Fact Check : पैसों के तस्करी के वीडियो को भ्रामक दावे के साथ कर्नाटक विधानसभा चुनाव से जोड़कर किया जा रहा शेयर

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि टायरों से बरामद नकदी का वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि साल 2019 का है। साल 2019 के आम चुनाव में पैसों की ये तस्करी की जा रही थी। तकरीबन 2.3 करोड़ रुपए की रकम को बेंगलुरु से शिवमोग्गा ले जाया जा रहा था।

नई दिल्ली (विश्वास न्‍यूज)। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने पूर्ण बहुमत से जीत हासिल कर ली है। वहीं, सोशल मीडिया पर लगातार चुनाव से जुड़े फेक वीडियो और तस्वीरें वायरल हो रही हैं। इसी बीच पैसों से भरे हुए गाड़ियों के टायर का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि ये पैसे कर्नाटक चुनाव के लिए वहां पर भेजे जा रहे हैं। 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो का कर्नाटक चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है। यह वीडियो साल 2019 के लोकसभा चुनाव का है, जब तकरीबन 2.3 करोड़ रुपए की रकम को बेंगलुरु से शिवमोग्गा ले जाया जा रहा था। 

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर ‘हेम शाह’ ने 11 मई 2023 को वायरल वीडियो को शेयर किया है। यूजर ने अंग्रेजी में कैप्शन में लिखा हुआ है, “आरटीजीएस को भूल जाइए, एनईएफटी को भी भूल जाइए, आईएमपीएस को भूल जाइए, मोबाइल बैंकिंग को भी भूल जाइए… यहां नेताओं द्वारा कर्नाटक में भेजा गया पैसा है।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

https://twitter.com/Lotusfeetns/status/1655060552744574976

पड़ताल 

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें वायरल वीडियो न्यूज एजेंसी एएनआई के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर मिला। वीडियो को 20 अप्रैल 2019 को शेयर किया गया है। दी गई जानकारी के अनुसार, ये वीडियो आयकर विभाग की एक छापेमारी का है, जब विभाग ने 2.30 करोड़ रुपए जब्त किए थे। 

प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया। हमें दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट अमर उजाला की वेबसाइट पर 21 अप्रैल 2019 को प्रकाशित मिली। रिपोर्ट के मुताबिक, “कार में ये पैसे बेंगलुरु से शिवमोग्गा लेकर जाए जा रहे थे। साथ ही रिपोर्ट में इसे  लोकसभा चुनाव के दौरान का बताया गया है।”

अन्य न्यूज रिपोर्ट्स को यहां पर देखा जा सकता है। 

अधिक जानकारी के लिए हमने कर्नाटक के स्थानीय पत्रकार यसिर खान से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल वीडियो काफी पुराना है। यह वीडियो हालिया चुनाव की घटना का नहीं है। 

जांच के अंत में हमने वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के पेज की स्कैनिंग की। हमने पाया कि यूजर सितंबर 2012 से फेसबुक पर सक्रिय है। प्रोफाइल पर दी गई जानकारी के मुताबिक, यूजर मुंबई का रहने वाला है। 

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि साल 2019 का है। साल 2019 के आम चुनाव में पैसों की ये तस्करी की जा रही थी। तकरीबन 2.3 करोड़ रुपए की रकम को बेंगलुरु से शिवमोग्गा ले जाया जा रहा था। 

False
Symbols that define nature of fake news
पूरा सच जानें...

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

Related Posts
नवीनतम पोस्ट