Fact Check: विपक्ष को ‘निकम्मा’ बताते योगेंद्र यादव का यह वीडियो लोकसभा चुनाव 2024 का नहीं, पुराना है

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल पाया कि वायरल किया जा रहा वीडियो 2019 के एग्जिट पोल के बाद का है। पुराने वीडियो को भ्रामक सन्दर्भ के साथ 2024 लोकसभा चुनाव के हवाले से अब शेयर किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आ चुके हैं और इसी बीच सोशल मीडिया पर योगेंद्र यादव का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें योगेंद्र यादव को विपक्ष को ‘निकम्मा’ बताते हुए उसकी आलोचना करते हुए सुना जा सकता है। अब इसी वीडियो को लोकसभा चुनाव 2024 से जोड़कर शेयर किया जा रहा है।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल किया जा रहा वीडियो 2019 के एग्जिट पोल के बाद का है। पुराने वीडियो को भ्रामक सन्दर्भ के साथ 2024 लोकसभा चुनाव के हवाले से अब शेयर किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक पेज ‘पैनी नजर’ ने वायरल वीडियो को 4 जून 2024 को पोस्ट करते हुए लिखा, ”ये लो जी, ये भी पिघल गये, परिणाम से पहले ही। अब बोल रहे हैं: • निकम्मा विपक्ष एकतरफ़ा चुनाव अब इनका क्या करें। इंडिया गठबंधन के खास सलाहकार।”

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें।

पड़ताल

अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले हमने वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स निकाले और उन्हें गूगल लेंस के जरिये सर्च किया। सर्च में हमें यह वीडियो द क्विंट के यूट्यूब चैनल पर 19 मई 2019 को अपलोड हुआ मिला। कुल 11 मिनट के इस वीडियो में वायरल वीडियो वाला हिस्सा भी देखा जा सकता है। यहां वीडियो के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक, ‘एग्जिट पोल पर प्रतिक्रिया देते हुए, योगेंद्र यादव ने कहा, “यह मोदी पर लोगों का भरोसा नहीं, बल्कि विपक्ष में एक विश्वसनीय चेहरा न होने की वजह है” जो 2019 में एनडीए की वापसी के लिए जिम्मेदार हो सकती है।

19 मई 2019 को द क्विंट की वेबसाइट पर इसी वीडियो पर आधारित खबर भी मिली। यहां दी गई जानकारी के मुताबिक, ”2019 के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए के लिए क्लीन स्वीप की भविष्यवाणी करने वाले अधिकांश एग्जिट पोल पर स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।

वायरल हो जाने के बाद इस वीडियो पर योगेंद्र यादव ने भी पोस्ट करते हुए इसे पांच साल पुराना बताया है।

वायरल पोस्ट से जुड़ी पुष्टि के लिए वीडियो में नजर आ रहे पत्रकार एंथोनी एस रोजरिओ से संपर्क साधा। उन्होंने बताया, योगेंद्र यादव का यह इंटरव्यू उन्होंने 2019 लोकसभा चुनाव के एग्जिट पोल के बाद लिया था, इसे अब फर्जी तरीके से फैलाया जा रहा है।

भ्रामक पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक पेज ‘पैनी नजर’ की सोशल स्कैनिंग में हमने पाया कि इस पेज को पांच हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल पाया कि वायरल किया जा रहा वीडियो 2019 के एग्जिट पोल के बाद का है। पुराने वीडियो को भ्रामक सन्दर्भ के साथ 2024 लोकसभा चुनाव के हवाले से अब शेयर किया जा रहा है।

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