विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। उज्जैन में नाबालिग बच्ची के साथ बलात्कार के आरोपी का एनकाउंट नहीं हुआ है। वह जिंदा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। उज्जैन में नाबालिग लड़की के बलात्कारी के एनकाउंटर के नाम पर एक पोस्ट वायरल हो रही है। इसमें दावा किया जा रहा है कि पुलिस ने बलात्कारी को एनकाउंटर में मार गिराया है।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। यह झूठी साबित हुई। आरोपी जिंदा है। शुरुआत में जरूर कुछ ऐसी खबरें आई थीं कि आरोपी का एनकाउंटर हो गया है। बाद में यह गलत साबित हुईं।
फेसबुक यूजर आशीष शर्मा ने 28 सितंबर को एक पोस्ट करते हुए दावा किया, “उज्जैन में नाबालिग लड़की का बलात्कारी मेडिकल कराते समय अस्पताल से भागने के चक्कर मे पुलिस के द्वारा मारा गया इस घटना दो पुलिसकर्मी भी घायल हो गए …..! यह नया भारत हैं , बेटियों के साथ जो ग़लत करेगा वो बख्शा नहीं जाएगा!”
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। पोस्ट का आकाईव वर्जन यहां देखें।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच के लिए सबसे पहले गूगल ओपन सर्च टूल का इस्तेमाल किया। संबंधित कीवर्ड के आधार पर सर्च करने पर कई जगह मीडिया रिपोर्ट्स मिली। न्यूज 18 की वेबसाइट पर 28 सितंबर को पब्लिश एक खबर में बताया गया कि बच्ची से रेप के आरोपी भरत सोनी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की गिरफ्त से भागने की कोशिश में वह घायल हो गया। पुलिस आरोपी को घटनास्थल पर लेकर गई थी। उसी दौरान आरोपी ने पुलिस वालों को झटका दिया और भागने की कोशिश की। उसे पकड़ने की कोशिश में दो पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें।
सर्च के दौरान जी न्यूज के यूट्यूब चैनल पर एक खबर मिली। 28 सितंबर की इस खबर में बताया गया कि बच्ची से बलात्कार की घटना 25 सितंबर को हुई थी। प्रमुख आरोपी पुलिस से बचने के चक्कर में घायल हो गया था। इसमें कहीं भी एनकाउंटर की बात नहीं कही गई।
गूगल ओपन सर्च के दौरान नईदुनिया की वेबसाइट पर एक खबर मिली। 29 सितंबर की इस खबर में बताया गया, “किशोरी के साथ दुष्कर्म के आरोपित को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए विशेष जांच दल (एसआइटी) वैज्ञानिक साक्ष्य जैसे डीएनए व रक्त के नमूने की रिपोर्ट जुटाने में लगा है। सीसीटीवी के ऑरिजिनल हार्डडिस्क भी जब्त किए जाएंगे। मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाएगा। इस बीच उज्जैन बार एसोसिएशन ने आरोपित की पैरवी नहीं करने का निर्णय किया है। आरोपी को सात दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। भागने के दौरान गिरने से घायल आरोपित के पैर का शुक्रवार को जिला अस्पताल में आपरेशन हुआ।” पूरी खबर यहां पढ़ें।
पड़ताल के दौरान उज्जैन एसपी के एक्स हैंडल पर हमें एक पोस्ट मिली। 28 सितंबर की इस पोस्ट में एक प्रेस नोट को अपलोड किया गया था। इसमें बताया गया कि बालिका के साथ रेप करने वाले को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया।
पड़ताल के अंत में नईदुनिया, उज्जैन के प्रभारी सूर्य नारायण मिश्रा से संपर्क किया। उनके साथ वायरल पोस्ट को शेयर किया। उन्होंने बताया कि शुरुआत में एनकाउंटर की सूचना आई थी, लेकिन बाद में पता चला कि रेप का आरोपी जिंदा है। वायरल पोस्ट फर्जी है।
पड़ताल के दौरान नईदुनिया डिजिटल में भी संपर्क किया गया। वहां के डिप्टी न्यूज एडिटर अरविंद दुबे ने बताया कि उज्जैन दुष्कर्म कांड के आरोपी के एनकाउंटर की खबर झूठी है। यह अफवाह उस समय फैली, जब पुलिस आरोपी को मौके पर ले गई। आरोपी ने वहां से भागने की कोशिश की, जिसे पकड़ लिया गया। उसी दौरान वह गिरकर घायल हो गया था।
जांच के अंत में फर्जी पोस्ट करने वाले यूजर की जांच की गई। पता चला कि आशीष शर्मा नाम का यह यूजर शाहजहांपुर में रहता है। इस अकाउंट को दिसंबर 2020 को बनाया गया था।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। उज्जैन में नाबालिग बच्ची के साथ बलात्कार के आरोपी का एनकाउंट नहीं हुआ है। वह जिंदा है।
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