Fact Check: कर्नाटक में पुल ढहने के एक महीने पुराने वीडियो को भ्रामक दावे के साथ किया जा रहा वायरल 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि पुल ढहने का वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि एक महीने पुराना है। इस पुल का उद्घाटन एच डी देवेगौड़ा ने साल 1983 में किया था, जो कि उस समय कर्नाटक के लोक निर्माण मंत्री थे।

Fact Check: कर्नाटक में पुल ढहने के एक महीने पुराने वीडियो को भ्रामक दावे के साथ किया जा रहा वायरल 

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर पुल टूटने का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो को भारतीय जनता पार्टी पर तंज कसते हुए हाल-फिलहाल का बताकर वायरल किया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि पुल का निर्माण बीजेपी कार्यकाल में किया गया था।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा गलत है। असल में वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि एक महीने पुराना है। इस पुल का उद्घाटन एच डी देवेगौड़ा ने साल 1983 में किया था, जो कि उस समय कर्नाटक के लोक निर्माण मंत्री थे।

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर वसुधा पंचाल के 9 सितंबर 2024 को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “बगल वाला जो कांग्रेस के लूट वाला पूल जस का तस सीना ताने खडा है और आज मोदी का एक और विकास डूबकी लगा दिया बोलो भक्तो हिन्दू मुस्लिम पाकिस्तान चीन और हिन्दू धर्म खतरे में।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल 

वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च करना शुरू किया। हमें वायरल वीडियो एनडीटीवी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर मिला। वीडियो को 7 अगस्त 2024 को शेयर किया गया था। मौजूद जानकारी के मुताबिक, वायरल वीडियो कर्नाटक की काली नदी के पुल का है।

अन्य न्यूज रिपोर्ट में वीडियो को यहां पर देखें।

https://www.youtube.com/watch?v=ZxJ8x8djNB4

नवभारत टाइम्स की वेबसाइट पर 7 अगस्त 2024 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह  पुल 40 साल पुराना था और इसको 1983 में बनाया गया था। यह पुल कर्नाटक और गोवा को जोड़ता था। इस पुल के साथ ही एक नए पुल का भी निर्माण किया गया था, जिस पर गुणवत्ता के निरीक्षण के लिए आवाजाही को रोक दिया गया था।

इंडियन एक्सप्रेस की वेबसाइट पर 9 अगस्त 2024 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, काली नदी को पुल को बनाने का प्रपोजल 1960 में आया था और इसको बनाने के काम को 1965 में शुरू किया गया था। लेकिन करीब 18 साल बाद इसका काम पूरा होने के बाद 1983 में इस पुल को जनता के इस्तेमाल के लिए खोला गया था। इसका निर्माण उस समय की राज्य सरकार ने चार करोड़ में किया था। साल 2009 में इसे फिर से रिपेयर किया गया और साल 2013 में इसे एनएचआई को सौंप दिया गया। पुल के पुराने होने पर एनएचआई ने इसी के साथ एक नए पुल का निर्माण किया है।

तरुण भारत की वेबसाइट पर 8 अगस्त 2024 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, काली नदी पर बने इस पुल का उद्घाटन उस दौरान के लोक निर्माण मंत्री एच डी देवेगौड़ा ने किया था।

पीएम इंडिया की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, 1983 में कांग्रेस सत्ता में थी और इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थी। जागरण जोश की वेबसाइट पर 19 जनवरी 2023 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, कर्नाटक में 1983 में जनता दल की सरकार थी और राम किशन हेगड़े मुख्यमंत्री थे।

अधिक जानकारी के लिए हमने कर्नाटक के पत्रकार यासिर खान से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि यह पुल कई साल पुराना है और इसके साथ ही एक नए पुल का निर्माण किया गया है। 

अंत में हमने वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर एक विचारधारा से जुड़ी पोस्ट को शेयर करती है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि पुल ढहने का वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि एक महीने पुराना है। इस पुल का उद्घाटन एच डी देवेगौड़ा ने साल 1983 में किया था, जो कि उस समय कर्नाटक के लोक निर्माण मंत्री थे।

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