Fact Check : रेलवे के नियमों में बदलाव के नाम पर फिर से वायरल हुआ भ्रामक मैसेज

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल मैसेज की विस्‍तार से जांच की। यह फर्जी साबित हुई।

Fact Check : रेलवे के नियमों में बदलाव के नाम पर फिर से वायरल हुआ भ्रामक मैसेज

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। भारतीय रेलवे में नियमों के बदलाव को लेकर एक मैसेज काफी ज्‍यादा शेयर किया जा रहा है। इसमें दावा किया जा रहा है कि भारतीय रेलवे एक जुलाई 2024 से 10 नए नियम ला चुका है। इसमें दावा किया गया कि वेटिंग लिस्‍ट से लेकर, पेपरलेस टिकट, राजधानी ट्रेन, रिफंड जैसे नियमों में बदलाव किया गया है।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल मैसेज की विस्‍तार से जांच की। यह फर्जी साबित हुई। यह मैसेज कई सालों से वायरल है। इसका खुद रेलवे की ओर से खंडन किया जा चुका है। हमारी जांच में पता चला कि जिन 10 बदलावों की बात की गई है, उसमें से कुछ कई साल से लागू हैं, जबकि कुछ बदलाव पूरी तरह काल्‍पनिक हैं। ऐसा कुछ भी बदलाव रेलवे की ओर से नहीं किया गया है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर लखन चौधरी ने 16 जुलाई को एक मैसेज अपनी वॉल पर पोस्‍ट किया। इसमें दावा किया गया कि एक जुलाई 2024 से रेलवे ने 10 नियम बदल दिए हैं। इन कथित नियमों के बारे में विस्‍तार से बताते हुए दावा किया गया।

वायरल पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। इसका आर्काइव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज पहले भी वायरल पोस्‍ट की जांच कर चुका है। उस वक्‍त गूगल ओपन सर्च करने पर हमें कई खबरें मिलीं, जिसमें भारतीय रेलवे की ओर से जानकारी देते हुए बताया गया कि इस तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है।

सर्च के दौरान एनडीटीवी की वेबसाइट पर एक पुरानी खबर मिली। 24 जून 2016 को पब्लिश इस खबर में रेलवे के हवाले से बताया गया कि ऐसा कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है। पूरी खबर यहां पढ़ें।

इस संबंध में रेल मंत्रालय ने एक प्रेस नोट भी जारी किया था। इसे 30 जून 2017 को जारी किया गया था। इसमें वायरल मैसेज का खंडन करते हुए बताया गया कि रेलवे के नियमों में बदलाव वाली खबर बेबुनियाद है। इसे आप यहां पढ़ सकते हैं।

विश्‍वास न्‍यूज ने पिछली पड़ताल के दौरान सेंट्रल रेलवे के सीपीआरओ शिवाजी सुतार ने संपर्क किया था। उन्‍होंने जानकारी देते हुए बताया था कि रेलवे की ओर से ऐसा कुछ भी जारी नहीं किया गया है, जैसा वायरल मैसेज में दावा किया गया है। यह फेक मैसेज है।

पिछली पड़ताल को विस्‍तार से यहां पढ़ें।

पड़ताल के अंत में गलत मैसेज वायरल करने वाले यूजर की जांच की गई। पता चला कि फेसबुक यूजर लखन चौधरी को पांच हजार से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं। यूजर नोएडा में रहता है।

निष्कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल मैसेज फेक साबित हुआ। यह मैसेज कई सालों से वायरल है। रेलवे की ओर से इसका खंडन किया जा चुका है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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