Fact Check: केरल में बस स्टॉप को लेकर हुए हंगामे को दिया जा रहा सांप्रदायिक रंग

बस में बुर्का पहने युवतियों और साड़ी पहने महिला के बीच बहस का वीडियो गलत सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। दरअसल, छात्राएं अपने कॉलेज के सामने बस स्टॉप की मांग कर रही थीं। इस दौरान महिला ने उनसे देर होने पर बहस की थी।

नई दिल्ली (विश्‍वास न्‍यूज)। बस में महिलाओं में हो रही बहस के एक वीडियो को सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक रंग देकर वायरल किया जा रहा है। वीडियो में बस में बुर्का पहने कुछ युवतियों को एक अन्य महिला से बहस करते देखा जा सकता है। कुछ यूजर्स इस वीडियो को शेयर कर दावा कर रहे हैं कि केरल में मुस्लिम महिलाएं किसी अन्य महिला को बिना बुर्के के चढ़ने से मना कर रही हैं।  

विश्‍वास न्‍यूज ने अपनी जांच में पाया कि बस स्टॉप को लेकर किए गए युवतियों के हंगामे को गलत ढंग से सांप्रदायिक रंग देकर वायरल किया जा रहा है। वीडियो को सांप्रदायिक रंग देकर शेयर करने पर पुलिस ने भाजपा नेता के खिलाफ केस दर्ज किया है।

क्या है वायरल

विश्वास न्यूज के वॉट्सऐप टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर यूजर ने इस वीडियो को भेजकर इसकी सच्चाई बताने का अनुरोध किया है।

ब्लू टिक वाले एक्स यूजर ‘भगवा क्रांति’ (आर्काइव लिंक) ने 27 अक्टूबर को इस वीडियो को सांप्रदायिक रंग देते हुए पोस्ट किया।

https://twitter.com/bhagwakrantee/status/1717854361504845865

फेसबुक यूजर Rameswar Maheshwari (आर्काइव लिंक) ने भी इस वीडियो को सांप्रदायिक रंग देते हुए लिखा,

यह कल केरल में है. मुस्लिम महिला यात्रियों का कहना है कि वे महिलाओं को बिना बुर्के के बस में नहीं चढ़ने देंगी. अब, हिंदुओं को अपना सिर ढंकना होगा और उसके बाद ही वे सार्वजनिक परिवहन से यात्रा कर सकते हैं।

हैरानी की बात यह है कि इस घटना को किसी भी टीवी चैनल और किसी अखबार ने कवर नहीं किया।

मीडिया गुप्त रूप से चुप है.”

Women Arguing in Kerala Bus Video

पड़ताल

वायरल दावे की जांच के लिए हमने कीवर्ड से इस बारे में गूगल पर सर्च किया। द न्यूज मिनट की वेबसाइट पर 28 अक्टूबर को खबर छपी है। इसमें लिखा है कि वीडियो केरल के कासरगोड जिले का है। वहां छात्राओं ने उनके कॉलेज के सामने निजी बसों के नहीं रुकने पर प्रदर्शन किया था। इस दौरान बस में नीली साड़ी में दिख रही एक महिला ने देरी होने पर छात्राओं से बहस की और छात्राओं से एक-कर कर बोलने के लिए कह रही हैं। इस मामले के एक अन्य वीडियो में छात्रों के एक गुट को सड़क पर बस को रोके हुए देखा जा सकता है। उनकी मांग थी कि बसें उनके कॉलेज के सामने भी रुकें। यह हंगामा कुंबला-सीथनगोली रूट पर हुआ है। छात्राएं कुंबला के खान्सा महिला कॉलेज में पढ़ती हैं।    

Women Arguing in Kerala Bus Video

इस बारे में हमने कुंबला पुलिस थाने के प्रभारी इंस्पेक्टर अनूब कुमार ई. से बात की। उनका कहना है, “वायरल वीडियो छात्राओं के प्रदर्शन से जुड़ा है। खान्सा महिला कॉलेज के छात्राओं ने बस स्टॉप को लेकर प्रदर्शन किया था। इसको लेकर उनकी एक महिला से बहस हुई थी। दरअसल, जहां पर बस रुकती है, वह जगह कॉलेज से 100 मीटर आगे है। छात्राएं बस को कॉलेज को सामने रोकने की मांग कर रही थीं। इसमें कोई भी सांप्रदायिक मामला नहीं है।

वहीं, कसारगोड थाने के इंचार्ज इंस्पेक्टर अजीत कुमार पी. ने भी वायरल वीडियो का संबंध बस स्टॉप को लेकर छात्राओं के प्रदर्शन का बताया। उन्होंने कहा, “इसमें कोई सांप्रदायिक मामला नहीं है।

29 अक्टूबर को इंडिया टुडे की वेबसाइट पर छपी खबर में लिखा है कि वीडियो को सांप्रदायिक रंग देकर वायरल किए जाने को लेकर युवा कांग्रेस ने केरल के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस से शिकायत की है।

Women Arguing in Kerala Bus Video

1 नवंबर को इंडियन एक्सप्रेस पर छपी खबर के अनुसार, केरल पुलिस ने भाजपा के राष्ट्रीय सचिव अनिल के एंटोनी के खिलाफ केस दर्ज किया है। उन पर एक्स प्लेटफॉर्म पर वायरल वीडियो को सांप्रदायिक दावे के साथ पोस्ट करने का आरोप है। कसारगोड साइबर पुलिस ने दो समुदायों के बीच नफरत फैलाने के आरोप में मामला दर्ज किया है। अनिल ने 27 अक्टूबर को एक्स पर बस में हंगामा करती महिलाओं का वीडियो पोस्ट किया था।  

Women Arguing in Kerala Bus Video

इंस्पेक्टर अनूब कुमार ई. ने कहा है कि वीडियो को फर्जी सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर करने को लेकर कसारगोड साइबर पुलिस ने केस दर्ज किया है। उन्होंने इस तरह की पोस्ट को शेयर नहीं करने की भी सलाह दी।

वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले एक्स यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। इससे पहले भी इस हैंडल से फर्जी और झूठे सांप्रदायिक दावों को शेयर किया गया है। विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में इनकी सच्चाई सामने आई थी।

निष्कर्ष: बस में बुर्का पहने युवतियों और साड़ी पहने महिला के बीच बहस का वीडियो गलत सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। दरअसल, छात्राएं अपने कॉलेज के सामने बस स्टॉप की मांग कर रही थीं। इस दौरान महिला ने उनसे देर होने पर बहस की थी।

False
Symbols that define nature of fake news
पूरा सच जानें...

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

Related Posts
नवीनतम पोस्ट