Fact Check : छत्‍तीसगढ़ के BJP नेता को जज रविन्द्र रेड्डी बनाकर किया जा रहा है वायरल

नई दिल्‍ली (विश्‍वास टीम)। सोशल मीडिया पर एक पोस्‍ट आग की तरफ फैली हुई है। इसमें दावा किया जा रहा है कि संघ से जुड़े स्‍वामी असीमानंद को रिहा करने वाले एनआईए जज रविन्द्र रेड्डी ने भाजपा का दामन थाम लिया है। पोस्‍ट में एक तस्‍वीर भी है। विश्‍वास टीम की पड़ताल में यह पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। जिस तस्‍वीर को आधार बनाकर झूठ फैलाया जा रहा है, दरअसल वह छत्‍तीसगढ़ कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष और वर्तमान में भाजपा के नेता रामदयाल उईके की है। तस्‍वीर 12 अक्‍टूबर 2018 की है, जब उईके कांग्रेस का साथ छोड़कर भाजपा ज्‍वाइन कर रहे थे।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट में

सोशल मीडिया से लेकर WhatsApp तक पर 30 मार्च से वायरल हो रही पोस्‍ट में एक शख्‍स को भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह के साथ देखा जा सकता है। इसमें बकायदा लिखा है कि मक्‍का मस्जिद बम विस्‍फोट मामले में राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ से जुड़े स्‍वामी असीमानंद को रिहा करने वाले एनआईए जज रविन्द्र रेड्डी ने भाजपा ज्‍वॉइन कर लिया है।

तस्‍वीर के ऊपर ANI भी लिखा हुआ है। यह पोस्‍ट पहली बार Mangalore Voice नाम के फेसबुक पेज पर 30 मार्च को अपलोड की गई थी। इसी पोस्‍ट को आधार बनाकर गौरव प्रकाश (@grvpkh) नाम के फेसबुक यूजर ने अपनी वॉल पर यह लिखते हुए पोस्‍ट किया कि जीवन जीने के दो तरीके होते हैं। पहला जज रविन्द्र रेड्डी, दूसरा जज बृजगोपाल लोया।

पड़ताल

संवदेनशील मामला होने के कारण हमने वायरल पोस्‍ट की सत्‍यता जांचने का फैसला‍ किया। सबसे पहले हमने वायरल पोस्‍ट को ध्‍यान से देखा। वायरल हो रही मूल पोस्‍ट Mangalore Voice के पेज से फैली थी। इसलिए हम सबसे पहले इसी पेज को सर्च किया। फेसबुक पर यह पेज fb/mangalorevoice/ नाम से मौजूद है।

30 मार्च को रात 10 बजे Mangalore Voice ने माफी मांगने हुए एक पोस्‍ट की। पोस्‍ट के अनुसार, उन्‍होंने यह इमेज Muslimmirror.com के लेख से ली थी। अपनी गलती मानते हुए Mangalore Voice ने भरोसा दिलाया कि भविष्‍य में ऐसी गलती नहीं होगी।

यहां से हमें पता चला कि वायरल पोस्‍ट में दिखने वाले शख्‍स कोई जज नहीं, बल्कि छत्‍तीसगढ़ के नेता रामदयाल हैं।

अब बारी थी वायरल पोस्‍ट में यूज की गई ओरिजनल तस्‍वीर सर्च करने की। चूंकि वायरल तस्‍वीर के ऊपर ANI लिखा हुआ था तो हमने InVID टूल की मदद से ANI के उस Tweet को सर्च करना शुरू किया, जिसमें यह तस्‍वीर यूज हुई है।

आखिरकार हमें 12 अक्‍टूबर 2018 का एक ट्वीट मिल ही गया। इसमें छत्तीसगढ़ कांग्रेस के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष रामदयाल उईके, भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह और राज्‍य के तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री रमन सिंह को देखा जा सकता है। इसीदिन रामदयाल उईके ने भाजपा में गए थे। अब जज के नाम पर वायरल फोटो उसी समय की है।

अंत में हमने फेक पोस्‍ट वायरल करने वाले गौरव प्रकाश के फेसबुक पेज को StalkScan की मदद से स्‍कैन किया। इससे हमें पता चला कि गौरव की अधिकांश पोस्‍ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के खिलाफ होती है। गोरखपुर के गौरव नई दिल्‍ली में रहते हैं।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास टीम की जांच में पता चला कि जिस तस्‍वीर को जज रविन्द्र रेड्डी की बताकर वायरल किया जा रहा है, वह दरअसल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस से भाजपा में गए रामदयाल उईके की है। ओरिजनल तस्‍वीर 12 अक्‍टूबर 2018 की है। वायरल पोस्‍ट फेक है।

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False
Symbols that define nature of fake news
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