीडियो काफी पुराना है। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स इसे अभी का समझकर वायरल कर रहे हैं।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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