Fact Check : काशी विश्वनाथ मंदिर में पुजारियों की नियुक्ति के नाम पर भ्रामक मैसेज वायरल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल मैसेज की पड़ताल की। हमने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा भ्रामक है। काशी विश्वनाथ मंदिर में 50 पुजारियों की भर्ती निकली है, ना कि 50 हजार।

Fact Check : काशी विश्वनाथ मंदिर में पुजारियों की नियुक्ति के नाम पर भ्रामक मैसेज वायरल

नई दिल्ली (विश्‍वास न्‍यूज)। वाराणसी स्थित काशी विश्‍वनाथ मंदिर के नाम पर एक मैसेज वायरल हो रहा है। इसमें दावा किया गया है कि काशी विश्वनाथ मंदिर को 50 हज़ार पुजारियों की जरूरत है। इस मैसेज को सच मानकर कई सोशल मीडिया यूजर्स इसे शेयर कर रहे हैं।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल मैसेज की पड़ताल की। हमने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा भ्रामक है। काशी विश्वनाथ मंदिर में 50 पुजारियों की भर्ती निकली है, ना कि 50 हजार। मंदिर प्रशासन ने भी स्‍पष्‍ट करते हुए बताया कि 50 हजार पुजारियों की भर्ती का दावा गलत है।

क्या है वायरल पोस्ट

फेसबुक यूजर सतीश कुमार पिल्‍लई ने 11 फरवरी को एक पोस्‍ट में दावा किया, “बनारस के काशी विश्वनाथ मंदिर को 50 हज़ार पुजारियों की जरूरत है। तीन श्रेणियों में सैलरी है–90 हजार, 75 हजार और 45 हजार। पकौड़ा रोजगार के बाद पाखंड का बाजार भी सज गया है। जल्दी ही देश को भूत, चुड़ैल, डायन भगाने वाले भी चाहिए होंगे। बीएचयू की फैक्ट्री तैयार है। जल्द देवदासियों की भी बहाली होने वाली है..भारत 1947 से भी पीछे ही पीछे ले जाया जा रहा है…”

वायरल पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों ही लिखा गया है। पोस्ट को सच मानकर दूसरे यूजर्स भी इसे शेयर कर रहे हैं। पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

वायरल दावे की जांच के लिए हमने कीवर्ड से इस बारे में गूगल पर सर्च किया। अमर उजाला की वेबसाइट पर 8 फरवरी को पब्लिश एक खबर में बताया गया, “श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में 50 पुजारियों की नियुक्ति होगी। मुख्य पुजारी को बतौर मानदेय 90 हजार रुपये, कनिष्ठ पुजारी को 80 हजार और सहायक को 65 हजार रुपये का मानदेय दिया जाएगा। नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी होंगे।” पूरी खबर यहां पढ़ा जा सकता है।

सर्च के दौरान जागरण डॉट कॉम पर एक खबर मिली। इसे 9 फरवरी को पब्लिश किया गया। इस खबर में बताया गया कि काशी‍ विश्‍वनाथ मंदिर में सेवा नियमावली अब बन पाई है। इसमें पुजारियों की नियुक्ति प्रक्रिया, वेतनमान, सेवानिवृत्ति समेत समस्त बिंदुओं को शामिल किया गया है। मंदिर में लगभग 50 पुजारी होंगे, जिसमें प्रधान, कनिष्ठ व सहायक पुजारी आदि श्रेणियां होंगी। पूरी खबर यहां क्लिक करके पढ़ी जा सकती है।

दैनिक जागरण ने अपने वाराणसी संस्‍करण में भी 9 फरवरी को एक खबर प्रकाशित की थी। इसमें बताया गया कि श्रीकाशी विश्‍वनाथ मंदिर में चार दशक बाद पुजारी सेवा नियमावली लागू होने का मार्ग प्रशस्‍त हो गया है। सेवा नियमावली के अनुसार, ट्रस्‍ट के अधीन पुजारियों के 50 पद होंगे। खबर को विस्‍तार से नीचे पढ़ा जा सकता है।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए काशी विश्वनाथ मंदिर के जनसंपर्क अधिकारी पीयूष तिवारी से संपर्क किया। उनके साथ वायरल पोस्‍ट को शेयर किया। उन्‍होंने जानकारी देते हुए बताया कि 50 हजार पुजारियों की बात गलत है। सही संख्‍या 50 है।

अब बारी थी भ्रामक मैसेज को वायरल करने वाले यूजर की जांच करने की। फेसबुक यूजर सतीश कुमार पिल्‍लई को करीब दो हजार लोग फॉलो करते हैं। यूजर राजस्‍थान के भरतपुर का रहने वाला है।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में काशी विश्‍वनाथ मंदिर में 50 हजार पुजारियों की नियुक्ति वाला मैसेज गलत निकला। नई नियमावली के अनुसार, काशी विश्‍वनाथ मंदिर ट्रस्‍ट के अधीन पुजारियों के 50 पद होंगे।

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