Fact Check : नागपुष्प नाम से फिर से वायरल हुई फर्जी पोस्ट

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की विस्‍तार से जांच की। दावा गलत साबित हुई

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्‍लेटफॉर्म पर एक तस्‍वीर वायरल हो रही है। इस तस्‍वीर को शेयर करते हुए इसे नागपुष्‍प नाम के फूल की बताया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि हिमालय में 36 साल में एक बार यह फूल दिखाई देता है।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। दावा फर्जी साबित हुआ। तस्‍वीर किसी नागपुष्‍प फूल की नहीं, बल्कि एक समुद्री जीव की है। तस्‍वीर को पहले भी कई बार गलत दावे के साथ वायरल किया जा चुका है।

क्‍या हो रहा है वायरल

इंस्‍टाग्राम हैंडल hareesh2173 ने ने 2 जुलाई को एक पोस्‍ट किया। इसमें लिखा गया, “हिमाचल प्रदेश के खिला नागपुष्‍प। वर्षों बाद दिखाई दिया ये नागपुष्‍प। शेषनाग की तरह दिर्खा देने वाला ये नागपुष्‍प 36 साल में एक बार खिलता है।”

वायरल पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों ही लिखा गया है। दावे को सच मानकर दूसरे यूजर्स भी इसे शेयर कर रहे हैं। पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल तस्‍वीर की जांच के लिए सबसे पहले गूगल लेंस टूल का इस्‍तेमाल किया। सर्च के दौरान हमें पिनटेरेस्‍ट पर असली तस्‍वीर मिली। इसके कैप्‍शन में बताया गया : Sea feather by Gordon B Bowbrick.

इसके आधार पर कीवर्ड बनाकर गूगल ओपन सर्च किया गया। हमें एक वेबसाइट पर एक लेख मिला। इसमें बताया गया कि सी पेन, पेनाटुलैसिया ऑर्डर से संबंधित 300 प्रजातियों में से एक है। यह एन्थोज़ोआ औपनिवेशिक अकशेरुकी समुद्री जीव (invertebrate marine animal) होता है। ये उथले और गहरे पानी में ध्रुवीय महासागर से उष्णकटिबंधीय तक पाए जा सकते हैं।

विश्‍वास न्‍यूज ने पिछली पड़ताल के दौरान दिल्ली विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग के सेवानिवृत्त प्रोफेसर आर गीता से बात की थी। उन्‍होंने हमें जानकारी देते हुए बताया था कि वायरल तस्‍वीर किसी फूल की नहीं है। नागपुष्प एक संस्कृत शब्द है, जिसका वैज्ञानिक नाम ‘Mesua ferrea’ है। इस नाम का कोई फूल नहीं, बल्कि एक सदाबहार पेड़ है।

हिमाचल प्रदेश के सोलन के नौणी स्थित डॉ. वाइएस परमार फॉरेस्ट्री और हॉर्टिकल्चर यूनिवर्सिटी के डीन डॉ. सोम देव शर्मा नेरी ने भी स्‍पष्‍ट किया कि वायरल तस्‍वीर नागपुष्प की नहीं है।

पिछली पड़ताल को विस्‍तार से यहां पढ़ा जा सकता है।

अब बारी थी कि फेक पोस्‍ट करने वाले इंस्‍टाग्राम हैंडल hareesh2173 की जांच करने की। सोशल स्‍कैनिंग में पता चला कि इस हैंडल को नौ सौ से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं। इससे ज्‍यादा जानकारी इस हैंडल के बारे में नहीं मिली।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की विस्‍तार से जांच की। दावा गलत साबित हुई। एक समुद्री जीव की तस्‍वीर को कुछ लोग नागपुष्‍प नाम से वायरल कर रहे हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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