Fact Check : वायरल पोस्‍ट में JNU के हॉस्‍टल का किराया सही, तस्‍वीर फर्जी है

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में फीस बढ़ोत्तरी के खिलाफ आंदोलन के बीच सोशल मीडिया में भरमार फर्जी खबरें वायरल हो रही हैं। कभी दलित चिंतक कांचा इलैया तो कभी महिलावादी नेता एनी राजा को जेएनयू का छात्र बताकर वायरल किया जा रहा है। इसी क्रम में अब सोशल मीडिया पर एक रूम की तस्‍वीर को वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि यह जेएनयू के हॉस्‍टल का कमरा है। जिसका किराया दस रूपए है।

विश्‍वास न्‍यूज ने जब इसकी पड़ताल की तो दावा भ्रामक निकला। वायरल पोस्‍ट में तस्‍वीर हॉस्‍टल की नहीं है। हालांकि, अब तक जेएनयू में डबल सीटर वाले रूम का किराया 10 रूपए ही था। फीस के साथ इसे भी बढ़ाया गया है।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट में

फेसबुक यूजर नवीन कोहली ने एक पोस्‍ट को अपलोड करते हुए दावा किया कि आज 10 रूपए में चाय समोसा नहीं मिलता और जेएनयू के इन मुफतखोरों को दिल्‍ली जैसे शहर में 10 रूपए में कमरा मिला हुआ है वो भी हमारे टैक्‍स के पैसे से।

इस पोस्‍ट को 14 नवंबर को अपलोड किया गया था। इसे अब तक 177 लोग शेयर कर चुके हैं। यूजर की इस फर्जी पोस्‍ट को लोग सच मानकर कमेंट कर रहे हैं।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल पोस्‍ट में दिख रहे कमरे को ध्‍यान से देखा। देखने में ही यह रूम किसी होटल या पीजी रूम का नजर आ रहा था। इसके बाद हमने इसे गूगल रिवर्स इमेज में अपलोड करके सर्च करना शुरू किया। इसके बाद इसे Yandex में अपलोड करके सर्च किया। यहां से हमें एक वेबसाइट पर यही तस्‍वीर दूसरे एंगल से मिली। इस वेबसाइट के अनुसार, studentsinn.net के दिल्‍ली स्थित शक्ति नगर के स्‍टूडेंट हाउसिंग सेंटर की है।

पड़ताल के दौरान हमें ओरिजनल तस्‍वीर Students Inn के फेसबुक पेज पर मिली। 16 मई 2018 को अपलोड की गई इस तस्‍वीर के साथ बताया गया कि यह फुल फर्निश्ड रूम की तस्‍वीर है, जो किराए पर उपलब्‍ध है।

स्‍टूडेंट इन के फेसबुक पेज पर मौजूद रूम की तस्‍वीरें

पड़ताल के अगले चरण में हमने स्‍टूडेंट इन के ऑफिस में संपर्क किया। वहां हमारी बात राघव से हुई। उन्‍होंने बताया कि जिस तस्‍वीर को जेएनयू के हॉस्‍टल की बताया जा रहा है, वह दरअसल हमारे यहां के एक रूम की है। यह तस्‍वीर नॉर्थ कैंपस के पास शक्ति नगर की है। किसी ने गूगल से इस फोटो को उठा लिया है और गलत दावे के साथ फैला रहा है।

पड़ताल के दौरान हमने जेएनयू के स्‍टूडेंट कृष्ण ठक्‍कर से संपर्क किया। उन्‍होंने हमें अपने हॉस्‍टल के रूम की तस्‍वीरें भेजीं। यह आप नीचे देख सकते हैं।

जेएनयू के हॉस्‍टल के रूम की ओरिजनल तस्‍वीर

अब हमें यह जानना था कि क्‍या वाकई जेएनयू में रूम रेंट दस रूपए है। हमें जेएनयू की वेबसाइट पर 13 नवंबर 2019 का एक प्रेस नोट मिला। इसमें मौजूदा फीस और प्रस्तावित बढ़ोतरी के बारे में जानकारी दी गई है। इस प्रेस नोट के अनुसार, डबल सीटर रूम का रेंट 10 रूपए था, जिसे बढ़ाकर 300 रूपए महीने किया गया था। विरोध के बाद गरीब छात्रों के लिए इसे घटाकर 150 रूपए किया गया। ऐसे ही सिंगल सीटर रूम का किराया 20 रूपए से बढ़ाकर 600 रूपए किया गया था। बाद में इसे 300 रूपए कर दिया गया।

अंत में विश्‍वास न्‍यूज उस फेसबुक अकाउंट की सोशल स्‍कैनिंग करने का फैसला किया, जिसने फर्जी पोस्‍ट अपलोड की थी। हमें पता चला नवीन कोहली नाम के इस शख्‍स ने अपना अकाउंट अप्रैल 2010 में बनाया था। इनके अकाउंट में हमें कई पोस्‍ट ऐसी मिली, जो एक खास पार्टी को निशाना बनाते हुए की गई थी।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि वायरल पोस्‍ट भ्रामक है। तस्‍वीर जेएनयू के हॉस्‍टल की नहीं है। जबकि हॉस्‍टल में डबल सीटर रूम का किराया 10 रूपए था, जिसे बढ़ा दिया गया है।

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