Fact Check: वायरल इमेज में मौजूद कॉन्स्टेबल वृद्ध महिला की पोती नहीं है

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। आज कल सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें एक वृद्ध महिला को एक महिला कॉन्स्टेबल के साथ देखा जा सकता है. पोस्ट में क्लेम किया जा रहा है कि यह वृद्ध महिला इस महिला कॉन्स्टेबल की दादी हैं जिन्होंने बड़ी मेहनत से अपनी पोती को पढ़ाया-लिखाया है. हमारी पड़ताल में हमने पाया कि यह पोस्ट गलत है. फोटो में मौजूद दोनों महिलाओं में कोई रिश्ता नहीं है. महिला कॉन्स्टेबल ने मानवता के आधार पर ज़रूरतमंद देख कर इस वृद्ध महिला की सहायता की थी और उन्हें खाना खिलाया था.

CLAIM 

पोस्ट में क्लेम किया जा रहा है कि यह वृद्ध महिला इस महिला कॉन्स्टेबल की दादी हैं जिन्होंने बड़ी मेहनत से अपनी पोती को पढ़ाया-लिखाया है. पोस्ट के साथ डिस्क्रिप्शन में लिखा है “पति की मौत के बाद झूठे बर्तन धो कर इस दादी ने बनाया अपनी पोती को इनस्पेक्टर… अब नही बोलॉगे नाइस पीक?”

FACT CHECK

हमने अपनी पड़ताल को शुरू करने के लिए सबसे पहले इस तस्वीर का विश्लेषण किया. पोस्ट में दावा किया गया है कि यह महिला इंस्पेक्टर हैं पर तस्वीर को ठीक से देखने पर साफ़ नज़र आता है कि उनकी वर्दी के कंधे पर एक भी सितारा नहीं है. इंस्पेक्टर के कंधे पर 3 सितारे होते हैं.

अब हमने इस तस्वीर का स्क्रीनशॉट लिया और उसे गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया. थोड़ा-सा ढूंढ़ने पर हमारे हाथ उत्तर प्रदेश पुलिस के वेरिफ़िएड ट्विटर हैंडल का एक ट्वीट लगा जिसमें इस तस्वीर को पोस्ट किया गया था. इस ट्वीट के मुताबिक, तस्वीर में मौजूद महिला कॉन्स्टेबल मानवी हैं जिन्होंने एक असहाय महिला की मदद की थी और उन्हें खाना भी खिलाया था. इसी कार्य के लिए डीजीपी ओ पी सिंह ने उनके लिए एक प्रशंसा पत्र जारी किया था जिसे 1 अप्रैल 2019 को UP Police के वेरिफ़िएड अकाउंट द्वारा ट्वीट किया गया था.

इस सिलसिले में हमने डीजी ऑफिस के सोशल मीडिया विभाग में कार्यरत नीरज माथुर से बात की जिन्होंने इस ट्वीट को कन्फर्म किया. उन्होंने हमें बताया कि डीजी द्वारा दिए गए प्रशंसा पत्र को उनके ही ऑफिस द्वारा कॉन्स्टेबल मानवी की तस्वीर के साथ ट्वीट किया गया था.

कॉन्स्टेबल मानवी संत कबीर नगर पुलिस स्टेशन में कार्यरत हैं. इस सिलसिले में हमारी बात संत कबीर नगर पुलिस स्टेशन के SP आकाश तोमर से हुई जिन्होंने कन्फर्म किया कि तस्वीर में मौजूद महिला उनके स्टेशन की ही एक कॉन्स्टेबल मानवी हैं.

इसके बाद हमने कॉन्स्टेबल मानवी से भी बात की जिन्होंने हमें बताया कि ड्यूटी जाते समय थाने के पास एक बैंक के बहार उन्होंने एक महिला को देखा जो ज़रूरतमंद नज़र आ रहीं थीं. मानवी ने महिला को थाने में बिठाया और फिर उन्हें खाना भी खिलाया. साथ में उन्होंने अपने सीनियर को कहके वृद्ध महिला के घर जाने के लिए भी गाडी का इंतज़ाम किया. उन्होंने हमें बताया कि इस वृद्ध महिला से उनका सिर्फ मानवता का रिश्ता है और कोई रिश्ता नहीं है.

इस पोस्ट को जिन्दगी 0 K.M. नाम के एक फेसबुक पेज पर शेयर किया गया था. इस पेज के कुल 665,341 फॉलोअर्स हैं.

निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में हमने पाया कि यह पोस्ट गलत है. फोटो में मौजूद दोनों महिलाओं में कोई रिश्ता नहीं है. महिला कॉन्स्टेबल ने मानवता के आधार पर ज़रूरतमंद देख कर इस वृद्ध महिला की सहायता की थी और उन्हें खाना खिलाया था.

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False
Symbols that define nature of fake news
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