Fact Check: समुद्र में नहीं मिली जलपरी, सॉफ्टवेयर की मदद से तैयार किया गया ये वीडियो

विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की और पाया कि असली जलपरी पाए जाने का वायरल दावा गलत है। वीडियो एडिटिंग सॉफ्टवेयर के जरिए तैयार किया गया है। जिसे लोग अब असली समझकर शेयर कर रहे हैं।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि समुद्र में असली जलपरी नजर आई है। विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की और पाया कि वायरल दावा गलत है। इसे वीडियो एडिटिंग सॉफ्टवेयर के जरिए तैयार किया गया है, जिसे लोग अब असली समझकर शेयर कर रहे हैं। 

क्या है वायरल पोस्ट में ?

फेसबुक यूजर ने Sandeep Mycal वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है,  “समुंद्र में दिखी असली जलपरी।”

फेसबुक पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया। पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है। सोशल मीडिया पर अन्य यूजर्स मिलते-जुलते दावों के साथ इस वीडियो को शेयर कर रहे हैं।

पड़ताल

वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने वीडियो के कई ग्रैब्स निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया, लेकिन हमें वायरल दावे से जुड़ी कोई जानकारी नहीं मिली। इसके बाद हमने उन्हीं ग्रैब्स को यांडेक्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें असली वीडियो जेजेपीडी प्रोडक्शंस’ के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर अपलोड मिला। वीडियो को 16 फरवरी 2021 को पोस्ट किया गया है। डिस्क्रिप्शन में दी गई जानकारी के मुताबिक, वायरल  वीडियो मनोरंजन के उद्देश्य से बनाया गया है। साथ ही यह भी जानकारी दी गई है कि वीडियो में दिखाए गए सभी चित्र काल्पनिक है और सीजीआई के द्वारा बनाए गए हैं।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने जेजेपीडी प्रोडक्शंस’ चैनल को खंगालना शुरू किया। इस दौरान हमें 25 जुलाई 2021 को इस चैनल पर वायरल वीडियो से जुड़ा एक अन्य वीडियो अपलोड मिला। वीडियो में ग्राफिक डिजाइन यह सिखाता हुआ नजर आ रहा है कि वायरल वीडियो को सॉफ्टवेयर के जरिए कैसे बनाया जा सकता है।

अधिक जानकारी के लिए हमने ग्राफिक डिजाइन एक्सपर्ट ओम प्रकाश से संपर्क किया। हमने वायरल वीडियो को उनके साथ शेयर किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। वीडियो को सॉफ्टवेयर के जरिए बनाया गया है। यह असली वीडियो नहीं है। 

जांच के अंतिम दौर में फेसबुक यूजर Sandeep Mycal की सोशल स्‍कैनिंग की गई। इस दौरान हमें पता चला कि फेसबुक पर यूजर के 4575 मित्र हैं। प्रोफाइल पर दी गई जानकारी के अनुसार, यूजर उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। 

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की और पाया कि असली जलपरी पाए जाने का वायरल दावा गलत है। वीडियो एडिटिंग सॉफ्टवेयर के जरिए तैयार किया गया है। जिसे लोग अब असली समझकर शेयर कर रहे हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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