Fact Check : देवघर में नीट पेपर लीक के आरोपियों का कांग्रेस कार्यालय से पकड़े जाने का दावा गलत

पटना के अस्‍पताल में मेडिकल जांच के बाद ले जा रहे आरोपियों के वीडियो को देवघर कांग्रेस कार्यालय से जोड़ते हुए वायरल किया गया।

Fact Check : देवघर में नीट पेपर लीक के आरोपियों का कांग्रेस कार्यालय से पकड़े जाने का दावा गलत

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। देश में नीट पेपर लीक मामले में कार्रवाई जारी है। अब इसी से जोड़ते हुए एक वीडियो वायरल किया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि नीट पेपर लीक के छह आरोपी झारखंड के देवघर के कांग्रेस कार्यालय में छुपे हुए थे। वीडियो में कुछ लोगों को एक इमारत से रस्‍सी बांधकर गाड़ी में ले जाते हुए देखा जा सकता है।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। पता चला कि वायरल पोस्‍ट गलत है। पटना के अस्‍पताल में मेडिकल जांच के बाद ले जा रहे आरोपियों के वीडियो को देवघर कांग्रेस कार्यालय से जोड़ते हुए वायरल किया गया। हमारी जांच में पता चला कि कांग्रेस ऑफिस से 6 आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर मुकेश सिंह ने 27 जून को एक वीडियो को अपलोड करते हुए दावा किया, “नीट पेपर लीक के 6 आरोपी झारखंड के देवघर के कांग्रेस कार्यालय में छुपे हुए थे। pls see n forward to people n see real face of congress who are playing with students future.”

वायरल पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों ही लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल की शुरुआत में सबसे पहले वायरल वीडियो के बारे में जानकारी जुटानी शुरू की। वीडियो के कीफ्रेम्‍स निकाल कर सर्च करने पर हमें असली वीडियो एएनआई के एक्‍स हैंडल पर मिला। इसे 23 जून 2024 को अपलोड करते हुए लिखा गया कि यूजी नीट केस में गिरफ्तार किए गए 6 आरोपियों को मेडिकल जांच के बाद पटना के एलएनजेपी अस्पताल से ले जाया गया। इन आरोपियों को बिहार पुलिस ने 21 जून को झारखंड के देवघर से गिरफ्तार किया था।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए देवघर के दैनिक जागरण अखबार को ऑनलाइन खंगाला। हमें 23 जून को एक खबर मिली। इसमें बताया गया कि देवघर एम्‍स के पास एक मकान से नालंदा जिले के बेलदार बिगहा निवासी पंकु कुमार व परमजीत सिंह, उर्फ बिट्टू, गुलरिया बिगहा निवासी चिंटू उर्फ बालदेव कुमार, नूरसराय निवासी काजू उर्फ प्रशांत कुमार, एकंगरसराय निवासी अजीत कुमार एवं राजीव कुमार को गिरफ्तार किया गया।

हमें जागरण डॉट कॉम पर भी एक खबर मिली। इसे 22 जून को पब्लिश किया गया। इसमें बताया गया कि नीट पेपर लीक मामले में पटना पुलिस की टीम ने देवघर जिले के देवीपुर थाना क्षेत्र के एम्स के सामने एक किराए के मकान से छापेमारी कर छह आरोपितों को हिरासत में लिया। पूरी खबर यहां पढ़ें।

इससे संबंधित खबर हमें प्रभात खबर की वेबसाइट पर भी मिली।

वायरल पोस्ट में दिख रही इमारत और एएनआई की पोस्ट में दिख रही इमारत एक ही है।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए दैनिक जागरण, देवघर के वरिष्‍ठ संवाददाता आरसी सिंहा से संपर्क किया। उनके साथ वायरल पोस्‍ट को शेयर किया। उन्‍होंने बताया कि देवघर में कांग्रेस का ऐसा दफ्तर नहीं है, जैसा कि वीडियो में दिखाया गया है।

जांच के अंत में भ्रामक दावा करने वाले यूजर की जांच की गई। पता चला कि यूजर मुकेश सिंह को आठ सौ से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं। इससे ज्‍यादा जानकारी इस अकाउंट के बारे में नहीं मिली।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। झारखंड के देवघर के कांग्रेस कार्यालय से नीट यूजी केस के आरोपियों का दावा करने वाली वायरल पोस्‍ट भ्रामक है। इसमें इस्‍तेमाल किया गया वीडियो पटना के अस्‍पताल का है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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