विश्वास न्यूज की जांच में पता चला कि वायरल तस्वीर असल में पश्चिम चीन के गांसु प्रांत में वेइयुआन-वुडू एक्सप्रेस-वे की है। जिसे अब जम्मू नेशनल हाईवे-44 की बताकर गलत दावों के साथ शेयर किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर हाईवे की एक तस्वीर को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि यह जम्मू नेशनल हाईवे -44 की है।
विश्वास न्यूज अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया। वायरल तस्वीर असल में पश्चिम चीन के गांसु प्रांत में वेइयुआन-वुडू एक्सप्रेस-वे की है, जिसे अब जम्मू नेशनल हाईवे का बताकर शेयर किया जा रहा है।
फेसबुक यूजर ‘अरूण राठी’ ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है, “जम्मू नेशनल हाईवे 44 देखने मे तो विश्वास नही होता ये अपने देश मे है।”
कई अन्य यूजर्स ने भी इस तस्वीर को समान दावे के साथ शेयर किया है। पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें।
वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल तस्वीर ‘virily.com’ नाम की वेबसाइट पर मिली। तीन साल पहले प्रकाशित इस रिपोर्ट में तस्वीर के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक, यह चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) के तहत बनी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजना की तस्वीर है, जिसे उत्तर-पश्चिमी चीन के गांसु प्रांत में बनाया गया है।
सर्च के दौरान हमें वायरल तस्वीर से जुड़ी खबर ‘caixinglobal.com’ की वेबसाइट पर भी मिली। 27 जुलाई 2022 को प्रकाशित खबर में वायरल तस्वीर के साथ शीर्षक लिखा गया है, “चीन के पास राजमार्ग विस्तार की बड़ी योजनाएं हैं।” इसमें चीन के विभिन्न एक्सप्रेस-वे की तस्वीरें भी मौजूद हैं। तस्वीर के कैप्शन में बताया गया, फोटो में दिख रही सड़क, उत्तर-पश्चिमी चीन के गांसु प्रांत में वेइयुआन – वुडू एक्सप्रेस-वे की है।
कई यूजर्स ने पोस्ट के कमेंट में भी इस तस्वीर को चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) की बताया है। जांच को आगे बढ़ाते हुए हमने गूगल पर जम्मू नेशनल हाईवे -44 को लेकर सर्च किया। सर्च में हमें कई तस्वीरें मिली, लेकिन वायरल पोस्ट से जुड़ी कोई तस्वीर नहीं मिली। राष्ट्रीय राजमार्ग – 44 भारत का सबसे लंबा उत्तर-दक्षिण राजमार्ग है जो श्रीनगर से कन्याकुमारी तक 4,112 किमी की लंबाई तक फैला है।
चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) के बारे में सर्च करने पर पता चला कि चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) 2015 में लॉन्च किया गया था। तब चीन और पाकिस्तान के बीच 46 बिलियन डॉलर के 51 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए थे। चीन और पाकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय परियोजना है,जिसका उद्देश्य पूरे पाकिस्तान में सड़कों, रेलमार्गों और पाइपलाइनों के साथ-साथ ऊर्जा, औद्योगिक और अन्य बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाओं के नेटवर्क के साथ कनेक्टिविटी में सुधार करना है। सीपीईसी पश्चिमी चीन में झिंजियांग से उत्तरी पाकिस्तान में खूंजेराब दर्रे के माध्यम से बलूचिस्तान, पाकिस्तान में ग्वादर बंदरगाह तक लगभग 3000 किमी तक फैला है। CPEC को शुरू हुए 8 साल हो चुके हैं।
हमने इस विषय में हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के जम्मू के ब्यूरो चीफ नवीन नवाज़ से भी बात की। उन्होंने हमें बताया कि वायरल तस्वीर जम्मू नेशनल हाईवे-44 की नहीं है।
पड़ताल के अंत में हमने इस पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की सोशल स्कैनिंग की। स्कैनिंग से हमें पता चला कि फेसबुक यूजर अरूण राठी यमुनानगर का रहने वाला है। यूजर को 45 हज़ार लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की जांच में पता चला कि वायरल तस्वीर असल में पश्चिम चीन के गांसु प्रांत में वेइयुआन-वुडू एक्सप्रेस-वे की है। जिसे अब जम्मू नेशनल हाईवे-44 की बताकर गलत दावों के साथ शेयर किया जा रहा है।
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